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अब गुजरात में पुराने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर नए वाहन पर कर सकते हैं इस्तेमाल, जानें क्या है नई नीति
अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी बेचकर नई गाड़ी लेना चाहते हैं लेकिन रजिस्ट्रेशन नंबर बदलना नहीं चाहते तो अब ऐसा करना यह संभव है। हाल ही में गुजरात सरकार ने वाहन रजिस्ट्रेशन से संबंधित नई नीति की घोषणा की है जिसे इस साल जुलाई के अंत तक राज्य में लागू कर दिया जाएगा। अगर वाहन मालिक अपना पुराना वाहन बेचना चाहता है या उसे कबाड़ में देना चाहता है तो नए नियम के तहत वह उस वाहन का नंबर नए वाहन में इस्तेमाल कर सकता है।
इस नीति के तहत पुराने वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर को बनाए रखने के लिए शुल्क निर्धारित किया गया है जो वाहन के प्रकार और नंबर की श्रेणी पर आधारित है। एक पुराने रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल अधिकतम दो बार किया जा सकता है।
नीति के तहत पुराने वाहन को बेचने के 90 दिनों के भीतर रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए आवेदन स्वीकार किया जाएगा। इसके बाद आवेदन देने पर वाहन मालिक को अधिक शुल्क देना होगा। जानकारी के अनुसार, अगर पुराना वाहन बेचने के एक महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन नंबर ले लिया जाता है तो गोल्ड सीरीज नंबर के लिए 40,000 का भुगतान करना होगा। वहीं अगर नंबर लेने में दो महीने लग जाते हैं तो दूसरे महीने में 60,000 और उसके बाद 80,000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
पुराना नंबर नए वाहन पर जारी करवाने के लिए नए वाहन का मालिक की नाम पर रजिस्टर होना अनिवार्य है। किसी भी सूरत में वह नंबर वाहन मालिक के रिश्तेदार या किसी और व्यक्ति को नहीं दिया जाएगा। इसके अलावा नंबर लेते समय वाहन का प्रकार भी नहीं बदला जा सकता। केवल वाहन मालिक के मौत होने की स्थिति में ही नंबर अन्य व्यक्ति को ट्रांसफर किया जा सकता है।
वाहन रजिस्ट्रेशन नंबर से जुड़ी इसी तरह की नीतियां दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भी लागू की गई हैं। गुजरात परिवहन विभाग ने भी लोकप्रिय मांग को देखते हुए राज्य में इसी तरह की नीति अपनाने का फैसला किया है।
बता दें कि गुजरात सरकार अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत 2 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसमें 1.10 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, 70,000 इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और 20,000 इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर शामिल हैं। यह नीति 1 जुलाई, 2025 तक लागू रहेगी।
इस नीति के तहत राज्य में चार्जिंग स्टेशन लगाने वाली कंपनियों को पूंजी निवेश में 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी, जो अधिकतम 10 लाख रुपये हो सकता है। सब्सिडी का लाभ लेने के लिए एक कंपनी को कम से कम 250 चार्जिंग स्टेशन लगाना होगा।
गुजरात सरकार की इलेक्ट्रिक वाहन नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इकोसिस्टम तैयार करने पर जोर दिया गया है। नीति के तहत हाउसिंग और कमर्शियल इंफ्रास्ट्रक्चर में चार्जिंग प्वाइंट खोलने की योजना है। इसके अलावा पेट्रोल पंप पर ईवी चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। सरकार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में स्टार्टअप और युवा निवेशकों को भी प्रोत्साहित करेगी।
राज्य सरकार ने 2025 तक 6 टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम करने का लक्ष्य रखा है। इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी को सीधे ग्राहकों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है।