Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे पर लॉकडाउन में अपने बच्चों को वापस लाने वाली माताओं की कहानी

"मां" शब्द ही अपने आप बेहद खास होता है तथा इस किरदार करने वाली औरते और भी खास होती। मां का प्यार अपने बच्चों के लिए हमेशा सबसे अधिक होता है और वर्तमान में देश में कोविड19 लॉकडाउन के दौरान इसके कई उदाहरण भी हमें देखने को मिले है।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

आज मदर्स डे के मौके पर हम आपके लिए ऐसे ही मांओ की कहानी लेकर आये ही जिन्होंने देश मे लॉकडाउन के दौरान कड़ी मुसीबतों का सामना करके दूसरे जगह पर फंसे अपने बच्चों को लेकर आये है। आये जानते है इनके बारें में।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

हाल ही में तेलंगाना की निजामाबाद जिले की रहने वाली 50 वर्षीय रजिया बेगम ने आंध्र प्रदेश में फंसे अपने बेटे को लाने के लिए स्कूटर में ही लंबी सफर तय करने की ठान ली है तथा पुलिस से ट्रैवल पास लेकर बेटे को लाने भी चली गयी।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

उन्होंने स्कूटर में ही 1400 किलोमीटर का सफ़र तय किया है। उन्हें यह सफ़र पूरा करने में 3 तीन का समय लगा है। दोनों राज्य में यात्रा करने के लिए पुलिस ने भी मदद की है, उन्हें कई जगह पर रोका गया था।ब तातें चले कि रजिया बेगम की बोधन के असिस्टेंट कमिश्नर वी जयपाल रेड्डी ने मदद की थी।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

रजिया बेगम ने बताया कि उन्होंने लॉकडाउन की वजह सुनसान सड़कों वा खाली गाँवों से होकर गुजरी है। अंतरराज्यीय बॉर्डर पर भी उन्हें नहीं रोका गया तथा पुलिस ने पूरी मदद की है। इस मां को सफर में कई जगह रुकना भी पड़ा था।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

हाल ही में पुणे की रहने वाली एक दिव्यांग मां की कहानी सामने आई है जिसने लॉकडाउन के दौरान दूसरी जगह फंसे अपने बेटे को वापस लाने के लिए 1400 किलोमीटर का सफर तय किया है। इस महिला का नाम सोनू खांदरे है, यह 37 वर्षीय महिला खास तौर पर बनाई गयी होंडा एक्टिवा चलाती है।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

इनका बेटा महाराष्ट्र के अमरावती जिले में अपने रिश्तेदार के घर पर फंसा हुआ था तथा उसकी तबियत भी सही नहीं चल रही थी। जिस वजह से उनकी दिव्यांग मां थोड़ी घबरा गयी थी, ऐसे में उन्होंने लोगों से मदद भी मांगी, लेकिन कहीं कोई मदद ने मिलने पर उन्होंने खुद वाहन से बेटे को वापस लाने का निर्णय लिया।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

पुलिस ने उन्हें कर्फ्यू पास भी दे दिया था, इसके बाद उन्होंने अपनी होंडा एक्टिवा स्कूटर उठाई और चल पड़ी। हालांकि उनका यह सफर भी आसानी नहीं रहा है। हर बार उन्हें हर पुलिस नाके पर पूछताछ के लिए रोका गया, इसके साथ ही कई बार अँधेरे में अकेले में सफर करना पड़ा।

Mothers Day Celebration: इस मदर्स डे लॉकडाउन में फरिश्ता बनी मां को सलाम

कभी एक्टिवा में पेट्रोल खत्म तो कई बार अँधेरा, उन्हें आराम करने के लिए पेट्रोल पंप के पास फूटपाथ में ही सोना पड़ा। उन्होंने अपने ट्रैवल पास खत्म होने से पहले ही अपने बेटे को सुरक्षित वापस ला लिया। इस तरह से दुनिया भर में कई तरह की और भी बहादुर माताओं की कहानियां है जो अभी तक कही नही गयी है। ऐसे माताओं सहित दुनिया भर की माताओं को मदर्स डे की शुभकामनाएं।

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English summary
Mothers Day Celebration: Stories Of Brave Mum Riding Long Distance For Kids.Read in Hindi.
 
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