खुशखबरी! इलेक्ट्रिक वाहन जल्द हो सकतें हैं सस्ते, लिथियम-आयन बैटरी पर घटाई जाएगी जीएसटी

देश में जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम होने वाली हैं। केंद्र सरकार की थिंक टैंक, नीति आयोग (NITI Aayog) ने इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम आयन बैटरियों पर जीएसटी दर को कम करने का प्रस्ताव पेश किया है। मौजूदा समय में लिथियम आयन बैटरी पर 18 प्रतिशत का उत्पाद और सेवा कर (जीएसटी) लागू होता है। सरकार के इस फैसले से बैटरियों पर जीएसटी दर कम होकर केवल 5 प्रतिशत रह जाएगी। बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर भी जीएसटी दर 5 प्रतिशत है।

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नीति आयोग, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारी उद्योग और अन्य सरकारी विभागों ने बैटरी-स्वैपिंग नीति पर 7 जून को अपनी पहली बैठक की। इस बैठक में इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरियों पर टैक्स के साथ-साथ इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए बैटरियों का मानकीकरण भी बैठक के एजेंडे में था।

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सरकार अपनी ग्रीन मोबिलिटी योजनाओं में तेजी लाने के लिए विभिन्न तरीकों पर विचार कर रही है। टैक्स में किसी भी तरह का बदलाव जीएसटी काउंसिल को करना होगा लेकिन नीति आयोग इसकी सिफारिश कर सकती है। आखिरी बार 2018 में लिथियम-आयन बैटरी पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया था। अब, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इकोसिस्टम पर अधिक जोर देने और इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ता बनाने के लिए बैटरी और इलेक्ट्रिक वाहन पर समान कर दरों को लागू करने की मांग उठ रही है।

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दिसंबर 2021 में, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कहा था कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी पर जीएसटी को कम करने पर विचार रही है। बता दें कि अप्रैल 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री 72,519 यूनिट थी, जो एक साल पहले बेची गई 14,179 यूनिट की तुलना में तेज वृद्धि थी। लेकिन मार्च 2022 में बेची गई 77,243 यूनिट्स की तुलना में कम थी।

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बैटरी के लिए लागू हो सकता है BIS प्रमाण

आपको बता दें कि पिछले कुछ महीनों से इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की घटनाओं ने सरकार को बैटरी की प्रमाणिकता पर एक जैसे प्रमाणन मानक स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है। खबरें सामने आ रही हैं कि सरकार बहुत जल्द इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली बैटरियों के लिए ब्योरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) का प्रमाण अनिवार्य कर सकती है। बैटरी के आकार, कनेक्टर, सेल की गुणवत्ता और क्षमता जैसे कई मानकों के आधार पर बैटरी के लिए बीआईएस प्रमाण जारी किया जाएगा।

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इलेक्ट्रिक वाहनों में आग के मामले पर सरकार द्वारा गठित कमेटी की प्रारंभिक जांच में लगभग सभी इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में आग लगने की घटनाओं में सेल के साथ-साथ बैटरी डिजाइन में भी दोष पाया है। सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नए गुणवत्ता-केंद्रित दिशानिर्देशों पर काम कर रही है, जिनका जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

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आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के कारण कुछ लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। देश में अब तक तीन प्योर ईवी, एक ओला ई-स्कूटर, तीन ओकिनावा और 20 जितेंद्र ई-स्कूटरों में आग लग चुकी है, जिससे उनकी सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। कई निर्माताओं ने खराब होने वाले स्कूटर के पूरे बैच को वापस बुला लिया है।

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पिछले महीने नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता कंपनियों को चेतावनी दी थी कि यदि कोई कंपनी प्रक्रियाओं में लापरवाही बरतती है, तो "भारी जुर्माना लगाया जाएगा और सभी दोषपूर्ण वाहनों को वापस बुलाने का भी आदेश दिया जाएगा"। गडकरी ने यह भी कहा था कि सरकार जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए गुणवत्ता केंद्रित दिशा-निर्देश जारी करेगी।

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Hindi
English summary
Ev battery to attract 5 percent gst electric vehicles may get cheaper
Story first published: Thursday, June 9, 2022, 12:50 [IST]
 
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