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अपनी वैगनआर से ऑक्सीजन सिलेंडर बांट रहा है यह शख्स, जानें क्या है वजह
कोविड-19 दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस का कहर बढ़ने लगा है। कोरोना वायरस की बढ़ती लहर के चलते दवाओं, अस्पताल के बेड, आईसीयू और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी चल रही है। मौजूदा समय में सबसे ज्यादा किल्लत ऑक्सीजन सिलेंडर की चल रही है।
लेकिन बिहार राज्य में रहने वाले गौरव राय, एक ऐसे इंसान हैं, जो अपनी मारुति सुजुकी वैगनआर में ऑक्सीजन सिलेंडर की डिलीवरी कर रहे हैं। गौरव राय उन लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन सिलेंजर की जरूरत होती है।
उनके इस काम के कारण ही इन दिनों उन्हें पटना, बिहार में 'ऑक्सीजन मैन' के नाम से जाना जाता है। यह सब तब शुरू हुआ जब उन्हें पिछले साल जुलाई में कोविड-19 का संक्रमण हुआ था। उन्हें पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया था, जहां उनके लिए कोई बेड उपलब्ध नहीं था।
यह तब हुआ था जब कोरोना वायरस की पहली लहर अपने चरम पर थी। उनके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बहुत तेजी से कम हो रहा था और उन्हें सांस लेने में समस्या हो रही थी। उन्हें वार्ड की सीढ़ी के पास रखा गया था। उनकी पत्नी को निजी तौर पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने में 5 घंटे लगे।
यह गौरव के जीवन का एक प्रमुख मोड़ था। इस दंपति ने कोविड स्थिति की गंभीरता को जाना और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को महसूस किया, जिससे हमारा देश गुजर रहा था। जब वह पूरी तरह से ठीक हो गए, तो दंपति ने फैसला किया कि वे उन लोगों के लिए ऑक्सीजन बैंक बनाएंगे, जिन्हें इसकी जरूरत है।
गौरव राय और उनकी पत्नी ने इस पहल में अपना खुद का पैसा लगाया और वे इस सेवा के लिए कोई पैसा नहीं लेते हैं। उन्होंने अपने बेसमेंट में ऑक्सीजन सिलेंडर इकट्ठा करना शुरू किया और जल्द ही बहुत से लोगों ने इस अच्छे काम के लिए सिलेंडर दान करना शुरू कर दिया।
शुरुआत में उनके पास 10 ऑक्सीजन सिलेंडर थे और अब उनकी गिनती बढ़कर 254 सिलेंडर हो गई है। इस गैर-लाभकारी फाउंडेशन द्वारा 200 सिलेंडर दान किए गए थे। उन्हें दिन के किसी भी समय कॉल आ जाती है और ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग की जाती है।
जिसके बाद वह अपनी मारुति सुजुकी वैगनआर की पिछली सीट पर ऑक्सीजन सिलेंडर ले जाते हैं और उन लोगों तक पहुंचाते हैं, जिन्हें इसकी जरूरत होती है। जानकारी के अनुसार गौरव राय अब तक 1100 लोगों तक कीमती ऑक्सीजन पहुंचा चुके हैं।
उन्होंने अपने स्वयं के धन से लगभग 3.15 लाख रुपये खर्च किए हैं। इसके साथ ही उनके अच्छे कार्यों के लिए उनके दोस्तों सहित अन्य लोगों ने लगभग 6 लाख रुपये दान भी किये हैं। यह सेवा गौरव से पूरी तरह से मुक्त है और उन्हें इस पर बहुत गर्व है।