Just In
- 11 hrs ago 3 करोड़ की कार में वोट डालने पहुंचे साउथ सिनेमा के दिग्गज स्टार Dhanush, फैंस ने किया स्वागत
- 12 hrs ago हो जाइए तैयार! भारत में नई कार लेकर आ रही है Ford, Mahindra XUV700 को देगी टक्कर, जानें डिटेल्स
- 13 hrs ago खुशखबरी! 32 शहरों में मेगा सर्विस कैंप लगाने जा रही है Jawa Yezdi, मिलेंगे ये फायदे, जानें डिटेल्स
- 15 hrs ago अब Royal Enfield की बाइक से करें वर्ल्ड टूर, नई बाइक खरीदने की भी नहीं होगी जरुरत, जानें प्लान
Don't Miss!
- News VASTU TIPS : घर में समृद्धि लाना है तो इन उपायों पर गौर फरमाइए
- Education UP Board 12th Result 2024: यूपी बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2024 कल 2 बजे आयेगा, यहां देखें UPMSP Result डाउनलोड लिंक
- Movies OOPS: बेटे अरहान से गंदी बातें करने के बाद अब इस हाल में दिखी मलाइका, बार-बार ठीक करती रही लटकती फिसलती ड्रेस
- Lifestyle Blackheads Removal Tips: नहीं निकल रहे हैं ठुड्डी पर धंसे हुए ब्लैकहेड्स? 5 मिनट में ये नुस्खें करेंगे काम
- Technology Vivo के इस 5G फोन की कल होने जा रही एंट्री, लॉन्च से पहले कीमत से लेकर फीचर्स तक की डिटेल लीक
- Travel हनुमान जयंती : वो जगहें जहां मिलते हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
- Finance Employee Count: देश की टॉप IT कंपनियों में कम हो गए 63,759 कर्मचारी, जानें किस कंपनी में कितने लोग हुए कम
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
डेमलर ने किया दुनिया की पहली ट्रक बनाने का दावा, देती थी 16.66 किमी की माइलेज
जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी डेमलर ने दवा किया है कि दुनिया की पहली ट्रक उसने बनाई है। डेमलर ने दावा किया है कि 1896 में कंपनी के संस्थापक गोटलिब डेमलर ने पहली इंटरनल कंबशन इंजन (IC Engine) से चलने वाली कार्गो ट्रक का निर्माण किया था। डेमलर कार्गो ट्रक गोटलिब डेमलर के पिछले घटनाक्रमों पर आधारित था।
कंपनी ने दावा किया है गोटलिब का यह ट्रक 1.06-लीटर दो-सिलेंडर इंजन द्वारा संचालित था। कंपनी ने यह भी दावा किया है कि यह ट्रक 16.66 किलोमीटर प्रतिलीटर की माइलेज देता था जो उस युग के दौरान बहुत प्रभावशाली था।
दुनिया का सबसे पहला मालवाहक ट्रक एक बैलगाड़ी की तरह दिखता था। इस ट्रक का इंजन पीछे लगा होता था और उसके सबसे आगे ड्राइवर और दो लोगों के बैठने की सीट दी गई थी।
इस ट्रक का इंटरनल कंबशन इंजन 4 बीएचपी की अधिकतम पॉवर जनरेट करता था। ट्रक को आगे बढ़ाने के लिए इंजन को बेल्ट ड्राइव के जरिये पहियों से जोड़ा गया था।
बताया जाता है कि इस ट्रक के पहियों को स्टील से बनाया गया था और इसमें रबर की परत नहीं लगी होती थी। इस वजह से पूरे ट्रक में काफी अधिक कंपन होता था। इंजन को कंपन से बचाने के लिए नीचे स्प्रिंग लगाये गए थे।
इस ट्रक के पहियों को स्टीयरिंग व्हील से नियंत्रित करने के लिए चेन सिस्टम का इस्तेमाल किया गया था। गोटलिब डेमलर ने इस ट्रक को और बेहतर बनाने के लिए बाद में कई बदलाव किये थे। उन्होंने 1898 में विलहेम मेबैक से ट्रक का अपग्रेड वर्जन लाने के लिए हाथ मिलाया था।
मेबैक के सहयोग से ट्रक के इंजन को आगे लाया गया। इसके बाद एक बार फिर बदलाव करते हुए इंजन को फ्रंट व्हील के एक्सेल पर लगाया गया। इस ट्रक के एक नए मॉडल में 2.2 लीटर के ज्यादा पॉवरफुल इंजन का इस्तेमाल किया गया था जिसमे बाॅश का इग्निशन और कूलिंग सिस्टम लगाया गया था।