Just In
- 1 hr ago
भारत में पहले बिक्री की अनुमति नहीं, तो नहीं लगेगा प्लांट, टेस्ला कार का इंजतार कर रहे लोग हुए निराश
- 2 hrs ago
मारुति की किफायती ईको एमपीवी होगी बंद, इस साल दिवाली में लाॅन्च हो सकता है नया माॅडल
- 4 hrs ago
मारुति सुजुकी की ये शानदार कार हो गई बंद, कम बिक्री के वजह से हो रहा था नुकसान
- 6 hrs ago
इस राज्य में नहीं लगेगा इलेक्ट्रिक वाहनों पर रजिस्ट्रेशन शुल्क, सीएनजी वाहनों पर भी मिली छूट
Don't Miss!
- News
मिशन 2024 के रोडमैप में फिट होने वालों को ही मिलेगा राज्यसभा का टिकट, जातीय संतुलन साधने का भी टास्क
- Finance
मात्र 41000 रु की नयी E-Scooter, साथ में मिल रहा Discount
- Movies
कंगना रनौत की धाकड़ बड़ी फ्लॅाप, देश में सिर्फ 20 टिकट बिकी, ओटीटी पर खरीदार नहीं !
- Technology
PM Modi ने दिल्ली के प्रगति मैदान में किया Drone Mahotsav 2022 का उद्घाटन
- Lifestyle
शरीर को बीमारी से बचाने वाले ग्लूटाथियोन के बारे में कितना जानते हैं आप?
- Education
UP Board Result 2022 Latest Updates यूपी बोर्ड 10वीं 12वीं रिजल्ट 2022 आज घोषित नहीं होगा
- Travel
काफी ऐतिहासिक व धार्मिक है उत्तर प्रदेश, यहां नहीं घूमे तो क्या घूमे
- Sports
जोकोविच ने कोरोना को लिया हल्के में, अब सामने आया राफेल नडाल का बयान
दुनिया भर में लिथियम की सप्लाई हुई कम, बैटरियों और इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ेंगी कीमतें
लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल करने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ती मांग के कारण वैश्विक बाजार में लिथियम की मांग बढ़ी है। इससे लिथियम की सप्लाई में कमी उत्पन्न हो गई है। चीन के साथ मुकाबला करने के लिए पश्चिमी देशों में नई खदानों को खोजने के लिए दौड़ चल रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सर्बिया की सरकार ने गुरुवार को एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई खनन कंपनी रियो टिंटो पीएलसी (Rio Tinto Plc) के मालिकाना हक वाले एक प्रमुख लिथियम प्रोजेक्ट का लाइसेंस कैंसल कर दिया।

मांग के अनुसार नहीं हो रहा उत्पादन
लिथियम का खनन हार्ड रॉक या नमकीन खानों से किया जाता है। हार्ड रॉक खदानों से उत्पादन के साथ ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। अर्जेंटीना, चिली और चीन मुख्य रूप से नमक की झीलों से इसका उत्पादन कर रहे हैं।

ऑस्ट्रेलिया के उद्योग विभाग के अनुसार, लिथियम का कुल वैश्विक उत्पादन 2021 में 485,000 टन, 2022 में 615,000 टन और 2023 में 8,21,000 टन होने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि, क्रेडिट सुइस ने लिथियम की आपूर्ति मांग की तुलना में कम होने की आशंका जताई गई थी।

क्रेडिट सुइस ने अपने विश्लेषण के अनुसार, लिथियम का उत्पादन 2022 में 5,88,000 टन और 2023 में 7,36,000 होने का अनुमान लगाया था जबकि इसकी दौरान 2022 में 6,89,000 टन और 2023 में 9,02,000 टन लिथियम की मांग होने की जानकारी दी थी।

चीनी निर्माताओं ने बिगाड़ा खेल
चीनी बैटरी निर्माताओं के द्वारा अधिक मांग होने के कारण लिथियम कार्बोनेट की कीमतें पिछले एक साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। लिथियम उत्पादों की सबसे की सबसे बड़ी उत्पादक, ऑलकेम ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि लिथियम की कीमत प्रति टन 20,000 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) तक बढ़ सकती है, जो पिछले डेढ़ साल की कीमत से 80 प्रतिशत अधिक होगा।

बढ़ेगी ई-वहनों की कीमत
मौजूदा समय में वाहन निर्माता लिथियम की कोई बड़ी कमी का सामना नहीं कर रहे है, लेकिन जल्द ही उत्पादन में कमी की वजह से कीमतें प्रभावित हो सकती है। कई विश्लेषकों और विशेषज्ञों ने बताया है कि जैसे-जैसे अधिक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों (बीईवी) की मांग बढ़ेगी, लिथियम की कीमत आसमान छूने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माता लागत कम करने के लिए कीमत का बोझ ग्राहकों पर डालेंगे, इस प्रकार जीवाश्म ईंधन आधारित पारंपरिक वाहनों (आईसीई) को फेज-आउट करने की रफ़्तार धीमी पड़ जाएगी।