Just In
- 2 hrs ago अब Toll प्लाजा और Fastag से नहीं, इस खास सिस्टम से होगा Toll Collection! नितिन गडकरी ने दिया बड़ा अपडेट
- 4 hrs ago हो जाइए तैयार: 15 अगस्त को आ रही है Mahindra Thar 5-door SUV, पावरफुल इंजन के साथ मिलेंगी जबरदस्त फीचर्स
- 8 hrs ago Jackie Shroff : बॉलीवुड के जग्गू दादा का कार कलेक्शन देख हैरान हो जाएंगे आप, गैराज में खड़ी है BMW और Jaguar
- 9 hrs ago बीजेपी नेता ने बेटी को गिफ्ट की 2.44 करोड़ की Mercedes-Benz SL55 AMG, VIDEO वायरल
Don't Miss!
- News Shivpuri News: ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी में रावत समाज के सम्मेलन में धारा 370 पर दिया बड़ा बयान
- Movies ईशा अंबानी ने 508 करोड़ में बेचा अपना 38,000 स्कवेयर फुट का बंगला, इस हसीना ने चुटकी बजाकर खरीदा?
- Finance Gaming का बिजनेस भारत में पसार रहा पांव, आने वाले सालों में 6 अरब डॉलर तक का होगा कारोबार
- Lifestyle Lemon Juice Bath : नींबू पानी से नहाने के फायदे जान, रोजाना आप लेमन बाथ लेना शुरु कर देंगे
- Technology Oppo F25 Pro भारत में नए Coral Purple कलर में उपलब्ध, जानिए, स्पेक्स और उपलब्धता
- Education BSEB Bihar Board 10th Result 2024: बिहार बोर्ड मैट्रिक रिजल्ट 2024 इस हफ्ते के अंत तक आयेगा
- Travel Good Friday की छुट्टियों में गोवा जाएं तो वहां चल रहे इन फेस्टिवल्स में भी जरूर हो शामिल
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
एक महिला ने किया था विंडस्क्रीन वाईपर का आविष्कार, जानिए क्या है इसके पीछे की कहानी
कार का आविष्कार तो बहुत पहले ही हो गया था लेकिन कार के विंडस्क्रीन में लगे वाईपर का आविष्कार बहुत बाद में हुआ। कहते हैं आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है। कुछ इसी तरह है विंडस्क्रीन वाईपर के आविष्कारे की कहानी। आइए जानते हैं कार में कैसे आया विंडस्क्रीन वाइपर।
विंडस्क्रीन वाइपर का आविष्कार मैरी एंडरसन नाम की महिला ने सन् 1902 में किया था। इसी साल मैरी किसी काम से बर्मिंघम से न्यूयाॅर्क शहर जा रही थीं। वह अपने स्ट्रीट कार में सफर कर रही थीं तभी मौसम अचानक खराब हो गया और बर्फबारी होने लगी।
जब बर्फबारी ज्यादा होने लगी तो बर्फ विंडस्क्रीन पर जमने लगी और ड्राइवर को रास्ता देखने में परेशानी होने लगी। सफर के दौरान ड्राइवर बार बार-बार कार से उतर कर विंडस्क्रीन साफ कर रहा था।
बर्फ लगातार पड़ रही थी जिससे कई बार विंडस्क्रीन से बर्फ हटाने पर भी फिर से जमा हो जा रही थी। इस परेशानी के कारण मैरी एंडरसन अपने गंतव्य पर देर से पहुंची जिससे उन्हें बहुत निराशा हुई।
इस घटना से परेशान होकर ने मैरी ने इसका समाधान निकलने का सोचा। मैरी ने सोचा की यदि विंडस्क्रीन पर ब्लेड जैसी कोई चीज होती जो बर्फ को अपने आप हटा देती, तो ड्राइवर को बहार नहीं निकलना पड़ता।
वापस बर्मिंघम लौटकर मैरी ने वाइपर का स्केच तैयार किया और इसके पेटेंट के लिए पेटेंट ऑफिस से अपील की। पेशेंट के आवेदन में यह लिखा था कि वाइपर को किस तरह कार के अंदर लगे हैंडल से चलाया जा सकेगा और जरूरत नहीं होने पर इस हटाया भी जा सकता है।
इस आवेदन को 18 जून 1903 में फाइल किया गया था। पेटेंट ऑफिस ने मैरी के डिजाइन का आवेदन स्वीकार करते हुए उन्हें पेटेंट संख्या भी सौंप दी थी।
इसके बाद मैरी अपने पेटेंट को बेचने के मकसद से कई कार निर्माताओं और मैन्युफैक्चरिंग फर्म के पास गईं लेकिन सभी ने उनके अविष्कार का व्यावसायिक महत्व न होने की बात कह कर इसे खरीदने से मना कर दिया।
बताया जाता है कि पटेंट के करीब 50 साल बाद विंडस्क्रीन वाइपर को वास्तविक रूप मिला और कारों में वाइपर का इस्तेमाल होने लगा। मैरी उस समय जीवित थीं और अपने आविष्कार को सफल होते देख रहीं थीं।
मैरी एंडरसन के पेटेंट ने व्यावसायिक रूप ले लिया था लेकिन उन्हें किसी भी तरह का आर्थिक फायदा नहीं मिला। हालांकि, मैरी के गुजरने के कई दशकों बाद वर्ष 2011 में उन्हें उनके आविष्कार के लिए श्रेय मिला और उन्हें इंजीनियरों और आविष्कारकों को मान्यता देने वाले अमेरिकी संगठन 'इन्वेंटर्स हॉल ऑफ फेम' में जगह देकर सम्मान दिया गया।
ड्राइवस्पार्क के विचार
दुनिया में कई ऐसे आविष्कारक हुए हैं जिनके आविष्कार को पहले महत्व नहीं दिया गया लेकिन बाद में इनके की इनके ही आविष्कारों ने दुनिया को बदल दिया। कुछ ऐसे आविष्कारकों में निकोला टेस्ला का नाम जाना जाता है जिनके आविष्कार समय से कहीं आगे थे लेकिन बाद में लोगों ने उनके महत्व को समझा।