इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

अक्सर देखा जाता है कि इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन इंटरनल कंबशन इंजन, यानी आईसी इंजन वाली कार से अधिक होता है। ज्यादा एक्सेलरेशन की वजह से इलेक्ट्रिक कार सड़क पर जल्दी स्पीड पकड़ लेती है और इसे आसानी से ट्रैफिक से निकाला जा सकता है। वहीं आईसी इंजन कार की बात करें तो, इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में इनका एक्सेलरेशन कम होता है इसलिए एक्सेलरेटर दबाने पर इनकी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ती है। आइये जानते हैं इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से बेहतर क्यों होता है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

एक साधारण आईसी इंजन कार का इंजन 7000-8000 आरपीएम पर सबसे ज्यादा पॉवर जनरेट करता है। हालांकि, इस समय कार को पॉवर तो ज्यादा मिलती हैं लेकिन टॉर्क आउटपुट एक स्तर तक बढ़कर रुक जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधिक आरपीएम पर कार के इंजन की ऑक्सीजन अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

वहीं दूसरी तरफ एक इलेक्ट्रिक कार में इंजन नहीं होता, इसलिए इसे पॉवर जनरेट करने के लिए ईंधन और हवा के मिश्रण को जलाना नहीं पड़ता। इलेक्ट्रिक कार के मोटर में जितनी बिजली जाती है वह उतनी पॉवर जनरेट करता है। इलेक्ट्रिक कार में मोटर पहियों के एक्सेल पर लगा होता है जिससे मोटर के पॉवर को पहियों तक पहुंचाने में ऊर्जा का नुकसान बेहद कम होता है और बेहतर टॉर्क मिलती है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

एक इलेक्ट्रिक मोटर शून्य आरपीएम पर भी टॉर्क जनरेट कर सकता है। इस वजह से इलेक्ट्रिक कारों की चढ़ाई पर चढ़ने की क्षमता आईसी इंजन कारों से बेहतर होती है। वहीं एक आईसी इंजन एक निश्चित आरपीएम तक पहुंचने पर ही टॉर्क का उत्पादन कर सकता है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

इलेक्ट्रिक कारों में टॉर्क उत्पादन काफी तेज होता है और ज्यादा आरपीएम पर टॉर्क जनरेट करने की क्षमता बढ़ जाती है। यह इसलिए क्योंकि इलेक्ट्रिक कारों में गियर नहीं होता और ये बिजली से चलती हैं इसलिए मोटर को बैटरी से ऊर्जा मिलने पर एक्सेलरेशन तुरंत होता है। वहीं आईसी इंजन कारों का एक्सेलरेशन ज्यादा आरपीएम पर सामान्य हो जाता है। कार के इंजन से निकली ऊर्जा गियर और क्लच होते हुए पहियों तक जाती है जिससे एक्सेलरेशन के लिए टॉर्क देर से मिलती है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

इलेक्ट्रिक मोटर किसी भी स्पीड पर ज्यादा टॉर्क प्रदान करते हैं। जबकि एक आईसी इंजन को इलेक्ट्रिक कार से समान टॉर्क तक पहुंचने में ज्यादा आरपीएम जनरेट करना पड़ता है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

आईसी इंजन कारों में गियर होते हैं जिससे कार को कम हाईवे में कम आरपीएम पर भी अधिक स्पीड में चलाने में मदद मिलती है। वहीं इलेक्ट्रिक कारों में गियर सिस्टम न होने की वजह से इनका एक्सेलरेशन पूरी तरह बैटरी से मोटर तक जा रही ऊर्जा पर निर्भर करता है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

कुछ बेहतर एक्सेलरेशन (टॉर्क) देने वाली इलेक्ट्रिक कारों की बात करें तो, Tesla Model S Plaid का नाम सबसे पहले आता है। यह इलेक्ट्रिक कार केवल 2 सेकंड में 0-100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है। इस कार में लगाया गया इलेक्ट्रिक मोटर 1020 Bhp की पॉवर जनरेट करने में सक्षम है।

इलेक्ट्रिक कारों का एक्सेलरेशन आईसी इंजन कारों से क्यों होता है ज्यादा? जानें वजह

वहीं Nissan Leaf की बात करें तो यह मात्र 7 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है। वहीं इसका इलेक्ट्रिक मोटर 214 Bhp की पॉवर जनरेट कर सकता है। Porsche की इलेक्ट्रिक कार Panamera Turbo S का इलेक्ट्रिक मोटर 620 Bhp का पॉवर जनरेट कर सकता है और यह केवल तीन सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड पकड़ लेती है।

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Hindi
English summary
Electric car produces high acceleration than ic engine cars know reasons details
Story first published: Thursday, December 30, 2021, 13:28 [IST]
 
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