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दिल्ली पुलिस ने नियम तोड़ने वाले ई-रिक्शा चालकों पर की बड़ी कार्रवाई, 20,000 ई-रिक्शा के कटे चालान
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत यातायात नियम तोड़ने वाले ई-रिक्शा चालकों पर इस साल जनवरी से अक्टूबर तक 19,591 चालान जारी किये हैं। यह कार्रवाई गलत पार्किंग, नो-एंट्री, लाइसेंस, ओवरलोडिंग, रजिस्ट्रेशन समेत अन्य उल्लंघन के संबंध में की गई है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, इस अवधि के दौरान इलेक्ट्रिक रिक्शा को जारी किए गए कुल चालानों में से, सबसे अधिक चालान पश्चिमी रेंज में जारी किए गए हैं। यहां ई-रिक्शा पर 14,580 चालान जारी किये गए हैं। इसके बाद नई दिल्ली रेंज में 2,802 चालान और राज्य के दक्षिणी रेंज में 2,209 चालान जारी किए गए।
इस अवधि के दौरान तीन ट्रैफिक रेंज के डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि गलत पार्किंग के लिए 11,983 चालान जारी किए गए थे। वहीं 'नो एंट्री जोन' में ड्राइविंग के लिए 5,546, जबकि पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) उल्लंघन, गलत साइड में ड्राइविंग, यात्री सीमा से अधिक या खतरनाक ड्राइविंग और लाइसेंस से संबंधित अन्य उल्लंघनों के लिए 2,062 चालान जारी किये गए थे।
इसी दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने तीनों रेंज में 31,723 ई-रिक्शा जब्त किए। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम रेंज में 554 वाहन, दक्षिणी रेंज में 124 वाहन और सबसे कम नई दिल्ली रेंज 45 वाहन जब्त किये गए। इसमें दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा वर्चुअल ऑनलाइन चालान एप्लिकेशन (VoCA) और ई-चालान मशीन दोनों के माध्यम से की गई कार्रवाई शामिल थी।
दिल्ली के यातायात उपायुक्त (पश्चिम) घनश्याम बंसल के अनुसार, पिछले छह महीनों में काफी सुधार हुआ है। ई-रिक्शा चालकों पर कार्रवाई के बाद उनमें अनुशासन की भावना को देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि पहले जो सड़कें ई-रिक्शा के ट्रैफिक और जाम की शिकार थीं, वहां अब ट्रैफिक सामान्य हो गया है।
सुधारों पर विस्तार से बताते हुए, अधिकारी ने कहा कि विशेष अभियान से भीड़भाड़ में कमी आई है, ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाएं भी कम हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अब पैदल चलने वालों के बीच लापरवाही से गुजरने वाले ई-रिक्शा की चिंता भी खत्म हो गई है।
आपको बता दें कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक कारों पर सब्सिडी को समाप्त कर दिया है। दिल्ली सरकार के अनुसार, पिछले साल अगस्त में इलेक्ट्रिक वाहन नीति लागू होने के बाद इलेक्ट्रिक कारों के रजिस्ट्रेशन में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई। ऐसे में लगभग एक साल तक इलेक्ट्रिक कारों को सब्सिडी से आवश्यक प्रोत्साहन मिला है।
दिल्ली सरकार के अनुसार, ई-कारों पर अब सब्सिडी की आवश्यकता नहीं है क्योंकि ऐसे लोग जो इलेक्ट्रिक कार के लिए लगभग 15 लाख का भुगतान कर सकते हैं, वे बगैर सब्सिडी के 1-2 लाख रुपये का अधिक भुगतान करने में सक्षम हैं। दिल्ली सरकार का उद्देश्य उन लोगों को सब्सिडी प्रदान करना है जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है, उनमें ऑटो चालक, दोपहिया वाहन मालिक, डिलीवरी पार्टनर आदि शामिल हैं।
इस साल जुलाई और सितंबर के दौरान दिल्ली में पंजीकृत कुल 1.5 लाख वाहनों में से 7,869 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण हुआ, जो कुल पंजीकृत वाहनों का लगभग सात प्रतिशत है। अगस्त से अक्टूबर के बीच दिल्ली में 22,805 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। पिछले चार महीनों में दिल्ली में लगभग 31,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया गया।