Just In
- 25 min ago नई Land Rover Defender के साथ नजर आयी बॉलीवुड सिंगर Neha Kakkar, कीमत जान होश उड़ जाएंगे!
- 1 hr ago ये हैं देश की टॉप-3 कॉम्पैक्ट SUV! डिजाइन से लेकर फीचर तक में बवाल, Hyundai Creta का है बोलबाला!
- 17 hrs ago टोल प्लाजा पर अब नहीं होंगे ये बोर्ड! केंद्र सरकार ने लिया अहम फैसला, जानें डिटेल्स
- 23 hrs ago Bigg Boss फेम आयशा खान ने खरीदी MG की ये धांसू कार, जानें क्या है खासियत?
Don't Miss!
- News siddhi news: इस गांव में लोगों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया, अभी तक एक भी वोट नहीं डाला गया
- Finance Gold Mutual Funds Investment: क्या गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना है आपके लिए फायदेमंद?
- Lifestyle Mahavir Jayanti 2024: कब मनाया जाएगा जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व महावीर जयंती, जानें इसका इतिहास
- Education JAC 10th Result Marksheet Download: झारखंड बोर्ड 10वीं मार्कशीट कैसे डाउनलोड करें?
- Movies Loksabha Elections 2024: रजनीकांत से लेकर विजय तक, इन सितारों ने आम लोगों संग लाइन में खड़े होकर डाले वोट
- Travel दुनिया के सबसे व्यस्त एयरपोर्ट्स की लिस्ट में दिल्ली का IGI एयरपोर्ट भी शामिल
- Technology Samsung Galaxy M35 भारत में 6000mAh बैटरी के साथ होगा लॉन्च, यहां जानें सबकुछ
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
किराए पर ली गई गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी होगा ट्रांसफर, बीमा कंपनी को देना होगा मुआवजा
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों वाहन इंश्योरेंस को लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर किराए पर गाड़ी ली जाती है तो उसका थर्ड पार्टी बीमा कवर भी ट्रांसफर माना जाएगा। इस स्थिति में वाहन को किराये में लेने वाला व्यक्ति वाहन मालिक माना जाएगा। अगर किराये पर लेने के बाद गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है तो इंश्योरेंस कंपनी को मुआवजा देना होगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सामने यह सवाल था कि यदि वाहन इंश्योर्ड है और उसे एग्रीमेंट के तहत कॉरपोरेशन तय रूट पर चला रहा है और इस दौरान दुर्घटना हो जाती है तो मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनी जिम्मेदार होगी या कॉर्पोरेशन या फिर वाहन मालिक?
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि एग्रीमेंट के तहत कॉरपोरेशन वाहन मालिक की तरह है क्योंकि उस वाहन की कमांड उसके पास है। ड्राइवर या कंडक्टर उसके अंदर काम कर रहे हैं। ऐसे में वाहन के साथ बीमा पॉलिसी भी ट्रांसफर मानी जाएगी।
बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट के सामने यूपी स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन के साथ एक मालिक का एग्रिमेंट से जुड़ा मामला आया था। एग्रिमेंट के मुताबिक वाहन मालिक ने यूपी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन को बस किराये पर दी थी। किराये की अवधि के दौरान बस मालिक ने इंश्योरेंस करा रखा था।
यह बस 25 अगस्त 1998 को एक हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में एक शख्स की जान चली गई। परिजनों ने मोटर एक्सिडेंट क्लेम ट्रब्यूनल में अर्जी दे कर मुआवजा मांगा। ट्रिब्यूनल ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह परिजनों को 1.82 लाख मुआवजे के साथ 6 प्रतिशत ब्याज भी दे।
लेकिन, बीमा कंपनी ने इस फैसले को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि थर्ड पार्टी मुआवजे के भुगतान की जिम्मेदारी बीमा कंपनी को नहीं है, क्योंकि बस किराये पर यूपी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन चला रहा था। इसके बाद कॉरपोरेशन ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई को बाद बुधवार को इस केस में फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अगर गाड़ी मालिक से कोई कंपनी या संस्था किराये पर लेती है तो वाहन के साथ उसका थर्ड पार्टी इंश्योरेंस भी ट्रांसफर माना जाएगा। एग्रिमेंट के अवधि के दौरान अगर गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होती है तो बीमा कंपनी मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार होगी।