Just In
- 5 hrs ago KIA की इस कार को ग्लोबल NCAP क्रैश टेस्ट में मिली 5-स्टार रेटिंग्स, भरपूर सुरक्षा सुविधाओं से है लैस
- 8 hrs ago चिलचिलाती गर्मी में लखनऊ ट्रैफिक पुलिस को मिला खास हेलमेट, अब और एक्शन में नजर आएगी पुलिस
- 9 hrs ago 100 साल की उम्र में 50 साल पुरानी विंटेज कार चला रहे हैं केरल के बुजुर्ग, VIDEO देख हैरान रह जाएंगे आप!
- 11 hrs ago नई Bajaj Pulsar 400 का टीज़र जारी, बेहतरीन फीचर्स और पावरफुल इंजन के साथ इस दिन होगी लॉन्च
Don't Miss!
- News Kal ka Match Kaun jeeta 23 April: कल का मैच कौन जीता- चेन्नई vs लखनऊ
- Lifestyle Happy Birthday Sachin Tendulkar Wishes: अपने फेवरेट सचिन के 51वें जन्मदिन के मौके पर शेयर करें ये संदेश
- Education UK Board Result 2024: उत्तराखंड बोर्ड 10वीं, 12वीं रिजल्ट कब आएगा? चेक करें डेट और टाइम
- Movies मलाइका अरोड़ा के इन 8 कटिंग ब्लाउज को करें ट्राई, 500 की साड़ी में भी लगेगी हजारों की डिजाइनर साड़ी
- Technology Realme C65 5G भारत में 10 हजार से कम कीमत में होगा लॉन्च, जानें फीचर्स
- Travel IRCTC का मानसखंड यात्रा टूर पैकेज, देवभूमि उत्तराखंड के ऐतिहासिक मंदिरों में करें दर्शन
- Finance Aadhaar Card: कहीं आपके आधार कार्ड का गलत इस्तेमाल तो नहीं हुआ, ऐसे करें तुरंत चेक
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
10 चीज़ें जो हम पुरानी भारतीय कारों के बारे में याद करते हैं
टच स्क्रीन, इलेक्ट्रानिक साधन, चाबी रहित एंट्री, कार्बन फाइबर बॉडी पैनल्स तथा एक कंप्यूटर, आजकल की कारों में ये सब चीज़ें ही सब नियंत्रण करती है, ड्राइवर केवल स्टीयरिंग करता है। अब तो ड्राइवर तक को दूर करने की बात हो रही है!
ये सभी चीज़ें आधुनिक कारों का हिस्सा हैं। यदि हम पीछे मुड़कर देखें तो क्या कभी किसी ने सोचा कि उन पुरानी अच्छी कारों का क्या हुआ और तब ड्राइविंग किस तरह हुआ करती थी?
चलिए यहाँ हम आपको भारतीय कारों की वे 10 बातें बता रहे हैं जिन्हें हम आज भी याद करते हैं:
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी। अधिक जानकारी के लिए स्लाइड्स पर क्लिक करें:
कहानी अगली स्लाइड पर जारी रहेगी।
Picture credit: order_242 via Commons Wiki
1. मज़बूत और ठीक करने के लिए सस्ती बॉडी:
किसी के भी विचार में सबसे पहले अम्बेस्डर या फिएट गाड़ी आती है। जी हाँ, इन गाड़ियों की बॉडी बहुत मज़बूत थी तथा उनमें सुधार करना भी बहुत सस्ता था। यहाँ तक कि आज भी ये गाड़ियां भारत की ड्राइविंग स्थिति के लिए उपयुक्त हैं। एक छोटी सी खरोंच या बंप पर शायद ही कुछ खर्च होता होगा।
2. पिछली सीट का आराम:
अम्बेस्डर तथा कॉन्टेसा गाड़ियों में यह बात देखने को मिलती थी, जो इतनी अधिक आरामदायक थी कि इसकी तुलना आजकल की आधुनिक गाड़ियों से की जा सकती है। ये आरामदायक होने के साथ साथ बड़ी भी थी।
Picture credit: Facebook
3. पूरे आकार का अतिरिक्त पहिया:
पुरानी भारतीय कारें उचित आकार का अतिरिक्त पहिया प्रदान करती थी। पंक्चर होने पर टायर बदला जा सकता था तथा उसी पहिये में लगाया भी जा सकता था और लोगों को इसका पता भी नहीं चलता था कि अतिरिक्त पहिया लगा हुआ है। आधुनिक कारें जगह बचाने वाली होती हैं तथा इनमें अतिरिक्त पहिया सिर्फ कहने के लिए होता है कि आप अतिरिक्त पहिये के साथ कार चला रहे हैं।
4. कोई इलेक्ट्रानिक्स साधन न होना:
संभवत: यही वह बात है जो अधिकाँश लोग मिस करते हैं। ड्राइव करने या इंजन को चलाने के लिए कोई इलेक्ट्रानिक्स नहीं थे। केवल आप, मशीन और एक दूसरे के प्रति प्रेम।
5. हल्की (कम वज़न वाली) कारें:
कार कम वज़न की होती थी। इसके कारण ईंधन की खपत कम होती थी क्योंकि छोटा इंजन पर्याप्त था। हल्की कारों को चलाने में मज़ा भी बहुत आता था।
6. मरम्मत में आसानी:
कार के इंजन कम जटिल हुआ करते थे। मरम्मत और सुधार के काम को कोई भी मैकेनिक बहुत आसानी से यहाँ तक कि हम भी आसानी से कर सकते थे। कार में खराबी ढूँढने के लिए किसी लैपटॉप की आवश्यकता नहीं होती थी। केवल कुछ स्क्रूड्राइवर और पाने से काम हो जाता था। पुरानी कारों में सुधार करना सस्ता भी होता था।
7. उचित, वास्तविक चाबियाँ:
आज के आधुनिक विश्व की आश्चर्यजनक बात यह है कि कार निर्माताओं ने यह निश्चय किया कि आपके कार की चाबी कार के इग्नीशन के बजाय आपकी जेब में रहे। मुझे नहीं लगता कि पुश बटन से कार को शुरू करने में और चाबी से शुरू करने में किसी प्रकार से भी समय की बचत होती है।
8. सीधी, सरल आंतरिक सज्जा:
इनमें एक या दो नॉब होते थे जिन्हें घुमाया जा सकता था। कभी कभी ये भी नहीं होते थे। आज की कार में इतने सारे बटन होते हैं कि ये सुरक्षा देने के स्थान पर ड्राइवर को कन्फ्यूज़ (भ्रमित) करते हैं। यह ऐसा है कि "ओह इस बटन से क्या होगा?"
9. मैनुअल गियर बॉक्स:
इस बात का आश्चर्य होता है कि कार निर्माताओं ने कार के इस सबसे रोचक वैशिष्ट्य को क्यों दूर कर दिया - एक मैनुअल गियर शिफ्ट लीवर। यहाँ तक कि जब हम बच्चे थे और कार चलाने की नक़ल करते थे तो हमारा एक हाथ स्टीयरिंग रिंग की नक़ल करता था तथा दूसरा हाथ गियर लीवर की नक़ल करता था।
10. पतले ए पिलर्स (स्तंभ):
पुरानी कारों में पतले ए पिलर होते थे जिसके कारण गाड़ी मोड़ते समय सब कुछ स्पष्ट दिखाई देता था। ये स्मार्ट भी दिखते थे। आधुनिक कारों में मोटे ए पिलर्स लगे होते हैं जो हमारे व्यू को प्रतिबंधित करते हैं। सुरक्षा के लिए दृश्यता को छोड़ दें? आश्चर्य है कि यह किस प्रकार सहायक है..