Just In
- 4 hrs ago अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- 6 hrs ago हो जाइए तैयार: 15 अगस्त को आ रही है Mahindra Thar 5-door SUV, पावरफुल इंजन के साथ मिलेंगी जबरदस्त फीचर्स
- 9 hrs ago Jackie Shroff : बॉलीवुड के जग्गू दादा का कार कलेक्शन देख हैरान हो जाएंगे आप, गैराज में खड़ी है BMW और Jaguar
- 11 hrs ago बीजेपी नेता ने बेटी को गिफ्ट की 2.44 करोड़ की Mercedes-Benz SL55 AMG, VIDEO वायरल
Don't Miss!
- News छत्तीसगढ़ में आदर्श आचार संहिता प्रभावी, निगरानी दलों द्वारा 25 करोड़ रुपए की नगदी और वस्तुएं जब्त
- Lifestyle ड्राई स्किन और डार्क सर्कल के लिए कंसीलर खरीदते हुए न करें ये गलतियां, परफेक्ट लुक के लिए ऐसे करें अप्लाई
- Movies बेटे अकाय के जन्म के बाद अनुष्का शर्मा ने शेयर की अपनी पहली तस्वीर, दूसरी डिलिवरी के बाद ऐसी हो गई हैं हसीना
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Education BSEB Bihar Board 10th Result 2024: बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट 2024 इस हफ्ते के अंत तक आयेगा
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दुनिया भर में लिथियम की सप्लाई हुई कम, बैटरियों और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ेंगी कीमतें
लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल करने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ती मांग के कारण वैश्विक बाजार में लिथियम की मांग बढ़ी है। इससे लिथियम की सप्लाई में कमी उत्पन्न हो गई है। चीन के साथ मुकाबला करने के लिए पश्चिमी देशों में नई खदानों को खोजने के लिए दौड़ चल रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्बिया की सरकार ने गुरुवार को एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई खनन कंपनी रियो टिंटो पीएलसी (Rio Tinto Plc) के मालिकाना हक वाले एक प्रमुख लिथियम प्रोजेक्ट का लाइसेंस कैंसल कर दिया।
मांग के अनुसार नहीं हो रहा उत्पादन
लिथियम का खनन हार्ड रॉक या नमकीन खानों से किया जाता है। हार्ड रॉक खदानों से उत्पादन के साथ ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। अर्जेंटीना, चिली और चीन मुख्य रूप से नमक की झीलों से इसका उत्पादन कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के उद्योग विभाग के अनुसार, लिथियम का कुल वैश्विक उत्पादन 2021 में 485,000 टन, 2022 में 615,000 टन और 2023 में 8,21,000 टन होने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, क्रेडिट सुइस ने लिथियम की आपूर्ति मांग की तुलना में कम होने की आशंका जताई गई थी।
क्रेडिट सुइस ने अपने विश्लेषण के अनुसार, लिथियम का उत्पादन 2022 में 5,88,000 टन और 2023 में 7,36,000 होने का अनुमान लगाया था जबकि इसकी दौरान 2022 में 6,89,000 टन और 2023 में 9,02,000 टन लिथियम की मांग होने की जानकारी दी थी।
चीनी निर्माताओं ने बिगाड़ा खेल
चीनी बैटरी निर्माताओं के द्वारा अधिक मांग होने के कारण लिथियम कार्बोनेट की कीमतें पिछले एक साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। लिथियम उत्पादों की सबसे की सबसे बड़ी उत्पादक, ऑलकेम ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि लिथियम की कीमत प्रति टन 20,000 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) तक बढ़ सकती है, जो पिछले डेढ़ साल की कीमत से 80 प्रतिशत अधिक होगा।
बढ़ेगी ई-वहनों की कीमत
मौजूदा समय में वाहन निर्माता लिथियम की कोई बड़ी कमी का सामना नहीं कर रहे है, लेकिन जल्द ही उत्पादन में कमी की वजह से कीमतें प्रभावित हो सकती है। कई विश्लेषकों और विशेषज्ञों ने बताया है कि जैसे-जैसे अधिक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) की मांग बढ़ेगी, लिथियम की कीमत आसमान छूने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माता लागत कम करने के लिए कीमत का बोझ ग्राहकों पर डालेंगे, इस प्रकार जीवाश्म ईंधन आधारित पारंपरिक वाहनों (आईसीई) को फेज-आउट करने की रफ़्तार धीमी पड़ जाएगी।