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ईंधन (फ्यूल) से जुड़े इन मिथकों को क्या आप भी सच मानते हैं?
रोजमर्रा के जीवन में आपको फ्यूल से जुड़ी कितनी ही बातों सुनने को मिलती होंगी। जैसे की सुबह के समय पेट्रोल भराना सही होता है। हवाई जहाज के पेट्रोल से आपकी कार तेज दौड़ेगी इत्यादि, इत्यादि। लेकिन क्या ये सही है? क्या आप भी उनपर विश्वास करते हैं? आज इस लेख में हम ऐसे ही कुछ पॉपुलर मिथकों की सच्चाई जानने की कोशिश करेंगे।
सुबह के समय तेल भराने से कार ज्यादा माइलेज देती है
सुबह के समय तेल भराने से कार या बाइक ज्यादा माइलेज देती है, ये बात तो लगभग सबने सुनी होगी। इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि तापमान के साथ फ्यूल का घनत्व बढ़ता है और सुबह के समय फ्यूल भरने से टैंक में ज्यादा मात्रा में फ्यूल समाता है। तापमान के साथ पेट्रोल का घनत्व बढ़ता है ये सही है। पर आपको ये भी बता दें कि पेट्रोल टंकियों पर फ्यूल जमीन के अंदर स्टोर किया जाता है तो बाहर के बढ़ने वाले तापमान से उसपर कोई असर नहीं पड़ता। तो आप समझ ही गए होंगे की आप चाहे जब किसी भी समय अपनी गाड़ी में पेट्रोल भरवा सकते हैं। इससे माइलेज पर कोई असर नहीं पड़ता।
इंजन में कम फ्यूल रखना या लो फ्यूल इंजन की सेहत के लिए खराब है
इसके पीछे ये तर्क दिया जाता है कि जब इंजन में फ्यूल एकदम खत्म होने वाला होता है और आप गाड़ी चलाते हैं तो वो छना हुआ या टैंक के एकदम नीचे का खराब फ्यूल इस्तेमाल करता है जिसके इंजन के साथ-साथ गाड़ी के अन्य पार्ट पर भी विपरित प्रभाव डालता है। लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल भी गलत है क्योंकि फ्यूल टैंक इस तरह से डिजाइन किया जाता है कि इंजन हमेशा ही टैंक के एकदम नीचे से फ्यूल खिंचता है। तो ऐसे में फ्यूल खत्म हो जाने पर भी चिंता की कोई बात नहीं।
महंगे फ्यूल आपकी सस्ती कारों के परफॉरमेंस को बढ़ा देंगी
ऐसा सोचना बिल्कुल गलता है। क्योंकि यदि जब कोई कार बनाई जाती है तो उसकी अपनी क्षमता होती है। महंगा फ्यूल या ऑइल से उसके परफॉरमेंस पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ता। और ये भी जरूरी नहीं कि महंगा है तो अच्छा भी और आपके कार को सूट करेगा। प्रीमियम फ्यूल कम दहनशील होते हैं जो कि पावरफुल इंजन के परफॉरमेंस में मदद करते हैं लेकिन कम पावरफुल इंजन में वो फ्यूल या बढ़ियां ऑइल डालने भर से उसकी परफॉरमेंस नहीं बढ़ती।
रेंज रीडिंग
स्पीडोमीटर में फ्यूल गॉग में आप देख सकते हैं कि आपकी गाड़ी में कितना फ्यूल हैं। वहीं रेंज रिडींग एक लॉन्ग टर्म आंकड़ा होता है जो ड्राइवर के ड्राइविंग पैटर्न पर निर्भर करता है।
वैसे ऐसे मिथक कैसे पैदा होते हैं और लोगों के बीच कहां से पहुंचता है इसकी कोई जानकारी नहीं। इससे बचा जाना जरूरी है। आपकी कार में कितना फ्यूल लगता है और वो कितना माइलेज देती है वो गाड़ी चलाने और उसके इस्तेमाल पर भी निर्भर होती है। यहां हम आपको कुछ आसान टिप्स बताएंगे जिससे आप अपनी माइलेज में कुछ इजाफा कर सकें।
सर्विसिंग
किसी भी बिमारी से बचने का सबसे सही तरीका है कि उसे आने से पहले रोका जाए। यदि कार को नियमित तौर पर सर्विसिंग कराया जाए तो उसके सभी पार्ट सही से काम करते हैं और गाड़ी की सेहत बनी रहती है। इससे इंजन ईत्यादि पार्ट पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ता है और कार स्मूथ चलता है और वो तेल भी कम पीता है।
सही एयर प्रेशर
कार खरीदते वक्त निर्माता आपको टायर के एयर प्रेशर के बारे में बताता होगा अगर नहीं तो आप कार मैनुअल में पढ़ सकते हैं। अगर आपके पास कार मैनुअल नहीं है तो नजदीकी डीलरशीप या सर्विस सेंटर पर संपर्क करें वो आपको सही जानकारी देंगे। टायर में हमेशा निर्माता द्वारा बताए गए एयर प्रेशर को मेंटेन रखें। न कम और न ही ज्यादा। कम रखने पर इंजन को उसे खींचने में ज्यादा प्रेशर लगेगा। ज्यादा प्रेशर का मतलब है ज्यादा ईंधन। वहीं अगर टायर में हवा ज्यादा रखेंगे तो ड्राइव के दौरान वह ज्यादा उछड़ेगा और कार की हैंडलिंग भी मुश्किल हो जाती है।
सही गियर में कार चलाएं
कार चलाते समय यह बहुत जरूरी है कि आप सही स्पीड पर सही गियर लगाएं। क्योंकि ऐसा न करने पर इंजन सिस्टम सही से काम नहीं करेगा और इंजन पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है। यदि स्पीड ज्यादा हो तो हमेशा टॉप गियर में ही ड्राइव करें।
अतिरिक्त सामान न ढोएं
किसी भी यात्रा के दौरान कार में अतिरिक्त सामान रखने से बचें। क्योंकि यदि कार का वजन ज्यादा होगा तो इंजन को उसे खींचने में ज्यादा पावर लगेगा। इसके बजाए यदि कार का भार कम है तो उसकी माइलेज बढ़ जाती है।
जरुरत न होने पर शीशे बंद कर दें
दें ड्राइव के दौरान यदि शीशे खुले रहते हैं तो कार में जो हवा अंदर आता है उससे कार की रफ्तार पर प्रभाव पड़ता है। चुंकि हवा विपरीत दिशा से कार कि तरफ बढ़ती है इसलिए कार को आगे बढ़ने में ज्यादा मशक्कत करनी पड़ती है और इंजन पर इससे ज्यादा प्रेशर पड़ता है।
कार को छांव में पार्क करें
लोग अक्सर आपको एसी बंद करके गाड़ी चलाने या पार्क करने के लिए कहते होंगे। ये बात सही है कि एसी का जितना ज्यादा उपयोग होगा ईंधन उतना ही ज्यादा खत्म होगा। लेकिन गर्मी के दिनों में बिना एसी के कार में बैठना बहुत ही कठिन होता है। यदि आप कार को धुप में पार्क करते हैं तो कार पुरी तरह से गरम हो जाती है। फिर जब आप वहां से कार निकालते हैं तो एसी चालु करने पर भी कार को कूल होने में काफी समय लग जाता है। ऐसे में यदि कार को छांव में पार्क किया जाए तो कार न ज्यादा गर्म होगी और न ही उसे कूल होने के लिए अधिक एसी की जरुरत।
सिग्नल पर गाड़ी बंद कर दें
यदि आप किसी ट्रैफिक में फंसे हों या फिर कोई लंबा सिग्नल लगा हो तो कार के इंजन को बंद कर देना ही समझदारी है। यदि कार में स्टार्ट-स्टॉप बटन है तो उसका उपयोग करें। इससे जरूर ही कुछ ईंधन की बचत होगी।