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दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लाॅन्च किया वेब पोर्टल, एक क्लिक पर मिलेगी सभी जानकारी
दिल्ली सरकार ने राज्य क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल को लॉन्च करने का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोगकर्ताओं को एक ही जगह इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी सभी जानकारियों को उपलब्ध कराना है। दिल्ली सरकार के ऑनलाइन पोर्टल http://ev.delhi.gov.in पर बाजार में उपलब्ध सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों के मॉडल, चार्जिंग स्टेशन और सब्सिडी की जानकारी उपलब्ध होगी।

इस पोर्टल को लॉन्च करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "दिल्ली सरकार जनता के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल, इंटरैक्टिव और संसाधनपूर्ण मंच देना चाहती है। यह नई वेबसाइट संभावित ईवी उपभोक्ताओं को सभी आवश्यक जानकारी प्रदान करने और शहर के में उपलब्ध चार्जिंग स्टेशनों की जानकारी प्रदान करेगी।"

वेबसाइट चार्जिंग स्टेशनों के स्थान और चार्जर्स के विनिर्देशों के बारे में भी जानकारी प्रदान करती है। वर्तमान में दिल्ली में 170 स्थानों पर 377 चार्जिंग प्वाइंट हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। परिवहन विभाग द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, वेबसाइट उपयोगकर्ताओं को चार्जिंग स्टेशनों की रीयल-टाइम अपडेटेड संख्या भी प्रदान करेगी।

पोर्टल में 'ईवी कैलकुलेटर' भी शामिल है जो अपने समकक्ष पारंपरिक वाहन की तुलना में होने वाले बचत का भी अनुमान देता है। यह उपभोक्ताओं को एक तर्कसंगत विकल्प का चुनाव करने और इलेक्ट्रिक वाहन से होने वाले लागत में बचत की पहचान करने में सक्षम भी बनाता है।

इस पोर्टल पर इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत, ब्रांड और रेंज के अलावा, पोर्टल का डैशबोर्ड दिल्ली के इलेक्ट्रिक वाहन इकोसिस्टम पर भी अपडेट देता है, जिसमें वास्तविक समय में दिल्ली में वाहन की बिक्री का भी पता लगाया जा सकेगा। वेबसाइट में एक फीडबैक और शिकायत अनुभाग भी है जहां हितधारक अपने सुझाव दे सकते हैं।

दिल्ली सरकार ने पिछले सप्ताह ही राज्यक्षेत्र में प्रदूषण पर लगाम लगाने और स्वच्छ ऊर्जा संचालित वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई कैब एग्रीगेटर नीति की घोषणा की है। जिसके तहत दिल्ली में कंपनियों को अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करना अनिवार्य होगा। दिल्ली सरकार के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मार्च 2023 तक सभी कैब एग्रीगेटर कंपनियों को अपने टू-व्हीलर वाहनों के बेड़े में 50 फीसदी और फोर-व्हीलर वाहनों के बेड़े में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों को चलाने का निर्देश दिया गया है।

एग्रीगेटर्स नीति के मसौदे के अनुसार, अंतिम नीति की अधिसूचना के तीन महीने के भीतर नए दोपहिया वाहनों में से 10 प्रतिशत और नए चार पहिया वाहनों के 5 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन चलाना अनिवार्य होगा। इसके बाद, सभी नए दोपहिया वाहनों में से 50 प्रतिशत और सभी नए चार पहिया वाहनों में से 25 प्रतिशत को मार्च 2023 तक इलेक्ट्रिक होना आवश्यक होगा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री कैलाश गहलोत ने पहले ही दिल्ली में सभी वाणिज्यिक वाहन मालिकों से 2023 तक अपने आधे बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलने का आग्रह किया था। मंत्री ने वाणिज्यिक वाहन मालिकों से 2025 तक 'स्विच दिल्ली' अभियान के तहत पारंपरिक वाहनों को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहन बेड़े में बदलने का भी आग्रह किया था।

बता दें कि दिल्ली परिवहन विभाग ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए पिछले साल दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया। राज्य में 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जा रहा है।

राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने 2016 में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी। वर्तमान में दिल्ली में 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल से ज्यादा पुराने पेट्रोल वाहनों को एनओसी नहीं दिया जा रहा है लेकिन सरकार उन्हें अन्य राज्यों में चलाने के लिए एनओसी दे रही है जहां ऐसे वाहन प्रतिबंधित नहीं है।

दिल्ली सरकार पेट्रोल-डीजल पर चलने वाले पुराने वाहनों में इलेक्ट्रिक किट लगवाने की भी मंजूरी दे रही है। पेट्रोल और डीजल वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक किट के रेट्रोफिटमेंट की अनुमति से राष्ट्रीय राजधानी में इलेक्ट्रिक और शून्य-उत्सर्जन वाहनों को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। दिल्ली परिवहन विभाग उन निर्माताओं को सूचीबद्ध कर रहा है जो पारंपरिक आईसीई (ICE) वाहनों को इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने के लिए इलेक्ट्रिक किट बनाते हैं।