Just In
- 2 hrs ago पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से हैं परेशान, तो आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं ये इलेक्ट्रिक कार, कीमत सिर्फ इतनी!
- 3 hrs ago खरीदना चाहते हैं सेकेंड हैंड बाइक, तो ये हैं टॉप-5 बेहतरीन ऑप्शन, किफायती कीमत में देगी शानदार माइलेज
- 18 hrs ago इस फ्रांसीसी कार कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर बनें MS Dhoni, फीस जानकर हैरान रह जाएंगे आप!
- 20 hrs ago Toyota Fortuner का नया Leader Edition लॉन्च, लेटेस्ट फीचर्स ले है लैस, जानें क्या है खासियत?
Don't Miss!
- News अहंकारी अरबपति... दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी Elon Musk पर क्यों भड़के ऑस्ट्रेलियाई PM?
- Movies Video- मीरा राजपूत के साथ थे शाहिद कपूर, हुआ कुछ ऐसा की पैपराजी पर भड़क गए अभिनेता
- Lifestyle मूंछों की वजह से 10वीं टॉपर का बना मजाक, इस बीमारी से लड़कियों के फेस उगते है बाल
- Education UPSC CDS 2 Final Result 2023 OUT: यूपीएससी सीडीएस 2 रिजल्ट घोषित, कुल 197 अभ्यर्थियों का चयन, सीधा लिंक
- Finance Bharti Airtel Shares: देश की चौथी सबसे बड़ी कंपनी बनी Airtel, शेयर्स ने तोड़ दिए गए रिकॉर्ड
- Technology टोयोटा बना रहा है ऐसा शहर जहां सोलर से मिलेगी बिजली, रोबोट करेंगे सारा काम
- Travel पर्यटकों के लिए खुलने वाला है मुंबई का 128 साल पुराना BMC मुख्यालय, क्यों है Must Visit!
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
India’s First Electric Car: भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार थी लवबर्ड, जानें क्यों हुई फ्लाॅप
आज दुनियाभर की कार कंपनियों के बीच इलेक्ट्रिक कारों को लॉन्च करने की दौड़ चल रही है। देश में टाटा मोटर्स, महिंद्रा, हुंडई जैसे कुछ कंपनियां हर महीने अच्छी संख्या में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री भी कर रहीं हैं। काफी कम लोगों को पता होगा कि भारत में करीब 20 साल पहले एक कंपनी ने देश को पहली इलेक्ट्रिक कार दी थी।
भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में इस इलेक्ट्रिक कार के बारे में अधिक चर्चा नहीं होती क्योंकि यह इलेक्ट्रिक कार फ्लॉप हो चुकी थी। हालांकि, इसके निर्माताओं ने देश को पहली इलेक्ट्रिक कार देने और उसे सफल बनाने का पूरा प्रयास किया था।
करीब 20 साल पहले 1993 में भारतीय कंपनी एड्डी ने 'लवबर्ड' नाम की इलेक्ट्रिक कारों की सीरीज को लॉन्च किया था। यह कार टाटा नैनो के साइज की थी और इसमें दो लोगों के बैठने की जगह दी गई थी। कंपनी ने इसका निर्माण जापान की यास्कावा इलेक्ट्रिक के तकनिकी सहयोग से किया था।
शुरुआत में इस कार का निर्माण केरल के चलाकुडी और केरल के कोयम्बटूर में किया गया था। इस कार में लीड एसिड रिचार्जेबल बैटरी से चलने वाला डीसी इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल किया गया था। चूँकि उस समय लिथियम आयन बैटरी की तकनीक विकसित नहीं थी इसलिए वाहनों में लीड एसिड बैटरी का ही इस्तेमाल किया जाता था।
बैटरी को चार्ज करने में सुविधा हो इसलिए इसे पोर्टेबल बनाया गया था ताकि बैटरी को घर के अंदर भी चार्ज किया जा सके। लीड एसिड बैटरी को चार्ज होने में 6 घंटे लगते थे। छह घंटे के चार्ज में यह कार आसानी से 60 किलोमीटर की रेंज देती थी।
कार में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम इस तरह से बनाया गया था की ड्राइव करते समय यह ड्राइवर को स्मूथ एक्सपीरियंस दे सके। ड्राइविंग अनुभव को बेहतर करने के लिए कार में उस समय की कई मॉडर्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को भी लगाया गया था।
इस कार में ट्रांसमिशन सिस्टम भी लगाया गया था। कार में चार गियर लगे थे, साथ ही एक रिवर्स गियर भी लगाया गया था। इस कार को मुख्य रूप से शहरी ग्राहकों के लिए बनाया गया था। एक परफेक्ट छोटी इलेक्ट्रिक कार होने के बावजूद इस कार की कुछ कमजोरियां भी थीं।
इस कार के साथ पहली समस्या यह थी कि इसमें कम पॉवर के इलेक्ट्रिक मोटर का इस्तेमाल किया गया था जिससे यह कार सड़कों पर काफी धीमी गति से चलती थी। इसके वजह से कार 15 डिग्री से अधिक की खड़ी सड़क पर नहीं चल सकती थी। हालांकि, उस समय फ्लाईओवर काफी कम हुआ करते थे लेकिन यह इस कार की सबसे बड़ी कमी थी।
क्यों प्लाॅप हुई लवबर्ड
लवबर्ड की बिक्री कभी भी 100 यूनिट से ऊपर नहीं नहीं पहुंच सकी। कार की इतनी कम बिक्री के कारण इसे बनाने वाली कंपनी एड्डी को नुकसान होने लगा और इससे निजात पाने के लिए कंपनी ने इस कार का उत्पादन बंद कर दिया। लवबर्ड के विफल होने का सबसे बड़ा कारण था की यह कार भारत में समय से पहले लॉन्च कर दी गई थी।
1990 के दशक में इलेक्ट्रिक व्हीकल तकनीक काफी नई थी और काफी कम लोग इलेक्ट्रिक कारों के बारे में जानते थे। इलेक्ट्रिक कारों की कम रेंज और चार्जिंग में समस्या लोगों के लिए सबसे बड़ी परेशानी थी। उस समय सरकार ने भी कार पर ग्राहकों को मिलने वाली सब्सिडी को बंद कर दिया था जिससे कार काफी महंगी हो गई थी।
इसके अलावा उसे समय मारुति 800 जैसी छोटी और भरोसेमंद फैमिली कार के लॉन्च होने के बाद ग्राहकों का ध्यान इलेक्ट्रिक कार से हट गया। लवबर्ड को कंपनी ने 1993 के ऑटो एक्सपो में भी पेश किया था।
भारतीय बाजार में रेवा के लॉन्च के बाद, इलेक्ट्रिक कार का ट्रेंड फिर से शुरू हुआ लेकिन यह भी लंबे समय तक नहीं चला। महिंद्रा ने रेवा को खरीदने के बाद ई2 ओ को लॉन्च किया गया। वर्तमान में टाटा, एमजी और हुंडई बाजार में इलेक्ट्रिक करों की बिक्री कर रहे हैं। हालांकि, आने वाले समय में भारत में कई नई कंपनियां इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करेंगी।