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पुराना वाहन स्क्रैप कराने पर बढ़ सकती है टैक्स में छूट- नितिन गड़करी
केंद्रीय मंत्री, नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत सरकार हाल ही में शुरू की गई स्क्रैपेज नीति के तहत पुराने मॉडलों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे गए वाहनों पर अधिक कर रियायत प्रदान करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सरकार द्वारा अनुमोदित मारुति सुजुकी टोयोत्सु स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग सुविधा के हाल ही में आयोजित उद्घाटन समारोह में, केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि स्क्रैपेज नीति प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी।
नई नीति के तहत, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले नए वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत तक कर छूट प्रदान करेंगे। गडकरी ने कहा कि उन्होंने जीएसटी परिषद से राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रैपेज नीति के तहत प्रदान किए जा सकने वाले प्रोत्साहनों को बढ़ाने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने बताया कि प्रोत्साहन पर अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय और जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा।
यह माना जा रहा है कि स्क्रैपेज नीति से हितधारकों को लाभ होगा क्योंकि यह विनिर्माण को बढ़ावा देगा, रोजगार पैदा करेगा, साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों को जीएसटी के द्वारा हर साल 40,000 करोड़ रुपये तक की कमाई करने में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2021 को 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश में वाहन कबाड़ नीति (व्हीकल स्क्रैपिंग पालिसी) की घोषणा की थी। कबाड़ नीति के लागू होने के बाद अब पुराने वाहनों को सरकार द्वारा प्रमाणित स्क्रैपिंग सेंटर में स्क्रैप करवाया जा सकेगा। पुराने वाहनों को स्क्रैप करवाने के बदले वाहन मिलाकों लो सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा जिसके आधार पर नए वाहन पर लगने वाले रोड टैक्स में छूट दी जाएगी।
परिवहन मंत्रालय की सूचना के अनुसार, गैर-परिवहन निजी वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत और परिवहन या वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15 प्रतिशत तक की छूट प्रदान की गई है। राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति के तहत नए नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन (चौबीसवां संशोधन) नियम, 2021 कहा जाएगा, और यह 1 अप्रैल, 2022 से लागू होगा।
सर्टिफिकेट जारी होने के आठ साल बाद ट्रांसपोर्ट वाहनों को और पंद्रह साल बाद गैर-ट्रांसपोर्ट वाहनों को कोई लाभ नहीं दिया जाएगा, इसका मतलब यह है कि स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट मिलने के बाद लाभ लेने के लिए तय समय सीमा के भीतर ही नया वाहन खरीदना होगा।
केंद्र सरकार अगले साल से सभी पुराने निजी और वाणिज्यिक वाहनों पर लगने वाले शुल्क को बढ़ाने जा रही है। अब 1 अप्रैल 2022 से 15 साल से ज्यादा पुरानी बाइक, कार या बस के री-रजिस्ट्रेशन के लिए आठ गुना ज्यादा शुल्क का भुगतान करना होगा। हालांकि, इस नीति का दिल्ली के वाहन मालकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली एनसीआर में पहले से ही 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से जयदा पुराने पेट्रोल वाहनों को चलाने पर रोक है।
बता दें कि अप्रैल 2022 से शुल्क के नए दरों को लागू किया जा रहा है। अब 15 साल से ज्यादा पुराने दोपहिया वाहन के पंजीकरण के लिए 300 रुपये के बजाये 1,000 रुपये का शुल्क देना होगा। अगर आप 15 साल से ज्यादा पुरानी कार चलाते हैं तो अब रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के लिए 5,000 रुपये का शुल्क देना होगा।
इसी तरह 15 साल से अधिक पुराने सार्वजनिक और वाणिज्यिक वाहनों, जैसे बस या ट्रक, के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र के नवीनीकरण पर भी वर्तमान की तुलना में आठ गुना अधिक खर्च करना होगा। इन वाहनों के लिए नवीनीकरण शुल्क 10,000 रुपये से लेकर 12,500 रुपये के बीच तय किया गया है। आयातित बाइक और कारों के लिए अब पंजीकरण का नवीनीकरण अधिक महंगा होगा। ऐसे दोपहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये और चारपहिया वाहनों के 40,000 का नवीनीकरण शुल्क निर्धारित किया गया है।