इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए देश में पर्याप्त चार्जिंग स्टेशनों के जरूरत है। ईवीकॉन इंडिया 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए 2030 तक देश भर में 46,000 चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण करना होगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

इस रिपोर्ट में भारत में चार्जिंग स्टेशनों और इलेक्ट्रिक वाहनों के अनुपात पर आंकड़े जारी किये गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन और नेदरलैंड जैसे देशों में एक चार्जिंग स्टेशन पर 6 इलेक्ट्रिक वाहन हैं। वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका में एक चार्जिंग स्टेशन पर 19 इलेक्ट्रिक वाहनों का भार है। जबकि भारत में एक चार्जिंग स्टेशन पर 135 इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने का भार है जो तुलनात्मक रूप से काफी अधिक है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए तेजी से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण नहीं किया गया तो भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों एक विकास की रफ्तार धीमी पड़ सकती है। कहा जा रहा है कि भारत में प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद बिक्री को बढ़ा दे रही है जिससे आने वाले समय में भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के सबसे बड़े बाजारों में से एक होगा।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

फिलहाल भारतीय ई-वाहन बाजार भी वैश्विक चिप संकट और उपकरणों की आपूर्ति में कमी से जूझ रहा है। हालांकि, आने वाले कुछ साल में ईवी सेक्टर इस समस्या से बाहर आ जाएगा। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर भी रिसर्च और इनोवेशन में पीछे नहीं है। इसके अलावा भारत में ईवी बैटरी सेल और सेमीकंडक्टर बनाने वाली कंपनियां भारी निवेश कर रही हैं। इससे यह साफ है कि आने वाले कुछ साल ईवी उपकरणों के लिए भारत की दूसरे देशों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

बता दें कि भारत में 13 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, बिहार और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पंजीकृत हैं। भारत में सबसे ज्यादा दोपहिया और तीनपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को खरीदा जा रहा है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) फेज- II योजना के तहत, 68 शहरों में 2,877 सार्वजनिक ईवी (EV) चार्जिंग स्टेशन और 9 एक्सप्रेसवे और 16 हाईवे पर 1,576 ईवी चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित करने की योजना को स्वीकृति दी गई है। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल 2,826 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन चालू हैं।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए हाईवे और एक्सप्रेसवे पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं, ताकि चार्जिंग की समस्या को कम किया जा सके। NHAI ने हाईवे और एक्सप्रेसवे के कई नए परियोजनाओं में चार्जिंग स्टेशनों भी स्थापित करने की स्वीकृति दी है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 2030 तक 46,000 चार्जिंग स्टेशनों की होगी जरूरत

केंद्र सरकार 2030 तक निजी कारों में 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक कारों में 70 प्रतिशत, बसों में 40 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों में 80 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की उम्मीद कर रही है।

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English summary
India needs to set up 46000 ev charging stations by 2030 details
Story first published: Friday, July 29, 2022, 18:56 [IST]
 
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