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दिल्ली में 4,000 इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा उतारेगी सरकार, ऑटो रिक्शा चालकों ने जताई आपत्ति
दिल्ली सरकार ने शहर में 4000 नए ऑटो परमिट सिर्फ इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा को देने का फैसला किया है। इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा के लिए दिल्ली सरकार जल्द ही सभी सीएनजी स्टेशनों पर चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों की शुरुआत करेगी। दिल्ली सरकार ने यह कदम शहर में प्रदूषण मुक्त परिवहन को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया है।
मौजूदा समय में दिल्ली में 95,000 रजिस्टर्ड सीएनजी ऑटो चलाये जा रहे हैं। इन ऑटो की अधिकतम संख्या 1 लाख तक की जा सकती है। दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने इलेक्ट्रिक ऑटो के लिए आवेदन प्रक्रिया 21 जुलाई से शुरू कर दी है। जहां सीएनजी ऑटो रिक्शा के कीमत 2-2.25 लाख रुपये है वहीं इलेक्ट्रिक ऑटो 1.5 लाख रुपये तक की कीमत में उपलब्ध हो जाती है।
हालांकि, दिल्ली सरकार के इस फैसले पर ऑटो रिक्शा चालकों ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि शहर में चार्जिंग स्टेशन की भारी कमी है जिससे रिक्शा को चार्ज करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि एक सीएनजी ऑटो पूरे दिन करीब 200 किलोमीटर तक चलती है, इसके मुकाबले में इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा 100-150 किलोमीटर ही चल पाती है।
ऑटो चालकों के मुताबिक अगर शहर में चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग की व्यवस्था नहीं होगी तो इससे उनका कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक रिक्शा को चार्ज करने में 3 घंटे का समय लगता है इसलिए सरकार को इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा लाने के पहले बैटरी स्वैपिंग स्टेशन की व्यवस्था करनी चाहिए।
ट्रांसपोर्ट विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की इस मांग को इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के बोर्ड की मीटिंग में उठाया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दिल्ली में सभी सीएनजी स्टेशनों पर बैटरी स्वैपिंग पॉइंट बनाने की योजना तैयार की जाएगी।
दिल्ली में 7 अगस्त, 2020 को इलेक्ट्रिक वाहन नीति की घोषणा की गई है। दिल्ली सरकार ने 2024 तक सभी नए वाहनों में 24 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल करने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर रजिस्ट्रेशन और रोड टैक्स में छूट के साथ सब्सिडी भी दे रही है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में पिछले साल अगस्त में 13,963 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकृत किए हैं। इनमें से 8,012 (57.3%) वाहनों को दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि मिली। 8,012 इलेक्ट्रिक वाहनों में से 4,782 (59.6%) नए ई-रिक्शा को ईवी नीति के तहत सब्सिडी दी गई थी जो कि सभी वाहन श्रेणियों में सबसे अधिक थी। इसके बाद इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का स्थान रहा, जिनमें से 1,340 को लाभ मिला। पिछले साल अगस्त से लेकर 20 जुलाई की सुबह नौ बजे तक सिर्फ 610 ई-कारों का ही रजिस्ट्रेशन हुआ था।