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ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों के खिलाफ दिल्ली पुलिस हुई सख्त, दो महीने में काटे 1 लाख से ज्यादा चालान
दिल्ली में सर्दियों के दौरान प्रदूषण से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस शीतकालीन अभियान चला रही है। इस अभियान के तहत दो महीने के भीतर शहर में प्रदूषण रोधी नियमों का उल्लंघन करने वालों पर एक लाख से अधिक चालान काटे गए हैं। संबंधित अपराधों के लिए पिछले दो महीनों में 1,08,004 चालान जारी किए गए हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच, बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के कुल 32,343 वाहनों के चालान काटे गए हैं। इस दौरान पुलिस ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहन और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों पर 1,866 चालान जारी किये जबकि तय समय सीमा पार कर चुके 1,104 वाहनों को जब्त किया।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, वैद्य प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के बिना चलाए जा रहे वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने बताया कि तय समय सीमा पार कर चुके पेट्रोल और डीजल वाहनों पर सख्ती से कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के अनुसार, दो महीनों में दिल्ली बॉर्डर के सभी मुख्य बिंदुओं पर कुल 44,853 माल वाहनों की जांच की गई है, जबकि 13,031 गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले वाहनों को दिल्ली के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बिना उचित कवर के निर्माण और अन्य संबद्ध सामग्री ले जाने वाले वाहनों को कुल 88 चालान जारी किए गए। अवैध पार्किंग के लिए कुल 61,153 चालान जारी किए गए जबकि इसके लिए 1,39,113 नोटिस जारी किए गए। क्रेन द्वारा कुल 14,848 वाहनों को टो किया गया।
इसके अलावा, सही लेन में ड्राइविंग नहीं करने पर कुल 368 वाहनों पर जुर्माना लगाया गया। वहीं, यातायात में बाधा डालने के आरोप में 4,774 चालान किए गए और 7,412 चालान नो एंट्री उल्लंघन के लिए जारी किए गए। दिल्ली पुलिस के अनुसार, ये सभी उल्लंघन वायु प्रदूषण में भी योगदान करते हैं।
यह कार्रवाई शहर में प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दिल्ली सरकार के आपातकालीन उपायों का एक हिस्सा है। दिल्ली यातायात पुलिस ने शहर भर में 170 स्थानों पर टीमों को तैनात करके प्रदूषण उल्लंघनकर्ताओं और पुराने वाहनों को चलाने वालों के खिलाफ अपनी कार्रवाई को मजबूत किया।
आपको बता दें कि सर्दियों के आते ही दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ जाती है। इस समस्या को देखते हुए सर्दियों के आने के पहले से ही प्रदूषण से निपटने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने का प्रयास किया जा रहा है। सभी मोटर वाहन मालिकों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने वाहनों को वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के साथ चलाएं।
बता दें कि कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे विभिन्न प्रदूषकों के लिए वाहनों का उनके उत्सर्जन मानकों के लिए समय-समय पर परीक्षण किया जाता है जिसके बाद उन्हें पीयूसी प्रमाणपत्र दिया जाता है। पीयूसी सर्टिफिकेट केंद्रीय मोटर वाहन एक्ट, 1989 के तहत जारी किया जाता है। पीयूसी की जांच के लिए पेट्रोल पंप पर ऑटोमेटेड पीयूसी सेंटर स्थापित किये गए हैं, जहां जांच के बाद तुरंत सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। सीमा से ज्यादा उत्सर्जन पाए जाने पर रिजेक्शन स्लिप जारी किया जाता है।
आपको बता दें कि दिल्ली परिवहन विभाग ने फरवरी 2020 और नवंबर 2021 के बीच समाप्त होने वाले लर्नर लाइसेंस की वैधता को 31 जनवरी, 2022 तक बढ़ा दिया है। कोविड-19 महामारी और ड्राइविंग टेस्ट के लिए स्लॉट पाने में लोगों को होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दिल्ली परिवहन विभाग ने अपने आदेश में विभिन्न आरटीओ कार्यालयों और फिटनेस सेंटरों पर भारी भीड़ बढ़ने पर चिंता व्यक्त की थी, इसे आवेदकों और सार्वजनिक सेवा कर्मचारियों दोनों के लिए सुरक्षा चिंता का विषय बताया था।
दिल्ली में लर्नर लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया को अब ऑनलाइन कर दिया गया है। दिल्ली में लर्नर लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 11 अगस्त से शुरू की गई थी, जिसके बाद आवेदक घर बैठे ही ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन दे रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस अप्लाई करते समय आवेदक को ऑनलाइन परीक्षा की तारिख और टाइम स्लॉट के बारे में जानकारी दे दी जाएगी। इसके बाद आवेदक को निर्धारित किये गए समय पर घर बैठे ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के द्वारा परीक्षा देनी होगी।