Just In
- 14 hrs ago मिडिल क्लास की पसंदीदा है Hero की ये बाइक, कीमत सिर्फ 75 हजार रुपये, माइलेज भी है शानदार..
- 17 hrs ago भारत में लॉन्च हुई Ultraviolette F77 Mach 2 इलेक्ट्रिक बाइक, मिलेगी 323KM की रेंज, जानें कीमत
- 18 hrs ago 1.5 करोड़ की Toyota Vellfire कार के साथ नजर आएं बॉलीवुड एक्टर Ayushmann Khurrana, जानें कार की खासियत?
- 19 hrs ago Shilpa Shetty के पति Raj Kundra की बढ़ी मुसीबत! ED ने जब्त की करोड़ो की कार
Don't Miss!
- Technology HMD ने एक साथ तीन नए स्मार्टफोन किए लॉन्च, जानिए कीमत व फीचर्स
- News RCB v SRH: आरसीबी-हैदराबाद मैच में आज कौन जीतेगा? जानें महामुकाबले से पहले हेड टू हे रिकॉर्ड
- Finance OPINION: राज्य हित, देश हित के साथ विश्व कल्याण की सोच रखती है हरियाणा सरकार
- Movies Viral Video- रशियन लड़की ने भोजपुरी गाने पर लगाए ठुमके, इंडिया गेट से वायरल हुआ मजेदार वीडियो!
- Lifestyle केक में सैकरीन की मिलावट से गई पटियाला में बच्ची की जान, कितना खतरनाक हैं ये आर्टिफिशियल स्वीट्नर?
- Education JEE Main Topper List 2024: 56 छात्रों को मिला 100 NTA Score, देखें छात्रों की पूरी सूची, JEE Result सीधा लिंक
- Travel DGCA ने पेरेंट्स के साथ सफर कर रहे 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बदला नियम, जाने यहां
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
दिल्ली में फूड डिलीवरी के लिए केवल ई-वाहनों का होगा इस्तेमाल, कैब- ई-काॅमर्स को भी छोड़ने होंगे पेट्रोल वाहन
दिल्ली में फूड डिलीवरी और कैब कंपनियों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल अनिवार्य होने जा रहा है। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर स्कीम (Delhi Motor Vehicle Aggregator Scheme) का मसौदा जारी किया, जिसके तहत 2030 तक सभी कैब एग्रीगेटर्स, ई-कॉमर्स और फूड-डिलीवरी प्लेटफॉर्म को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) में शिफ्ट करना अनिवार्य कर दिया गया है। दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने मसौदा योजना को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है और सभी हितधारकों से जुलाई के अंत तक इस पर अपने विचार साझा करने को कहा है।
थ्री-व्हीलर के लिए निर्देश
योजना की अधिसूचना के अनुसार, एग्रीगेटर्स यह सुनिश्चित करेंगे कि पहले छह महीनों के अंत में बेड़े के 10 प्रतिशत तिपहिया वाहनों वाहनों को ईवी में स्थानांतरित कर दिया जाए। इसके बाद, अधिसूचना के एक वर्ष के भीतर, एग्रीगेटर के बेड़े में 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन शामिल होने चाहिए। इसके अलावा, कंपनियों को बेड़े में 50 प्रतिशत, 75 प्रतिशत और 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन दो साल, तीन साल और चार साल के भीतर शामिल करना होगा।
चारपहिया वाहनों के लिए भी निर्देश
सभी एग्रीगेटर्स को 1 अप्रैल, 2030 तक अपने बड़े में 100 प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलना अनिवार्य होगा। अधिसूचना के मुताबिक, चार पहिया वाहनों के मामले में, अधिसूचना के लागू होने के छह महीने के भीतर पहले 5 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक होने चाहिए। इसके बाद एक वर्ष के भीतर 15 प्रतिशत, दो वर्ष के बाद 25 प्रतिशत, तीन वर्ष के बाद 50 प्रतिशत, चार साल में 75 प्रतिशत और पांच साल के भीतर 100 प्रतिशत वाहन इलेक्ट्रिक होंगे।
नियम न मानाने पर लगेगा जुर्माना
मसौदा अधिसूचना के मुताबिक, यदि एग्रीगेटर्स चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में शिफ्ट नहीं होते हैं तो उनपर जुर्माना लगाने के प्रावधान भी है। एग्रीगेटर्स पर योजना की धारा 3.7 के अनुसार जुर्माना और प्रतिबंध लगाया जा सकता है। मानदंडों का पालन करने में विफल रहने वाली कंपनियों पर प्रति वाहन 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
खराब ड्राइविंग करने वालों पर भी नकेल
मसौदा नीति में गलत ड्राइविंग करने वाले कैब एग्रीगेटर या डिलीवरी एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करने के दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। अगर संबंधित ड्राइवर पर एक महीने में 15 प्रतिशत से अधिक नियम उल्लंघन के मामले दर्ज होते हैं तो जांच करने के बाद उसपर कंपनी को उचित कार्रवाई करनी होगी।
दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा वाहनों पर पंजीकरण रद्द
दिल्ली परिवहन विभाग ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। राज्य में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल (NGT) ने 2016 में दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। वर्तमान में दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को एनओसी नहीं दिया जा रहा है लेकिन सरकार उन्हें अन्य राज्यों में चलाने के लिए एनओसी दे रही है जहां ऐसे वाहन प्रतिबंधित नहीं है।
दिल्ली सरकार पेट्रोल-डीजल पर चलने वाले पुराने वाहनों में इलेक्ट्रिक किट लगवाने की भी मंजूरी दे रही है। पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक किट के रेट्रोफिटमेंट की अनुमति से राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक और शून्य-उत्सर्जन वाहनों को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। दिल्ली परिवहन विभाग उन निर्माताओं को सूचीबद्ध कर रहा है जो पारंपरिक आईसीई (ICE) वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने के लिए इलेक्ट्रिक किट बनाते हैं।