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बेटे को परीक्षा दिलाने पिता ने साइकिल से तय किया 105 किमी का सफर
इस लॉकडाउन में हमने कई ऐसी खबरें सुनी हैं, जिसमे लोगों ने अपने घर लौटने के लिए साइकिल पर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय किया है। लॉकडाउन के कारण बस और ऑटो जैसे परिवहन के कई साधन बंद है जिससे लोगों को कहीं आने-जाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के धार से एक एसी भी खबर सामने आ रही है जहां एक पिता ने अपने बेटे को सप्लीमेंट्री बोर्ड परीक्षा दिलाने के लिए साइकिल से ही 100 किलोमीटर का सफर तय किया। बताया जाता है कि बस अथवा ऑटो के न चलने के कारण 38 वर्षीय सोभराम अपने बेटे के साथ धार के लिए साइकिल से ही निकल पड़े।
सोभराम के गांव से धार की दूरी 105 किलोमीटर है। सोभराम ने बताया कि उन्हें धार तक आने में 2 दिन का समय लग गया। घर से निकलते समय उन्होंने 3 दिनों के लिए खाना-पानी ले लिया था। एग्जाम के दिन अहले सुबह अपने बेटे को लिए वह एग्जाम सेंटर पहुंच गए।
मध्य प्रदेश सरकार बोर्ड सप्लीमेंट्री एग्जाम के लिए 'रुक जाना नहीं' नाम की एक स्कीम चलाती है, इसमें उन बच्चों को दोबारा बोर्ड एग्जाम देने का मौका दिया जाता है जो पहली बार में फेल हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि आगे वह समय पर एग्जाम सेंटर नहीं पहुंच पाते तो बेटे को अगले साल ही दोबारा परीक्षा देने का मौका मिल पता।
वह किसी भी हालत में अपने बेटे का एक वर्ष बर्बाद नहीं होने देना चाहते थे, इसलिए किसी भी तरह की सहायता नहीं मिलने के कारण उन्होंने साइकिल से ही निकलने का फैसला लिया।
सोभराम बताते हैं कि उनके पास मोटरसाइकिल नहीं है न ही उनके पास खरीदने के लिए पैसे हैं। सोमवार की सुबह उन्होंने सफर शुरू किया था, जिसके बाद मानावर में आराम करने के लिए थोड़ी देर रुके थे। मंगलवार की सुबह परीक्षा शुरू होने से पहले वह धार के परीक्षा केंद्र पहुंच गए थे।