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IAF C-17 & IL-76 Aircraft Transport Oxygen: भारतीय वायु सेना ने विमानों से ऑक्सीजन पहुंचाना किया शुरू, जानें
भारतीय वायु सेना ने यह खुलासा किया है कि उसने अपने सी-17 ग्लोबमास्टर-III और आईएल-768 विमान में ऑक्सीजन ले जाने वाले ट्रकों को ट्रांसपोर्ट करना शुरू कर दिया है। यह भारतीय वायु सेना द्वारा किया गया एक सराहनीय काम है, क्योंकि यह ट्रांसपोर्ट देश के एक हिस्से से दूसरे स्थान पर ऑक्सीजन को पहुंचाने में लगने वाले समय को बहुत कम कर देता है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर शुद्ध ऑक्सीजन की मांग सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। कोविड-19 वायरस की दूसरी लहर देश के चारों ओर फैली हुई है। कोविड-19 मामलों की रोजाना संख्या कभी भी इतनी ज्यादा नहीं रही है, जितनी इस बार सामने आ रही है और यह लगातार बढ़ती जी रही है।
साल 2020 में जब कोविड-19 वायरस की पहली लहर देश में आई थी, तो सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया था। प्रतिदिन रिपोर्ट किए जाने वाले मामलों की संख्या एक लाख के पार नहीं गई थी। लेकिन इस बार रोजाना संक्रमण के मामलों का आंकड़ा तीन लाख के पार पहुंच चुका है।
इस साल कोरोना वायरस ज्यादा विकराल रूप में आया है। राज्य सरकारें, चिकित्सा कर्मचारी, फ्रंटलाइन वॉरियर, नागरिक, निजी कंपनियां और यहां तक कि सार्वजनिक कंपनियां भी इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल हुई हैं। अब भारत के सशस्त्र बल भी इस लड़ाई में शामिल हो गए थे।
वे इस लड़ाई का सबसे बेहतर तरीके से समर्थन कर रहे थे। अब भारतीय वायु सेना ने खुलासा किया है कि उसने अपने बड़े कार्गो विमानों के साथ क्रायोजेनिक ऑक्सीजन कंटेनर ट्रकों का ट्रांसपोर्ट शुरू कर दिया है। पूरे भारत में कई शहरों में शुद्ध मॉलिकुलर ऑक्सीजन की मांग अपने चरम पर है।
जो ट्रक क्रायोजेनिक प्लांट से मॉलिकुलर ऑक्सीजन को अस्पतालों में ले जाते हैं या जरूरत के हिसाब से स्टेशन को भरते हैं, वे कई कारणों के चलते सीमित होते हैं। इसमें सबसे बड़ा लिमिटेड कारण टाइम है। ऑक्सीजन देने के लिए ट्रकों को कभी-कभी सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है।
इस प्रक्रिया में कई घंटे लगते हैं, कभी-कभी रात भर ड्राइव करने की भी आवश्यकता होती है। इसके अलावा इसमें ड्राइवर के थकने, यातायात बाधाएं और ईंधन भरवाने जैसे कई और कारण हैं, जिनसे ऑक्सीजन को अपने स्थान तक पहुंचने में काफी समय लग जाता है।
भारतीय वायु सेना ने पाया है कि उसके विशाल मालवाहक विमानों के उपयोग से उपरोक्त सभी सीमित कारकों में बड़े पैमाने पर कटौती की जा सकती है। ऑक्सीजन कंटेनर ट्रेलर को ले जाने वाला ट्रक विमान में चढ़ जाता है और विमान कई मिनटों के भीतर दूरी तय कर लेता है।
इस ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किए जा रहे विमान इल्युशिन आईएल-76 और सी-17 ग्लोबमास्टर-III हैं, जो इंडियन एयर फोर्स के शस्त्रागार में सबसे बड़े माल वाहक विमान है। इल्युशिन आईएल-76 एक मल्टीपरपज स्ट्रैटेजिक एयरलिफ्टर है, जिसे इल्यूशिन डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है।