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Delhi Meerut Expressway: दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे खुला, अब 2 घंटे का सफर सिर्फ 45 मिनट में होगा पूरा
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 1 अप्रैल 2021 को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे को आम जनता के लिए खोलने की घोषणा की है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2018 में रखी थी जिसके तीन वर्ष के भीतर इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा कर लिया गया। नितिन गडकरी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक्सप्रेसवे को आम जनता के लिए खोलने की घोषणा के साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है।
बता दें कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से अब दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा 2.5 घंटे से कम होकर सिर्फ 45 मिनट हो गई है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की लम्बाई 82 किलोमीटर है जिसमे 60 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे और 22 किलोमीटर का नेशनल हाईवे स्ट्रेच है। इस प्रोजेक्ट पर 8,346 करोड़ रुपये का खर्च आया है।
इस एक्सप्रेसवे पर कुल 24 छोटे और बड़े पुल है। इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे पर 10 फ्लाईओवर, 3 रेलवे ब्रिज, 95 अंडरपास और पैदल यात्रियों के लिए दर्जनों ओवरब्रिज भी बनाये गए हैं।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का निर्माण चार अलग-अलग चरणों में किया गया है। यह निजामुद्दीन ब्रिज से शुरू होकर यूपी बॉर्डर तक जाता है, जबकि दूसरा चरण यूपी बॉर्डर और डासना के बीच है, तीसरा चरण डासना और हापुड़ के बीच है और अंतिम चरण हापुड़ और मेरठ को जोड़ता है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर विभिन्न हिस्सों में वाहनों की अधिकतम गति सीमा 80 किमी से 100 किमी प्रति घंटे के बीच होगी। प्रत्येक वाहन की गति दिखाने के लिए प्रत्येक 10 किलोमीटर पर डिस्प्ले स्क्रीन लगाई गई है।
सुरक्षा उद्देश्यों के लिए, एक्सप्रेसवे के चौथे चरण में डासना से मेरठ तक 72 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पूरी सड़क पर 4,500 से अधिक लाइटें और कैमरे लगाए गए हैं।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे में साइकिल चालकों और पैदल यात्रियों के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। एक्सप्रेसवे के फेज 1 और फेज 2 की सड़कों के साथ 2.5 मीटर साइकल कॉरिडोर और 2 मीटर चौड़ा फुटपाथ है।
रात में यात्रा को सुखद बनाने के लिए, एक्सप्रेसवे पर रंगीन फ्लैश लाइट भी स्थापित किये गए हैं। फुटपाथ और साइकिल ट्रैक पर अलग से प्रकाश व्यवस्था की गई है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे में पहला स्वचालित नंबर प्लेट रीडर (ANPR) के साथ फास्टैग (FASTag) आधारित मल्टी लेन फ्री फ्लो टोलिंग सिस्टम पेश किया गया है। यह हाईवे पर हाई स्पीड ट्रैफिक के प्रवाह को सुनिश्चित करेगा। फास्टैग टोल्लिंग सिस्टम के चलते टोल गेट पर वाहनों को रूक कर टोल भुगतान की जरूरत नहीं होगी।
आस-पास के इलाकों से कनेक्टिविटी के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर कई प्रवेश और निकास बिंदु बनाए गए हैं। ये बिंदु अक्षरधाम, डूंडाहेड़ा, सराय काले खां, डासना, इंद्रपुरम और नोएडा में स्थित हैं।
आपातकालीन समय पर सहायता के लिए पूरे एक्सप्रेसवे में निरंतर अंतराल पर विशेष आपातकालीन कॉल बॉक्स (ईसीबी) लगाया गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए एम्बुलेंस, क्रेन, पेट्रोल पंप, रेस्तरां, व्हीकल रेपर सेंटर जैसी सुविधाओं का विकास किया गया है।