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जरुर पढ़िये: अपनी कार के ड्राइविंग सीट को सही पोजिशन में कैसे रखें
कार ड्राइविंग भला किसे पसंद नहीं होती। हर कोई चाहता है कि वो खुली सड़क पर तेज रफ्तार में कार को दौड़ाये और हवा से बाते करे। लेकिन कई बार कार ड्राइविंग मजे के बजाय सजा बन जाती है।
कार ड्राइविंग भला किसे पसंद नहीं होती। हर कोई चाहता है कि वो खुली सड़क पर तेज रफ्तार में कार को दौड़ाये और हवा से बाते करे। लेकिन कई बार कार ड्राइविंग मजे के बजाय सजा बन जाती है। इसका मुख्य कारण होता है थकान या फिर कम्फर्ट होकर ड्राइविंग न कर पाना।
एक आरामदेह ड्राइव के लिए कार की सीट का बेहतर पोजिशन पर होना सबसे ज्यादा जरूरी होता है। यदि आपकी कार की सीट का पोजिशन सही नहीं है तो यकिन मानिए आप कभी भी आरामदेह ड्राइविंग का मजा नहीं ले सकते हैं। इतना ही नहीं कभी कभी गलत सीट पोजिशन के वजह से दुर्घटनाओं से भी दो चार होना पड़ता है।
गलत सीट पोजिशन की वजह से आपात स्थिति में चालक के घायल होने का खतरा बढ़ जाता है। कई बार एयरबैग खुलने के बाद भी वो चालक के शरीर को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं रख पाता है। इसके अलावा गलत सीट पोजिशन का असर ड्राइविंग पर भी पड़ता है ऐसे में कार चालक का उसकी कार पर पूरा नियंत्रण नहीं रहता है।
तो यदि आपको भी ड्राइविंग के समय कोई दिक्कत आती है तो ये लेख आपके लिए बेहद जरूरी है। आज हम आपको अपने इस लेख में बतायेंगे कि आप किस तरह से सही पोजिशन में अपने कार की सीट को कर सकते हैं -
कैसे अपनी कार के सीट को सही पोजिशन में रखें -
कार की ड्राइविंग सीट के सही पोजिशन के लिए कार चालक को कई तथ्यों पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। यदि आप अपनी सीट के पोजिशन को ठीक पोजिशन में रखना चाहते हैं तो नीचे दिये बिंदुओं पर गौर करें और उनका पालन करें।
- सबसे पहले ये चेक करें कि आप ड्राइविंग के दौरान अपने बाजूओं को कितना सीधा रख सकते हैं। इसके लिए चालक को कार की सीट पर बैठना होगा और बिना झुके अपने हाथों से स्टीयरिंग व्हील को पकड़ना होगा। इस दौरान अपनी पीठ को बिलकुल सीधा रखें और कार की सीट से सपोर्ट लिए हुए बैठें। अपने हाथों को स्टीयरिंग व्हील के टॉप पर रखें यदि ऐसे स्थिति में बैठने में आपको किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होती है तो इसका मतलब ये है कि आपकी कार की सीट सही पोजिशन में है। इस दौरान जब आप स्टीयरिंग व्हील को घुमाते हैं तो आपके हाथ मुड़ते हैं इसलिए हमेशा सीट पर बैठने के बाद इस प्रक्रिया को चेक कर लें। यदि ऐसी स्थिति में किसी के हाथ स्टीयरिंग व्हील को घुमाते वक्त भी सीधे रहते हैं तो उसका स्टीयरिंग व्हील पर नियंत्रण कम रहता है।
- इसके बाद अपने पैरो के पोजिशन को चेक करें कि वो पैडल पर सही पोजिशन में है या नहीं। इसके लिए सबसे पहले देखें कि आपके दोनों पैर पैडल तक ठीक ढंग से पहुंच रहे हैं या नहीं। चालक द्वारा एक्सलेटर, क्लच और ब्रेक ये तीनों पैडल बिना किसी रूकावट और समस्या के आसानी से दबाये जाने चाहिए। यदि इनके आॅपरेशन में चालक को कोई असुविधा महसूस होती है तो इसका मतलब साफ है कि ड्राइविंग सीट की पोजिशन सही नहीं है।
- इसके बाद ये चेक करें कि आपके घुटने स्टीयरिंग व्हील से टकरा तो नहीं रहे हैं। सबसे पहले आपको ब्रेक पैडल पर अपने पांव रखने चाहिए क्योंकि ब्रेक पैडल एक्सलेटर और क्लच के मुकाबले थोड़े उंचे बनाये जाते हैं। यदि आपके घुटने स्टीयरिंग व्हील या फिर लोअर डैशबोर्ड से टकराते हैं तो तत्काल सीट की पोजिशन को सही करें।
- यदि कार के ड्राइविंग सीट की पोजिशन सही करने के बावजूद आपके पैरों को असुविधा हो रही है तो आपको कार की स्टीयरिंग व्हील के पोजिशन को भी चेक करना चाहिए। आज कल ज्यादातर वाहन निर्माता कंपनियां अपनी कारों में टिल्ट स्टीयरिंग व्हील का प्रयोग कर रही है ताकि कार चालक अपनी सुविधा के अनुसार स्टीयरिंग व्हील की उंचाई को भी एडजेस्ट कर सके।
- कार के ड्राइविंग सीट की उंचाई कार चालक के लंबाई के अनुसार होनी चाहिए। कभी भी ड्राइविंग सीट की हाइट को न तो ज्यादा रखें और न ही कम रखें। क्योंकि कई बार लोग अपनी सुविधा के लिए हाइट को कम या ज्यादा कर लेते हैं जिससे उन्हें रियर विंडो या मिरर देखने में समस्या होती है जो कि आपात स्थिति में और भी भयावह हो सकती है।
- यदि आप मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कार ड्राइव करते हैं तो आपको अपनी कार के गियर लीवर पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। जब आप अपनी कार के ड्राइविंग सीट की पोजिशन को सही कर रहे हों उस वक्त ये जरूर चेक कर लें कि आपके हाथ आसानी से गियर लीवर को आॅपरेट करने में सक्षम है या नहीं। यदि गियर लीवर को आॅपरेट करने में आपको कोई असुविधा हो रही हो तो उसके मुताबिक कार के सीट की पोजिशन को बदलें। इस बात का भी ख्याल रखें कि गियर शिफ्ट करते वक्त आपकी कोहनियां पीछे सीट से न टकरायें।
- इसके बाद आप कार के हेडरेस्ट यानी की ड्राइविंग सीट पर सर के पीछे तरफ दिये गये रेस्ट की पोजिशन को सही करें। कुछ लोग इसे ड्राइविंग सीट से निकाल देते हैं। ऐसा बिलकुल भी न करें क्योंकि लांग ड्राइविंग के दौरान ये आपके सर को सपोर्ट देता है जिससे आपकी गर्दन में दर्द नहीं होता है। इसके अलावा किसी भी दुर्घटना वाली स्थिति में भी ये आपको चोटिल होने से बचाता है। इसलिए इसे निकाले नहीं बल्कि इसे उपर या नीचे कर के अपनी सुविधा के अनुसार एडजेस्ट करें। ये एक बेहद ही जरूरी इक्यूपमेंट होता है।
- हेडरेस्ट की पोजिशन को सही करने के बाद ये चेक करें कि आप कार के सभी फीचर्स, डिस्प्ले और मिरर को आसानी से देखने में सक्षम है या नहीं। यदि आपको लगता है कि सीट को एडजेस्ट करने के बाद आप स्पीडोमीटर, साइड मिरर, रियर विंडो आदि को देखने में आपको असुविधा हो रही है तो एक बार फिर से सीट की पोजिशन को ठीक करें।
- सबसे आखिर में कार के सीट बेल्ट को लगायें और इस बात की तस्दीक करें कि आपको सीट बेल्ट का प्रयोग करने में कोई असुविधा न हो रही हो। यदि ऐसा होता है तो पोजिशन में जरूरी बदलाव करें। यदि सबकुछ आपको सामान्य लग रहा है तो फिर आप ड्राइव करने के लिए तैयार हैं।
कार की सीट के पोजिशन ठीक करने के फायदे:
- बहुत लोग इसे सामान्य तौर पर ही लेते हैं लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है एक आरामदेह और सुरक्षित सफर के लिए कार के सीट के पोजिशन का सही होना सबसे जरूरी होता है। ऐसा करने से आपको ड्राइविंग में थकान नहीं होती है इसके अलावा आप किसी भी आपात स्थिति में सामान्य ढंग से कार के फंक्शन को आॅपरेट कर पाते हैं।
- सही पोजिशन के चलते कार का चालक लंबे समय तक बिना थके ड्राइव कर सकता है। इससे आपके बैक बोन, हाथ, कलाई और कंधों को पूरा आराम मिलता है। ज्यादातर लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि ड्राइविंग के बाद उनके शरीर में दर्द होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वो ड्राइविंग के पहले अपने सीट की पोजिशन को ठीक नहीं करते हैं। इसलिए हमेशा ड्राइविंग से पहले अपनी सीट की पोजिशन को चेक करें ताकि आपका अपनी कार पर पूरा नियंत्रण रहे और आरादेह, सुरक्षित ड्राइविंग कर सकें।
- इसके अलावा यदि आपकी कार की सीट का पोजिशन सही है तो आप बिना हिचकिचाहट या असुविधा के रोड़ पर ब्लाइंड स्पॅाट को असानी से देख सकेंगे। इससे आपको सड़क की स्थिति का सही आंकलन करने में भी सुविधा मिलती है। आपको बेवजह अपनी गर्दन को घुमाना नहीं पड़ता है और न ही आपको किसी के मदद की जरूरत पड़ती है।
- इतना ही नहीं यदि दुर्भाग्यवश आप किसी दुर्घटना के शिकार होते हैं और उस वक्त आपकी ड्राइविंग सीट की पोजिशन सही रहती है तो आप के घायल होने की संभावना भी कम हो जाती है। इसलिए सदैव ड्राइविंग से पहले अपनी सीट की पोजिशन को चेक करें।
कार की सीट के पोजिशन ठीक करने पर ड्राइस्पार्क के विचार:
कार ड्राइव के दौरान चालक ही एकमात्र ऐसा व्यक्ति होता है जो पूरी तरह से आजाद नहीं होता है। उसके हाथ, पांव यहां तक दिमाग भी कार की ड्राइविंग के साथ व्यस्त रहते हैं। ऐसे में ड्राइविंग सीट के पोजिशन का सही रहना सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है। हमेशा अपनी कार के ड्राइविंग सीट के पोजिशन को चेक करें और सही रखें ताकि आप एक आरामदेह और सुरक्षित ड्राइविंग का मजा ले सकें।