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Highest Motorable Roads In India: भारत के दस सबसे ऊंचे मोटरेबल रोड, चौंकाने वाले हैं यह नाम
वर्तमान में देश-दुनिया के लिए संकट भरा समय चल रहा है। कार/बाइक के दीवाने अब घर में फंसे हुए है और बाहर घूमने नहीं जा पा रहे हैं। अब धीरे-धीरे स्थिति थोड़ी सामान्य हो रही है लेकिन पहले जैसे सामान्य से थोड़ा अलग है।
वैसे तो वर्तमान में सफर बंद कर दिया गया है, ऐसे में स्थिति सामान्य होने के बाद आपके जानें के लिए हम भारत की सबसे ऊँची मोटरेबल् सड़क की लिस्ट लेकर आये हैं। हमने इसे आपके लिए दो कैटेगरी में बांट दिया है जिसमें एक खास परमिशन वाला है तथा एक सामान्य है जिसमें कोई खास परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती है।
रोड/पास जिसमें खास परमिशन की जरूरत पड़ती है
1. उम्लिंगला टॉप - ऊंचाई 5882 मीटर (19,300 फीट)
इस लिस्ट में लद्दाख की उम्लिंगला टॉप पहले नंबर पर है। उम्लिंगला टॉप देश की सबसे अधिक ऊंचाई वाली सड़क है, यह लद्दाख से करीब 235 किलोमीटर दूर है। यह भारत और चीन के एलएसी के पास स्थित है जिस वजह से यहां जाने के लिए खास परमिशन की जरूरत पड़ती है।
उम्लिंगला टॉप पर सामान्य जगह के मुकाबले ऑक्सीजन स्तर कम 50 प्रतिशत हो गया है। इस 86 किलोमीटर लंबी सड़क को बीआरओ ने बनाया है, इसकी ऊँचाई अधिकतम 19,300 फीट तक जाती है। यह चिस्मुले व डेमचोक को जोड़ता है। यहां जाने के लिए आईएलपी (इनर लाइन परमिट) की जरूरत पड़ती है।
2. डूंगरी ला - ऊंचाई 5610 मीटर (18,406 फीट)
डूंगरी ला, जिसे आमतौर पर माना पास नाम से भी जाना जाता है, 2017 तक यह देश की सबसे ऊँची रोड हुआ करती थी। तिब्बत और भारत के बॉर्डर पर होने की वजह से यहां पर जाने के लिए आर्मी व जिला न्यायधीश दोनों के परमिशन की जरूरत पड़ती है। इसका निर्माण बीआरओ ने 2005 - 2010 के दौरान किया था, इसकी उंचाई 18,406 फीट है। यह बद्रीनाथ से भी जाया जा सकता है, यह भारत और तिब्बत को ज़स्कर पर्वत शृंखला के माध्यम से जोड़ता है।
3. मार्सिमिक ला - ऊंचाई 5582 मीटर (18,314 फीट)
लेह के 96 किलोमीटर पूर्व में बसा मार्सिमिक, चैंग-चेंमो रेंज में बसा माउंटेन पास है। पैन्गौंग सो लेक थोड़े से पहले, लेक को दूसरी तरफ उत्तर में एक रोड जाता है जो पहाड़ों में लेकर जाता है। इस रोड में 20 किलोमीटर आगे मार्सिमिक है, इस पास पर चढ़ने के लिए लेह स्थित डिप्टी कमिश्नर की खास परमिशन लगती है।
4. फोटी ला - ऊंचाई 5524 मीटर (18,124 फीट)
लद्दाख इलाके में ज़न्सकर रेंज में यह माउंटेन पास है जो इस लिस्ट में हाल ही में शामिल हुई है। यह हान्ले मोंटेसरी से करीब 30 किलोमीटर दूर हान्ले-फोटी ले रोड पर स्थित है। यहां पर जाने के लिए आर्मी के खास परमिशन के जरूरत होती है, इस इलाके में ऑक्सीजन स्तर कम होने की वजह से बहुत से लोग यहां नहीं जाते हैं।
5. दोंग्खा ला - ऊंचाई 5500 मीटर (18,000 फीट)
भारत में उत्तर सिक्किम को तिब्बत से जोड़ने वाला दोंग्खा ला है। यह जगह गुरुडोंगमार लेक से करीब 5 किलोमीटर दूर है, यह लेक बौध्द धर्म मानने वालों के लिए एक पवित्र लेक है तथा दुनिया में सबसे ऊँचे लेक में से भी एक है। तिब्बत बॉर्डर से सटे होने के कारण आम लोगों को वहां पर जाने के लिए भारतीय सेना से खास परमिशन लेनी पड़ती है।
6. काकसांग ला - ऊँचाई 5438 मीटर (17,841 फीट)
काकसांग ला, लद्दाख इलाके में स्थित है. यह माहे व चुसूल इलाके में स्थित है। इस पास के रास्ते में शानदार लेक व आकर्षक दृश्य देखनें को मिलते हैं। बाकी अन्य पास की तरह यहां भी जाने के लिए आर्मी से खास परमिशन की जरूरत पड़ती है. भारतीय नागरिको के लिए पास मिलना थोड़ा आसान है लेकिन विदेशियों के लिए थोड़ा मुश्किल है।
रोड/पास जिसमें खास परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती है
7. चांग ला - ऊँचाई 5360 मीटर (17,586 फीट)
चांग ला, लेह की सबसे प्रसिद्ध माउंटेन पास में से एक है तथा पैन्गोंग त्सो लेक का रास्ता है। चांग ला लेह में सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली सड़क इमं से एक है, यहां पर दुनिया की सबसे ऊँची रिसर्च स्टेशन डीआरडीओ द्वारा बनाई गयी है। इस सड़क पर जाने के लिए आपको कोई खास परमिशन की जरूरत नहीं पड़ती, इस सड़क को बीआरओ ने ही बनाया है।
8. खर्दुंग ला - ऊँचाई 5359 मीटर (17,582 फीट)
अधिकतर बहुत से लोग खर्दुंग ला को दुनिया की सबसे अधिक ऊँचाई वाली सड़क है, लेकिन यह लिस्ट में 8 वें नंबर पर है। खर्दुंग ला लद्दाख इलाके में स्थित है, यह श्योक व नुब्रा वैली को जाती है। इसे 1976 में बनाया गया था तथा पब्लिक वाहन के लिए 1988 में खोला गया था। भारतियों को इस सड़क में जाने के लिए कोई पास नहीं लगता है।
9. टैंगलांग ला - ऊँचाई 5328 मीटर (17,480 फीट)
लेह-मनाली हाईवे पर चलते हुए 5328 मीटर की ऊँचाई पर टैगलांग ला स्थित है। लेह-मनाली हाईवे पर पांच पास में से टैगलांग ला सबसे अधिक ऊँचाई में हैं। यह सड़क बहुत ही अच्छे से बनाई गयी है लेकिन इसमें धुल बहुत मिलती है।
10. वारी ला - ऊँचाई 5312 मीटर (17,428 फीट)
नुब्रा वैली व पैन्गौंग त्सो को वारी ला सीधे जोड़ती है। हालांकि यह देश की सबसे कम उपयोग की जाने वाली सड़क में से एक है। यह बहुत ही सुनसान इलाके में से है तथा हो सकता है कि इसमें सफर के दौरान एक वाहन भी दिखाई ना पड़े। इस सड़क पर चलना बहुत ही खतरनाक हो सकता है क्योकि इसकी स्थिति बहुत ही खराब है।
Source: Motoroids