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वाहन लोन लेने वालों को अब बैंक जाने की जरूरत नहीं, अब घर बैठे ही ले सकेंगे एनओसी
जिन लोगों ने दिल्ली में वाहन ऋण लिया है, उन्हें नवंबर से बैंक शाखाओं या परिवहन विभाग के कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं है। दिल्ली सरकार ने बैंकों, वित्तीय संस्थानों और एनबीएफसी को वाहन ऋण डेटा को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल के साथ एकीकृत करने का निर्देश दिया है। दिल्ली परिवहन विभाग ने एक आदेश में कहा है कि नवंबर से दिल्ली में किसी भी वित्तीय संस्थान से वाहन ऋण लेने वाले किसी भी आवेदक को बैंक जाने या भौतिक रूप से कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं है।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "हमने पिछले महीने सभी बैंकों को अपने वाहन लोन डेटा को 'वाहन पोर्टल' के साथ एकीकृत करने के लिए एक सख्त समय सीमा तय की थी ताकि हाइपोथेकेशन सेवाओं पर समाप्ति की अनुमति दी जा सके और मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि इस प्रक्रिया ने गति पकड़ी है और यह काम लगभग पूरा हो गया है।"
उन्होंने कहा कि 31 अक्टूबर के बाद दिल्ली में वाहनों के हाइपोथिकेशन के लिए किसी भौतिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। इस आदेश के बाद वाहन लोन देने वाली कंपनियों या वित्तीय संस्थानों को हाइपोथिकेशन टर्मिनेशन और नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) के लिए ऑनलाइन आवेदन लेना होगा।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में एचडीएफसी और आईसीआईसीआई जैसे निजी बैंकों के पास सभी वाहन ऋण का 70-80 फीसदी हिस्सा है। इन बैंकों ने पहले ही अपने ऋण संबंधी डेटा को वाहन पोर्टल के साथ एकीकृत कर लिया है।
वाहन संबंधी दस्तावेजों की वैद्यता बढ़ी
इस बीच, दिल्ली परिवहन विभाग ने वाहन फिटनेस, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, पंजीकरण आदि से संबंधित दस्तावेजों की वैधता 30 नवंबर तक बढ़ा दिया है। फरवरी 2020 से 30 सितंबर, 2021 के बीच समाप्त हुए दस्तावेजों को अब 30 नवंबर तक नवीनीकृत किया जा सकता है। दिल्ली सरकार के एक बयान में कहा गया है कि संबंधित विभागीय अधिकारियों को फेसलेस सेवाओं से संबंधित तकनीकी मुद्दों, पेंडेंसी और शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है।
आरटीओ को मिले 2 लाख से ज्यादा लाइसेंस के आवेदन
दिल्ली सरकार का दावा है कि इस साल फरवरी में फेसलेस सेवा के पहले चरण की शुरुआत के बाद से वाहन से संबंधित 2,16,835 आवेदन और ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित सेवाओं के 2,08,224 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदनों में से 92 फीसदी ड्राइविंग लाइसेंस और 79.9 फीसदी वाहन संबंधी अन्य आवेदनों को 27 सितंबर तक मंजूरी दी गई है।
आपको बता दें कि दिल्ली में 7 अगस्त से ऑनलाइन ड्राइविंग लर्नर लाइसेंस का आवेदन शुरू होने के बाद 28 सितंबर तक कुल 57,755 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इन आवेदकों में से 78 प्रतिशत से अधिक को ई-लर्नर लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं।
दिल्ली में पीयूसी भी हुआ अनिवार्य
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्दियों के पहले प्रदूषण से निबटने के लिए दिल्ली सरकार ने राज्य में वैद्य पीयूसी सर्टिफिकेट (Pollution Under Control Certificate) को अनिवार्य कर दिया है। अब बगैर वैद्य पीयूसी के वाहन चलाते पकड़े जाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है। यही नहीं, अगर वाहन का वैद्य पीयूसी नहीं करवाया है तो 6 महीने की जेल या 3 महीने तक ड्राइविंग लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है। दिल्ली में परिवहन विभाग द्वारा 900 से अधिक अधिकृत प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जो शहर भर में फैले पेट्रोल पंपों और कार्यशालाओं में स्थापित हैं।