साइकिल चलाकर कैसे रहते हैं फिट, जानें 51 साल के पुलिस कांस्टेबल की तंदरुस्ती का राज

एक दौर था जब साइकिल का हमारे जीवन में अहम हिस्सा होता था। गांव से लेकर शहर तक अधिकतर लोग परिवहन के लिए साइकिल पर निर्भर थे और हर किसी के घर पर एक साइकिल जरूर होती थी। साइकिल हमे तंदरुस्त रखने के साथ कई बिमारियों और अवसाद से भी बचाती थी। लेकिन अब साइकिल की जगह मोटरसाइकिल ने ले ली है। मोटर बाइक ने हमारे शरीर को आराम तो दी है लेकिन साथ में कई बिमारियों को भी न्योता दिया है।

साइकिल चलाकर कैसे रहते हैं फिट, जानें 51 साल के पुलिस कांस्टेबल की तंदरुस्ती का राज

हालांकि, इस भागती-दौड़ती जिंदगी में आज भी कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने साइकिलिंग के ट्रेंड को नहीं छोड़ा है और आज भी वे उतने ही स्वस्थ्य हैं जितने पहले रहते थे। दरअसल, हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के 51 वर्षीय पुलिस कांस्टेबल के श्रवणन की, जो आज भी अपने दफ्तर साइकिल से ही जाते हैं।

साइकिल चलाकर कैसे रहते हैं फिट, जानें 51 साल के पुलिस कांस्टेबल की तंदरुस्ती का राज

श्रवणन बताते हैं कि वह 23 साल से साइकिल चला रहे हैं और हर रोज अपने दफ्तर साइकिल चलाकर ही जाते हैं। वे बताते हैं कि साइकिल चलाने के कारण ही उनका शरीर पूरी तरह स्वस्थ है और वह मोटापे से दूर हैं।

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कांस्टेबल श्रवणन बताते हैं कि उनके कई हमउम्र साथी मधुमेह और मोटापे से ग्रसित हैं। वे भी पहले साइकिल चलाते थे लेकिन बाद में उन्होंने बाइक खरीद ली। श्रवणन हर रोज नंदम्बक्कम पुलिस स्टेशन जाने के दौरान करीब 40 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं।

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वे बताते हैं कि काम के वक्त लोगों से मिलने के लिए वह साइकिल से ही जाते हैं, कई लोगों ने उनसे प्रेरणा लेकर साइकिल चलाना शुरू कर दिया है। श्रवणन कहते है कि पहले पुलिसकर्मी साइकिल का ही इस्तेमाल करते थे इसलिए उनका शरीर तंदरुस्त होता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। साइकिल चलाने से रात में नींद भी अच्छी आती है।

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इसके अलावा साइकिल किसी भी तरह का प्रदूषण उत्पन्न नहीं करती इसलिए यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। वे आगे बताते हैं कि उन्होंने कभी बाइक नहीं खरीदी इसलिए उनके दोस्त उन्हें कंजूस कहते हैं। लेकिन वह नहीं जानते कि साइकिल चलाने के कारण ही मैं बिमारियों से दूर हूं और इलाज के खर्च से भी बचा हुआ हूं।

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Hindi
English summary
Fifty one years old police constable keeps himself fit by cycling 40 kilometres daily. Read in Hindi.
Story first published: Thursday, July 2, 2020, 17:29 [IST]
 
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