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पोती की पढ़ाई के लिए मुंबई के ऑटो ड्राइवर ने बेचा अपना घर, फिर मिला 24 लाख रुपये का दान
भारत सरकार जहां एक ओर 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बढ़ाओ' का नारा देती है, वहीं देश में कई बेटियां ऐसी भी हैं जिन्हें अच्छी शिक्षा नहीं मिलती है। लेकिन देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में एक ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर ने अपनी पोती को पढ़ाने के लिए कुछ ऐसा किया जो हैरान करने वाला है।
इस ऑटो रिक्शा ड्राइवर का नाम देसराज है और इसने अपनी पोती को पढ़ाने के लिए अपना घर बेच दिया है। लेकिन अब इस ऑटो रिक्शा ड्राइवर की मदद के लिए लोग सामने आए हैं और उसे 24 लाख रुपये दान में दिए गए हैं, जिससे वह अपनी पोती को पढ़ा सके।
देसराज की इस कहानी को जब ह्यूमन ऑफ बॉम्बे ने पोस्ट किया तो इस माह उनकी यह कहानी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई है। बता दें कि देसराज के बेटों की मृत्यु के बाद, उनकी बहू और उनके चार बच्चों की जिम्मेदारी उन पर आ गई है।
देसराज ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि "दाह संस्कार के बाद, मेरी पोती, जो कक्षा 9 में थी, उसने मुझसे पूछा कि दादाजी, क्या मैं स्कूल छोड़ दूंगी? 'मैंने अपना सारा साहस जुटाया और उसे आश्वस्त किया,! कभी नहीं! आप जितना चाहें पढ़ाई करें।"
उन्होंने अपने सात सदस्यों वाले परिवार का समर्थन करने के लिए लंबे समय तक काम करना शुरू कर दिया। लेकिन उनकी कमाई का अधिकांश हिस्सा पोती की स्कूल की फीस और उनके पोते की स्टेशनरी का भुगतान करने में चला गया।
लेकिन जब कक्षा 12 की परीक्षा में उनकी पोती ने 80 प्रतिशत अंक हासिल किए, तब उन्हें इस बात का अहसास हुआ कि उनके सभी प्रयास सार्थक थे। कक्षा 12 की परीक्षा में अच्छे अंक पाने के बाद देसराज की पोती आगे पढ़ने के लिए दिल्ली जाना चाहती थी।
उसने अपनी यह इच्छा अपने दादा से बताई। देसराज का कहना था कि "पोती को दूसरे शहर में शिक्षित करना मेरी क्षमता से परे था, लेकिन मुझे किसी भी कीमत पर उसके सपनों को पूरा करना था।" देसराज ने पोती की शिक्षा के लिए अपने घर को बेच दिया।
फेसबुक यूजर गुंजन रत्ती ने ऑटो ड्राइवर का समर्थन करने के लिए एक फंडरेसर शुरू किया। फंडराइजर ने अपने लक्ष्य को 20 लाख रुपये से अधिक का रखा था। हाल ही में ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे ने एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें देसराज को 24 लाख रुपये का चेक मिला है।