Just In
- 3 hrs ago करोड़ों की संपत्ति का मालिक, लग्जरी कारों का कलेक्शन, फिर भी Maruti की इस कार में चलते दिखे Rohit Sharma
- 5 hrs ago भारत में लॉन्च हुई 2024 Jeep Wrangler Facelift, शानदार डिजाइन और धांसू फीचर्स से है लैस, जानें कीमत?
- 6 hrs ago नई Aston Martin Vantage धांसू स्पोर्ट्स कार लॉन्च, 325 किमी प्रति घंटा की स्पीड, जानें कीमत और फीचर्स
- 8 hrs ago Jeep Wrangler Facelift Review Video : जानें पहले से कितनी बदल गई नई ऑफ-रोडर SUV? डिजाइन में हुए ये अपडेट
Don't Miss!
- News CG: राजनांदगांव लोकसभा सीट पर मतदान कल, डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भूपेश बघेल को लेकर कही यह बात
- Movies VIDEO: उर्फी जावेद फिर अजीबोगरीब हालत में दिखी, हाथ में पहना खाना रैप पेपर और टांगो में...
- Lifestyle हीरामंडी की प्रीमियर पर सितारों सा झिलमिल वाइट शरारा सेट पहन पहुंची आलिया भट्ट, लाखों में हैं कीमत
- Education CISCE 12th Result 2024: आईएससी 12वीं परिणाम 2024 कैसे डाउनलोड करें? यहां देखें स्टेप्स
- Technology इस दिन होने जा रहा Apple का स्पेशल इवेंट, नए iPad के साथ इन प्रोडक्ट्स की हो सकती है एंट्री
- Finance Bengaluru Lok Sabha Election 2024: फ्री Rapido,बीयर.! वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए वोटर्स को दिए जा रहे ऑफर्स
- Travel 5 दिनों तक पर्यटकों के लिए बंद रहेगा शिमला का 'द रिट्रीट', क्या है यह और क्यों रहेगा बंद?
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दिव्यांग व्यक्ति ने अपने लिए बनाई स्कूटर, इस तरह से खुद को किया आत्मनिर्भर
अगर व्यक्ति के भीतर जीने की इच्छा शक्ति और दुनिया को जीतने का हौसला हो तो वहा क्या कुछ नहीं कर सकता है। ऐसे लोगों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं रोक सकती है, इसका जीता-जागता उदाहरण गुजरात के मुंद्रा तालुक के रहने वाले 47 वर्षीय धनजीभाई केराई है।
धनजीभाई केराई दो साल के थे तब उन्हें पोलियो ने जकड़ लिया था, इसके बाद से ही वह माता-पिता पर आश्रित थे। लेकिन आज हम उनके एक शानदार काम के बारें में बताने वाले है। दरअसल धनजीभाई केराई इलेक्ट्रिशियन का काम करते हैं तथा उन्हें बाहर जाने के लिए हमेशा दूसरों की मदद लेनी पड़ती थी।
उनके पास और कोई विकल्प भी नहीं था, वह एक मिनट में 3 मीटर चल पाते हैं। ऐसे में उन्होंने इसकी तरकीब खोज निकाली और अपने जरूरत अनुसार स्कूटर को मॉडिफाई करने का सोचा। उस समय तक दिव्यांगो के सफर करने के लिए बहुत कम ही विकल्प थे।
ऐसे में वह इस काम में लग गये और इसके लिए उन्होंने सबसे पहले एक पुराना स्कूटर लिया। इसके बाद उन्होंने इस बारें में सोचा कि उनके शरीर के हिसाब से स्कूटर में क्या क्या बदलाव किये जाने हैं। उनकी लम्बाई सिर्फ आधा फीट है तथा उनके दोनों पैर काम नहीं करते हैं, ऐसे में उन्हें एक हाथ से चलने वाला स्कूटर बनाना था।
इसके लिए उन्होंने स्कूटर के पिछले पहिये के बगल में दोनों तरफ दो पहिये और लगाये ताकि बैलेंस बना रहे। पीछे ब्रेक की जगह पर उन्होंने आसानी से चलने वाला लीवर लगाया। इसके बाद अपने बैठने के लिए उन्होंने सीट के आगे एक और छोटी सी सीट जोड़ी ताकि उनके हाथ हैंडल तक आसानी से पहुंच जाए।
इस तरह के उन्होंने और कई मोडिफिकेशन किये और अपने लिए इस स्कूटर को पूरी तरह से तैयार कर लिया। इस स्कूटर को मॉडिफाई करने में उन्हें 3 - 4 महीने का वक्त लग गया तथा उन्होंने इस पर 6 हजार रुपये खर्च भी किये।
धनजीभाई केराई को अब जब भी कही जाना होता था तो कोई स्कूटर पर बैठा देता था और उसे शुरू कर देता था। इस स्कूटर के बाद से उन्हें आने जाने के लिए बहुत कम ही दूसरों का सहारा लेना पड़ा। धीरे-धीरे इस स्कूटर की वजह से ही वह आस-पास के गांव में भी प्रसिद्ध हो गये।
धनजीभाई केराई को उनके इस अविष्कार के लिए राष्ट्रीय पुरूस्कार भी प्राप्त हुआ। धनजीभाई केराई यहीं नहीं रुके, वह अपने स्कूटर में और भी मोडिफिकेशन करने लगे। उनके काम से प्रसन्न होकर कई अन्य लोग भी दूसरे दिव्यांग व्यक्तियों के लिए स्कूटर मॉडिफाई करने का आर्डर देकर जाते हैं।
हालांकि उन्होंने बताया कि सबकी शारीरिक अक्षमता दूसरे से अलग होती है, ऐसे में उस हिसाब से स्कूटर को मॉडिफाई किया जाता है। जितनी मोडिफिकेशन होती है उतनी लागत आती है। उन्होंने अब तक 12 स्कूटर बना लिए हैं तथा हाल ही में एक-दो स्कूटर का आर्डर भी मिला है।
Source: The Better India