India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

जब क्लासिक कारों की बात होती है है तो हमारे जुबान पर सबसे पहले एम्बेसडर का नाम आता है। यह कार भारत के इतिहास में वाकई सबसे प्रसिद्ध कार रही है, लेकिन एम्बेसडर के साथ ही देश में एक ऐसी कार भी बन रही थी जो उस समय भारतीय ऑटोमोबाइल जगत में आत्मनिर्भरता की मिसाल थी। दरअसल, यह कार अरविंद मोटर्स की 'मॉडल-3' कार थी जिसे केरल के तिरुवनंतपुरम में 1966 में बनाया जा रहा था।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

इस कार को केरल के ही लोकल मैकेनिक केएबी मेनन ने डिजाइन किया था। केएबी मेनन के पेशेवर कार मैकेनिक थे जिन्होंने अपने बलबूते पर कार कंपनी खड़ी की और निर्माण शुरू किया। उन्होंने इस कार के निर्माण में किसी भी बाहरी कंपनी की सहायता नहीं ली। केएबी मेनन इस कार को भारत के आम नागरिकों के लिए पेश करना चाहते थे।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

दरअसल, 1960 के दशक में भारत में अधिकतर कार कंपनियां अमेरिका और यूरोप की थीं, उस समय किसी आम भारतीय नागरिक का कार कंपनी खोलना काफी बड़ी बात थी। मॉडल-3 का डिजाइन कुछ हद तक अमेरिकी कार कैडिलैक से प्रेरित था।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

इस कार में लंबा बोनट और इतना ही लंबा बूट स्पेस दिया गया था। यह कार साइज में एक बड़ी सेडान कार के बराबर थी जो उस समय केवल अमेरिका और यूरोप के देशों में उपलब्ध थी।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

इस कार का डिजाइन साधारण लेकिन काफी आकर्षक था। कार का हेडलाइट, ग्रिल, विंडो साथ ही कई जगह क्रोम की फिनिशिंग देखी जा सकती है। कार के सामने बोनट पर 'अरविंद' का लोगो देखा जा सकता है जिसे सैंड कास्टिंग से बनाया जाता था।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

इस कार में फिएट का 1100 मॉडल का डीजल इंजन का इस्तेमाल किया जाता था जो उस समय काफी बेहतर इंजन मानी जाती थी और कई कारों में इस्तेमाल की जाती थी। बाद में इस कार में मर्सिडीज-बेंज इंजन का भी इस्तेमाल किया गया था।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

दशक में अरविंद मोटर्स के प्लांट में इस कार के अधिकतर पुर्जों हाथों से ही तैयार किया जाता था। हालांकि, निवेश की कमी होने के कारण मेनन को अपने ब्यापार को बढ़ाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

1970 की शुरुआत में मेनन ने भारत सरकार वित्तीय सहायता की गुहार लगाई और कंपनी के विस्तार के लिए लाइसेंस की मांग की, लेकिन सरकार ने अरविंद मोटर्स को नजरअंदाज करते हुए लाइसेंस मारुति को दे दिया। सरकार की इस फैसले से कंपनी के विकास पर प्रभाव पड़ने लगा।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

मेनन के अरविंद मोटर्स की देखरेख अभी उनके पोते कर रहे हैं। वे बताते हैं कि मॉडल-3 कार उस समय 5,000 रुपये में बिकती थी और तिरुवनंतपुरम में काफी पॉपुलर कार थी। उस समय इस कार को कई फिल्मी कलाकारों ने भी ख़रीदा था।

India’s First Indigenous Car: भारत की पहली देसी कार थी अरविंद माॅडल 3, दोबारा लाॅन्च होने को है तैयार

कम बिक्री और निवेश की कमी के कारण आखिरकार 1971 में अरविंद मोटर्स को कारोबार बंद करना पड़ा और इसी साल कंपनी के जनक केएबी मेनन का हृदयघात के कारण निधन हो गया। उनके जाने के बाद कंपनी के देख रेख उनकी पत्नी करने लगीं। फिलहाल, कंपनी एक इलेक्ट्रिक कार के साथ दोबारा बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है।

Most Read Articles

Hindi
English summary
India’s first indigenous car Arvind Model 3 and its story. Read in Hindi.
Story first published: Tuesday, January 19, 2021, 18:43 [IST]
 
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X