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नो मोटर लेन में चलाई गाड़ी तो भरना पड़ेगा भारी जुर्माना, एम्बुलेंस का रास्ता रोकने पर कटेगा ₹10,000 का चालान
अगर आप गैर मोटर चालित लेन में गाड़ी चलते हैं या एम्बुलेंस को रास्ता नहीं देते हैं, तो अब भारी-भरकम जुर्माना भरने के लिए तैयार रहें। ट्रैफिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अब ऐसे नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश जारी किया है। हिंदुस्तान लाइव की एक रिपोर्ट के अनुसार, गैर मोटर चालित लेन पर गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर 20,000 रुपये का चालान काटा जा सकता है। वहीं, अगर एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड की गाड़ी को अगर रास्ता नहीं दिया गया तो रास्ता रोकने वाले वाहनों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
आपको बता दें कि गैर मोटर चालित सड़कों पर वाहन चलाने से दुर्घटनाओं के कई मामले सामने आ रहे हैं। यह ऐसे लेन होते हैं जो पैदल यात्रियों या साइकिल चलाने वालों के लिए आरक्षित होते हैं। कई सड़कों पर ट्रैफिक को कम रखने के लिए ऐसे लेन बनाए जाते हैं।
वहीं एम्बुलेंस जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं मिलने से मरीजों के दम तोड़ने के भी कई मामले सामने आ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे मामलों को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने जुर्माने के प्रावधान को देश भर में सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।
बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम 1989 की धारा 115/194(1) में नॉन-मोटराइज्ड व्हीकल लेन और इमरजेंसी वाहनों से संबंधित नियमों को परिभाषित किया गया है। जिसके अनुसार इन दोनों मामलों में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ट्रैफिक पुलिस को जुर्माना लगाने का अधिकार दिया गया है।
इसके अलावा, सरकार ने मोटर वाहन से संबंधित सड़क हादसों में इंश्योरेंस क्लेम करने के नियमों में भी बदलाव किया है। निर्देश के अनुसार, अगर वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होने के पहले किसी भी ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो उन्हें इंश्योरेंस कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती है।
इन उल्लंघन के मामलों में क्षमता से ज्यादा सवारी को ऑटोरिक्शा में बैठाना, बाइक पर तीन सवारी बैठना, बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाना, गलत साइड में वाहन चलाना, नशे में गाड़ी चलाना, वाहन चलाते समय फोन पर बात करना और अधिक स्पीड में गाड़ी चलाना, सीटबेल्ट नहीं लगाना और रिश्वत देने जैसे मामलों को शामिल किया गया है।
भारत उन देशों में शामिल है जहां सबसे सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक मौतें होती हैं। परिवहन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में हर साल लगभग 4.50 लाख सड़क हादसे होते हैं, जिनमें 1.50 लाख लोगों की मौतें होती हैं। यह आंकड़ा दुनिया भर में किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे अधिक है। भारत में अपंगता के लिए सड़क दुर्घटनाओं को मुख्य कारण बताया गया है।
एक अनुमान के अनुसार, देश में हर एक घंटे के भीतर 53 सड़क हादसे होते हैं और हर चार मिनट में सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत होती है। भारत में सबसे अधिक सड़क हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) पर होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में मरने वालों की ज्यादातर संख्या दोपहिया वाहन चालकों की है।