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फोर्ड और वोल्वो की छुट्टी करने आ गई है एप्पल की यह कार, कमाल के हैं फीचर्स
फोन से कंट्रोल होने वाली एपल कार के आने की चर्चाएं तेज हो गर्इ हैं। हाल ही में एपल ने "व्हीकल एक्सेस यूजिंग पोर्टेबल डिवाइस" का पेटेंट हासिल किया है जिसे उसने अक्टूबर 2011 में फाइल किया था। इसके मुताबिक किसी सेकंडरी पोर्टेबल डिवाइस जैसे कि आर्इफोन और ब्लूटूथ की मदद से कार को अनलॉक, स्टार्ट और कंट्रोल किया जा सकेगा। एपल के पेटेंट में एपल कार का कहीं जिक्र नहीं है इससे साबित होता है कि यह लेटेस्ट तकनीक किसी भी कार के लिए काम करेगी। TOP 10 : ये हैं अप्रैल 2016 में भारत की टॉप सेलिंग बाइक्स, लिस्ट में बजाज वी15 ने की एंट्री
फोन से कार कंट्रोल करने वाली तकनीक कोर्इ नर्इ नहीं है। बताते चलें कि फोर्ड और वोल्वो जैसी कारों में स्मार्टफोन एप की सहायता से कार को कंट्रोल किया जाता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर एपल की तकनीक किस मायने में इनसे अलग है। असल में एपल के पेटेंट में शामिल तकनीक में सेकेंडरी ड्राइवर को भी कंट्रोल देने की बात पहली बार कही गर्इ है। रिमोट लोकेशन से आर्इफोन की मदद से कार में मौजूद किसी भी तरह का फंक्शन पूरा किया जा सकेगा। इनमें कार के दरवाजे या स्टोरेज कंपार्टमेंट खोलना या सीट को एडजस्ट करना या फिर रेडियो चलाना जैसे कोर्इ भी फंक्शन हो सकते हैं।
ब्लूटूथ तकनीक की वजह से यह तकनीक केवल उन कारों पर काम करेगी जिनमें शॉर्ट रेंज वायरलैस इंटरकनेक्शन लगा हो। इस तकनीक को यूज करने वाली कार का प्राइमरी होल्डर सेकंडरी पोर्टेबल डिवाइस पर लिमिटशन आैर रेस्ट्रिक्शन लगाने के लिए स्वतंत्र होगा। उदाहरण के लिए प्राइमरी होल्डर यह निश्चित कर सकता है कि सेकंडरी होल्डर को कार की स्पीड, यात्रा के घंटे या फिर रेडियो को कंट्रोल का एक्सेस नहीं मिले।
यह तो पहले ही साफ हो चुका है कि यह तकनीक केवल एपल कार पर ही चलने के लिए नहीं होगी। इसके मायने ये हैं कि एपल नर्इ इंडस्ट्री की ओर रुख कर रही है। इधर एपल की इलैक्ट्रिक कार के बारे में भी अभी तक कोर्इ खबर सामने नहीं आर्इ है। तो क्या रिमोट से चलने वाली एपल कार इलैक्ट्रिक कार होगी।
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