Just In
- 4 hrs ago KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- 7 hrs ago चिलचिलाती गर्मी में लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिला खास हेलमेट, अब और एक्शन में नजर आएगी पुलिस
- 9 hrs ago 100 साल की उम्र में 50 साल पुरानी विंटेज कार चला रहे हैं केरल के बुजुर्ग, VIDEO देख हैरान रह जाएंगे आप!
- 10 hrs ago नई Bajaj Pulsar 400 का टीज़र जारी, बेहतरीन फीचर्स और पावरफुल इंजन के साथ इस दिन होगी लॉन्च
Don't Miss!
- News Kal ka Match Kaun jeeta 23 April: कल का मैच कौन जीता- चेन्नई vs लखनऊ
- Lifestyle Happy Birthday Sachin Tendulkar Wishes: अपने फेवरेट सचिन के 51वें जन्मदिन के मौके पर शेयर करें ये संदेश
- Education UK Board Result 2024: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट कब आएगा? चेक करें डेट और टाइम
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
इमरजेंसी लैडिंग से पहले ईंधन क्यों गिराते हैं विमान, जानें क्या है वजह
हवाई जहाज अक्सर अधिकतम लैंडिंग वेट के मुकाबले ज्यादा वजन के साथ एयरपोर्ट से उड़ते हैं। लेकिन लैंडिंग करते हुए विमानों का वजन कुछ कम हो जाता है। जिससे वह बिना किसी नुकसान के आसानी से लैंडिंग कर सकते है।
एक सामान्य उड़ान के दौरान प्लेन के ईंधन को सामान्य तरीके से जलाया जाता है, जिससे विमान का वजन कम हो जाता है, और वह आसानी से एयरपोर्ट पर लैंड हो जाता है। लेकिन सवाल यह उठता है कि अगर किसी प्लेन को किसी समस्या के चलते इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़े।
कभी-कभी ऐसा होता है कि प्लेन को उड़ान के दौरान कुछ तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ता है तो उसकी इमजेंसी लैंडिंग करानी पड़ती है। ऐसे में विमान का वजन कम करने के लिए ईंधन को जलाने का मौका नहीं मिलता है।
तो सवाल यह उठता है कि ऐसी स्थिति में विमान को हल्का करने करने के लिए क्या किया जाता है। ऐसे में एक ही रास्ता बचता है कि विमान के अतिरिक्त वजन से जल्द से जल्द छुटकारा पाया जाए और इसके लिए विमान के ईंधन को डंप करना पड़ता है।
ऐसा ही एक मामला मंगलवार को डेल्टा फ्लाइट 89 के साथ हुआ था, जिसमें प्लेन के पायलटों द्वारा चुने गए एक्शन के दौरान इंजन की समस्याओं के कारण उन्हें लॉस एंजिल्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।
जिसके बाद उस तकनीकी समस्या को दूर करके वाइड-बॉडी प्लेन बोइंग 777 में लंबी दूरी के लिए ईंधन को भरा गया और फिर उसने शंघाई के लिए उड़ान भरी। उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी के चलते प्लेन के कप्तान के पास तीन विकल्प होते हैं।
पहला यह कि वह जल्दी और अधिक वजन के साथ प्लेन को लैंड करा सकता है, जो कि प्लेन के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है और लैडिंग के दौरान जरा सी चूक के चलते पूरे प्लेन में विस्फोट या आग लग सकती है।
दूसरा अधिकतम लैंडिंग भार तक पहुंचने के लिए लंबे समय तक उड़ान भरते रहे औ ज्यादा से ज्यादा ईंधन को जला दें, जिसे आसानी से लैंड किया जा सके, लेकिन आपातकालीन स्थिति में ऐसा करना संभव नहीं होता है।
तीसरा विकल्प यह है कि विमान के ईंधन को जलाने के बजाय उसे डंप कर दिया जाए। ईंधन को डंप करना आपातकालीन स्थिति में एक बहुत ही आसान और सुरक्षित तरीका है, जिससे जल्द ही इमरजेंसी लैंडिंग की जा सकती है।