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जानिए 5 ऐसी लेटेस्ट तकनीकों के बारे में जो हमारी कार और हमारा रखती हैं ख्याल
हमारी जिंदगी में कार की काफी अहमियत है। ड्राइवस्पार्क हिंदी आपको ऐसी तकनीकी चीजों के बारे में बताने जा रहा है जो दुनियाभर की कारों में फिट की जा रही हैं। जानते हैं भविष्य की कारों में लगने वाली इन तकनीकी उपकरणों के बारे में।
टर्बो इंजन
1980 के दौर में टर्बो का इस्तेमाल शुरू हुआ। इसका मकसद था कि ज्यादा से ज्यादा हवा इंजन तक पहुंचाई जा सके, जिससे कि गाड़ी तेज स्पीड के साथ दौड़ सके।
अब इनका इस्तेमाल एमिशन कंट्रोलिंग के लिए होता है। लेकिन भविष्य में इस्तेमाल होने वाले टर्बो ज्यादा से ज्यादा ताकत इंजन को पहुंचाने के साथ ही एमिशन कंट्रोलिंग का भी काम करेंगे।
एलईडी का इस्तेमाल
आजकल एलईडी का इस्तेमाल ज्यादातर डे टाइम लाइटिंग के लिए होता है। कुछ कारों में ही फुल फ्लेज्ड एलईडी हेडलैम्प्स मिलती हैं।
एनईडी हेडलैम्प्स नॉर्मल हैलोजन लैम्प्स के मुकाबले काफी ज्यादा पॉवर लेती है और आने वाली कारों में कुछ ऐसी एलईडी आ सकती हैं जो लंबे वक्त के साथ जलेंगी और पॉवर भी कम लेंगी।
सेफ्टी नेट डिटेक्शन सिस्टम
ज्यादातर एक्सिडेंट रूक सकते हैं अगर पीछे चलने वाला शख्स अपना ध्यान पूरी तरह से रोड और अपने आसपास रखे।
लेकिन हम इंसानों का ध्यान किसी न किसी चीज को देखकर भटक ही जाता है। ऐसे में हादसे की आशंका बढ़ जाती है।
इसे देखते हुए कई कारों में कॉलिजन अवॉइड सिस्टम लगकर आने लगे हैं। इनमें इमरजेंसी आॅटोमेटिक ब्रेकिंग सिस्टम और ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन सिस्टम प्रमुख हैं। दुर्भाग्यवश, ये सिस्टम रडार पर चलते हैं और वो भी हाई फ्रीक्वेंसी पर। ऐसे में भारत में इसपर बैन लगा है।
आॅगमेंटेड रिएलिटी
क्या आपने कभी कार मैनुअल को बारीकी से पढ़ा है? हम अमूमन उसे नजरअंदाज ही कर देते हैं। जब हमारी कार में कुछ कमी आ जाती है तब हम परेशान हो जाते हैं।
कारमेेकर्स ऐसी तकनीक विकसित करने की प्लानिंग कर रहे हैं जिससे कि आप खुद ही अपनी कार की स्थिति जानने के बारे में उत्सुक रहें। इसका नाम है आॅगमेंटेड रिएलिटी।
हुंडई तो आॅगमेंटेड रिएलिटी एप के साथ दस्तक भी दे चुकी है। इसके जरिए आपको यह मालूम होता है कि आपकी कार का कौन सा पार्ट क्या है और यह कैसे काम करता है।
स्काईनेट
गूगल और एप्पल ने एंड्रॉयड आॅटो और एप्पल कारप्ले के जरिए हमारे कार सिस्टम को कंट्रोल करने की शुरुआत की है। अब ज्यादातर नई कारों में मैव, नैविगेशन आदि होता है।
एप्पल कारप्ले को भारत आए ज्यादा वक्त नहीं हुआ है और मारूमि सुजुकी विटारा ब्रेजा में हाल ही एंड्रॉयड आॅटो के साथ दस्तक दी है। स्मार्टफोन का दीवाना हमारा भारत जल्द ही इस नई तकनीक का आदी हो जाएगा।
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