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गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने कार को बनाया एम्बुलेंस, लाॅकडाउन में बचाई सैंकड़ों की जान
कोरोना महामारी के इस दौर में एक तरफ जहां यातायात से साधनों के बंद कारण भारी दिक्कतों का सामना करने पड़ा, वहीं कई लोग ऐसे भी सामने आए जिन्होंने लॉकडाउन के कारण हताश हो चुके लोगों की हरसंभव तरीके से मदद की और उनके लिए मसीहा बन गए। नागालैंड के मोन के रहने वाले 39 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता होंगनाओ कोन्याक इस लॉकडाउन में फंसे लोगों की मदद के लिए सामने आए।
देश भर में लॉकडाउन से आपात सेवाओं को मुक्त रखा गया था लेकिन इसके बाद भी यातायात के साधनों के नहीं चलने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसे में मरीजों और बीमार लोगों को समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण काफी तकलीफ हुई।
इस मुश्किल समय में होंगनाओ ने अपने एम्बुलेंस से जिले की 48 गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाकर न सिर्फ उनकी मदद की बल्कि उनके बच्चे की जान को भी सलामत रखा। होंगनाओ ने 100 से अधिक मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया ताकि उनका इलाज हो सके।
होंगनाओ ने जरूरतमंदों को अस्पताल पहुंचाने के लिए अपने पिता द्वारा भेंट की गई कार को एम्बुलेंस में बदल दिया। होंगनाओ बताते हैं कि उन्होंने सबसे पहले अपने पड़ोस में एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया था। लॉकडाउन के कारण एम्बुलेंस नहीं मिलने से वह महिला दर्द से तड़प रही थी। तभी किसी ने उनसे सम्पर्क किया और वे बिना देरी किये महिला को अस्पताल पहुंचा दिया।
महिला के समय पर अस्पताल पहुंचने पर उसका सुरक्षित प्रसव हो पाया जिसके बाद वे लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बंद गए। धीरे-धीरे आस-पास के इलाकों में भी उनके मदद के किस्सों के बारे में चर्चा होने लगी। मोन जिला प्रशासन ने भी उनके इस काम के लिए उनकी तारीफ की और एम्बुलेंस सेवा के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया।
होंगनाओ बताते हैं कि वे लोगों की मदद के लिए उनसे कोई किराया नहीं लेते और न ही किसी से आर्थिक सहायता लेते हैं। उनका मानना है कि लोगों की दुआएं ही उनके लिए काफी हैं। वे बताते हैं की समाज में कई लोग ऐसे हैं जिनके पास एम्बुलेंस की सेवा लेने के लिए पैसे नहीं होते हैं। ऐसे में वे उनलोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
होंगनाओ बताते हैं कि उन्हें तेल में काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं। कभी-कभी पेट्रोल पंप वाले उन्हें मुफ्त में तेल दे देते हैं। उन्हें इस बात की खुशी है कि उनके पिता की गिफ्ट की गई कार आज लोगों की जान बचने के काम आ रही है।