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देश में 14 लाख के करीब इलेक्ट्रिक वाहन हुए पंजीकृत, आधे से ज्यादा तिपहिया ई-वाहन
वाहन पोर्टल के आंकड़ों के अनुसार देश में 3 अगस्त 2022 तक 13,92,265 इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत हैं। राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में, भारी उद्योग मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों में तीन-पहिया वाहनों की संख्या सबसे अधिक है। इस तारीख तक देश में कुल 7,93,370 इलेक्ट्रिक तीन-पहिया वाहन पंजीकृत हैं, जबकि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या 54,4643 यूनिट है। वहीं पंजीकृत इलेक्ट्रिक कारों की संख्या 54,252 यूनिट है।

राज्य मंत्री ने अपने जवाब में सदन को बताया कि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। केंद्र सरकार ने 12 मई, 2021 को देश में बैटरी सेल उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) को शुरू किया है। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन और कंपोनेंट उद्योग के लिए बजट में 25,938 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना से देश में इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी बनाने वाली कई कंपनियों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत कम हो गई है। केवल इतना ही नहीं, सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए लगाए जाने वाले चार्जिंग स्टेशनों पर भी जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया है।

बता दें कि केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ऐलान किया है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को ग्रीन लाइसेंस प्लेट जारी किया जाएगा और परमिट चार्ज से भी छूट दी जाएगी। मंत्रलत ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स को हटाने के लिए भी राज्य सरकारों को सूचित किया है जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रारंभिक लागत कम हो जाएगी।

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उम्मीद जताई है कि अगले दो से तीन साल में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएगी। मौजूदा समय में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत ईंधन से चलने वाले वाहनों से कहीं अधिक है जिसे चलते लोग इन्हें अपनाने से कतरा रहे हैं। यदि कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत कम हो जाएंगी तो लोग इन्हें आसानी से खरीद सकेंगे।

मौजूदा समय में पेट्रोल वाहनों पर 48 प्रतिशत के मुकाबले इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी केवल 5 प्रतिशत है। इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी में इस्तेमाल होने वाले लिथियम की अधिक कीमत ने इलेक्ट्रिक वाहनों की लगत को बढ़ा दिया है लेकिन भविष्य में लिथियम के ज्यादा उत्पादन से कीमत में कमी आएगी। इसकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत में भी गिरावट देखने को मिलेगी।

वर्तमान में भारत की लिथियम बैटरी की 81 प्रतिशत आवश्यकता स्थानीय उत्पादकों द्वारा पूरी की जा रही है। वैकल्पिक बैटरी प्रौद्योगिकियों के विकास के संबंध में अनुसंधान चल रहा है और इस क्षेत्र में जल्द ही सफलता हाथ लगने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार 2030 तक निजी कारों के लिए 30 प्रतिशत, वाणिज्यिक कारों के लिए 70 प्रतिशत, बसों के लिए 40 प्रतिशत और दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 80 प्रतिशत तक इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की उम्मीद कर रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए कोयले के बजाय सौर और बायोमास जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से बिजली बनाने पर दिया जा रहा है। इसके अलावा ग्रीन हाइड्रोजन की तकनीक भी विकसित की जा रही है ताकि आने वाले समय में हाइड्रोजन फ्यूल सेल से भी वाहनों को चलाया जा सके।