Just In
- 4 hrs ago 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- 5 hrs ago हो जाइए तैयार! भारत में नई कार लेकर आ रही है Ford, Mahindra XUV700 को देगी टक्कर, जानें डिटेल्स
- 7 hrs ago खुशखबरी! 32 शहरों में मेगा सर्विस कैंप लगाने जा रही है Jawa Yezdi, मिलेंगे ये फायदे, जानें डिटेल्स
- 9 hrs ago अब Royal Enfield की बाइक से करें वर्ल्ड टूर, नई बाइक खरीदने की भी नहीं होगी जरुरत, जानें प्लान
Don't Miss!
- News Haryana News: शिक्षा बोर्ड मुख्यालय पर 24 व 25 अप्रैल को होगी यूएमसी केसों की सुनवाई, जानिए पूरा कार्यक्रम
- Education UP Board 10th Result 2024: यूपी बोर्ड 10वीं रिजल्ट 2024 कल होंगे जारी, चेक करें टाइम और डाउनलोड लिंक
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- Lifestyle Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
देश की पहली महिला जिसके हाथ न होते हुए भी मिल सकता है ड्राइविंग लाइसेंस, देखें वीडियो
इस दुनिया में बहुत से लोग हैं जिनके लिए रोजमर्रा की जिंदगी और काम आसान नहीं होते हैं। ऐसे ही लोगों में से एक 28 साल की जिलुमोल मैरिएट थॉमस भी हैं, जिनके जन्म से ही दोनों हाथ नहीं हैं।
असल में में जिलुमोल एक बहुत ही दुर्लभ बीमारी थैलिडोमाइड सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रसित हैं, जिसकी वजह से उनके दोनों हाथ जन्म से ही नहीं हैं, लेकिन अब जिलुमोल को एक नई और अलग पहचान मिली है।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की माने तो जिलुमोल हाथ न होते हुए भी अपनी कार को ड्राइव करती हैं। जी हां, वो अपने पैरों से कार को ड्राइव करती हैं। जिलुमोल केरल के थोडुपुज्हा के पास करिमानूर गांव की रहने वाली हैं।
वो बचपन से ही अपनी कार को पैरों से ड्राइव करके अपने इलाके में घूमती हैं और बहुत ही आसानी से सभी कंट्रोल्स को नियंत्रित करती हैं। जिलुमोल ने साल 2014 में ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ में आवेदन किया था।
जब उन्होंने आरटीओ में ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन किया तो उन्हें कहा गया था कि पूरे भारत में कहीं से भी वो ऐसे व्यक्ति को ढूंढ कर लाएं, जिसे हाथ न होते हुए भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया हो।
जिलुमोल ने अपनी तलाश शुरू की और देश पहले व्यक्ति को खोज निकाला जिनके हाथ ने होते हुए भी उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया गया था। उनका नाम विक्रम अग्निहोत्री है।
इसके बाद भी उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करने के लिए उन्हें साल 2018 में हाईकोर्ट के दरवाजे खटखटाने पड़ें। इसके बाद उन्हें केंद्र सरकार द्वारा नोड दिया गया और उन्हेने लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया गया है।
अब राज्य सरकार पर निर्भर करता है, जिलुमोल को पर्मानेंट ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा या नहीं जारी किया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि टेस्ट के दौरान अधिकारियों को कुछ संदेह हुआ था और उनको लाइसेंस देने से इंकार कर दिया गया है।
इस बारें में उन्होंने कहा कि "एक इंसान वो होता है जो अपनी कमजोरियों का बहाना बना कर हार मान कर बैठ जाता है और एक इंसान वो होता है जो कमजोरियों के बावजूद खड़ा होता है और सफल होने की कोशिश करता है और मैं दूसरी तरह की इंसान हूं।"