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बिहार में प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल पर होगी कारवाई, परिवहन विभाग ने जारी किया हेल्प लाइन नंबर
बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां देश में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण की समस्या है। यहां ट्रैफिक नियमों का कोई छोड़ नहीं है। बिहार में ट्रैफिक नियमों को लेकर इनती कम जागरूकता है कि ये देश के अव्यवस्थित ट्रैफिक वाले शहरों में गिना जाता है।
बिहार परिवहन विभाग का भी ध्यान ट्रैफिक और ध्वनि प्रदूषण जैसी समस्याओं पर नहीं जाता है। बिहार में ध्वनि प्रदूषण आने वाले समय में एक बड़ी समस्या के तौर पर सामने वाला है। बिहार के सड़कों पर बिना वजह हॉर्न बजाने की समस्या आम है।
हालांकि अब परिवहन विभाग इसे लेकर सचेत नजर आ रहा है। इसका उदहारण रविवार को बिहार राज्य परिवहन विभाग के द्वारा जिला परिवहन अधिकारियों को शख्त निर्देश देकर दिया है। यह निर्देश राज्य में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को लेकर दिया गया है। शहर में शोर के स्तर को नीचे लाने के लिए राज्य परिवहन विभाग ने प्रेशराइज़्ड हॉर्न्स के इस्तेमाल पर राजधानी में प्रतिबंध लगा दिया है।
राज्यभर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। बिहार परिवहन विभाग ने सभी जिला अधिकारियों को अपने जिला में ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने को कहा है। इसके तहत परिवहन विभाग का फ्लाइंग मोटर स्कॉवड और यातायात पुलिस ट्रैफिक अधिनियम 1988 के प्रावधानों के अनुसार उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाएगा।
साथ ही राज्य परिवहन विभाग ने जिला परिवहन अधिकारियों को प्रेशर हॉर्न और बुलेट मोटरबाइक के संशोधित साइलेंसर वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। वही बिना कारण हॉर्न बजाने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।विभाग ने आम लोगों से भी अपील की है कि अगर कोई वाहन मालिक प्रेशर हॉर्न और संशोधित साइलेंसर का उपयोग करता है, तो इसके खिलाफ संबंधित डीटीओ में जरूर शिकायत दर्ज कराएं।
ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 2000 के अनुसार प्रेशर हॉर्न के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि यह 120 डेसिबल से ऊपर का शोर उत्पन्न करता है। बिहार परिवहन विभाग ने नए नियमों के तहत संशोधिक साइलेंसर का उपयोग करने वाले बाइकर्स पर मोटर वाहन अधिनियम 190 (2) के तहत कारवाई करेगा।
परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने इस बारे में अघिक जानकारी देते हुए कहा कि लोग शो-ऑफ के लिए अपनी बुलेट मोटरसाइकिल में साइलेंसर को संशोधित करते हैं। "जैसे ही लोग बुलेट मोटरबाइक खरीदते हैं, वे साइलेंसर को बदलते हैं ताकि ध्वनि को मजबूत किया जा सके। बुलेट की थप-थप की आवाज अन्य ड्राइवरों के साथ-साथ पैदल चलने वालों को भी परेशान करती है।
उन्होंने आगे कहा कि संशोधित साइलेंसर वाली बुलेट का उपयोग करने वाले लोगों को पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। "यातायात कानून के तहत, उन्हें सार्वजनिक उपद्रव करने के लिए चेतावनी भी मिलेगी। अगर किसीको दूसरी बार भी नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाता है, तो विभाग मोटरसाइकिल जब्त कर लेगा।"
उन्होंने कहा कि संशोधित साइलेंसर के साथ प्रेशर हॉर्न और बुलेट बाइक के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। साथ ही जागरूकता पैदा करने के लिए चौराहों और सिटी बसों में कई प्रकार के स्टिकर लगाए गए हैं।"
आम लोग भी हमारे इस अभियान के साथ जुड़ सकते है। अगर वे अपने आस-पास ऐसे किसी भी वाहन को देखते है, जो नियमों का उल्लघंन कर रहा है, तो 6202751158 पर वाहन संख्या के साथ डटीओ को शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके साथ इस तरह की शिकायत यातायात पुलिस और 100 डायल कर भी किया जा सकता हैं।"