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E-Vehicle Registration: मुंबई में पिछले साल इलेक्ट्रिक वाहन के रजिस्ट्रेशन में आई 115% की वृद्धि, जानें कारण
देश के प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है और ऐसा ही कुछ मुंबई में देखनें को मिल रहा है। वित्तीय वर्ष 2020 - 21 में मुंबई में 1,442 यूनिट का रजिस्ट्रेशन किया गया है जो कि इसके पिछले साल के मुकाबले 115 प्रतिशत अधिक है। इसमें इलेक्ट्रिक स्कूटर की बड़ी हिस्सेदारी है। इसके साथ ही सीएनजी वाहनों के रजिस्ट्रेशन में भी बढ़त दर्ज की गयी है।
पिछले साल पेट्रोल डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, ऐसे में दैनिक रूप से सफ़र करने वाले लोग अब वैकल्पिक फ्यूल की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। जहां इलेक्ट्रिक वाहन के लिए अभी भी इन्फ्रा तैयार किया जा रहा है, वहीं सीएनजी व हाइब्रिड मॉडलों को ग्राहकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
बात करें सीएनजी मॉडलों की तो यह वित्तीय वर्ष 2019 - 2020 में रजिस्टर किये कुल डीजल वाहनों से सिर्फ 12 प्रतिशत कम रही है। बतातें चले कि मारुति सुजुकी, हुंडई बड़ी कंपनियां अपने मॉडलों को सीएनजी विकल्प में उपलब्ध कराती है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन की बात करें तो इसमें 90 प्रतिशत हिस्सेदारी दोपहिया वाहनों की रही है। बतातें चले कि इस साल जनवरी से मार्च के बीच 885 इलेक्ट्रिक वाहन रजिस्टर किये जा चुके हैं, ऐसे में कहा जा सकता है कि यह साल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अच्छा होने वाला है।
इस पर ट्रांसपोर्ट विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहन का चुनाव इसलिए कर रहे हैं क्योकि डीजल ने 90 रुपये तो पेट्रोल ने 100 रुपये का आंकड़ा पार कर लिया था। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन एक सस्ता, आसानी से चलने वाला, कम मेंटेनेस वाला विकल्प है।
बतातें चले कि जहां एक पेट्रोल कार प्रति किमी 3 - 4 रुपये का खर्च करता है वहीं एक इलेक्ट्रिक कार पर प्रति किमी सिर्फ 50 पैसे खर्च होते हैं। इसके साथ ही सरकार फेम स्कीम के तहत व कई निजी कार कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पॉइंट स्थापित कर रही है।
सीएनजी मॉडलों की बात करें तो पिछले वित्तीय वर्ष 10,363 यूनिट रजिस्टर किये गये हैं, जबकि डीजल वाहनों की संख्या 11,785 यूनिट रही है। ऐसे में सीएनजी वाहन सिर्फ 12 प्रतिशत कम रहे हैं जबकि 2019 - 20 में यह 28 प्रतिशत कम रहे थे।
इसके साथ ही कैब चालक भी अब डीजल की जगह पर सीएनजी मॉडल का चुनाव कर रहे हैं। वर्तमान में हाइब्रिड सीएनजी की मांग तेजी से बढ़ रही है, क्योकि यह सस्ती विकल्प होने के साथ अच्छी रेंज भी प्रदान करता है।