Just In
- 48 min ago 100 साल की उम्र में 50 साल पुरानी विंटेज कार चला रहे हैं केरल के बुजुर्ग, VIDEO देख हैरान रह जाएंगे आप!
- 2 hrs ago नई Bajaj Pulsar 400 का टीज़र जारी, बेहतरीन फीचर्स और पावरफुल इंजन के साथ इस दिन होगी लॉन्च
- 5 hrs ago पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से हैं परेशान, तो आपके लिए बेस्ट ऑप्शन हैं ये इलेक्ट्रिक कार, कीमत सिर्फ इतनी!
- 6 hrs ago खरीदना चाहते हैं सेकेंड हैंड बाइक, तो ये हैं टॉप-5 बेहतरीन ऑप्शन, किफायती कीमत में देगी शानदार माइलेज
Don't Miss!
- News Election 2024: भाजपा में जाने की अटकलों के बीच Nilesh Kumbhani 'लापता', सूरत में निर्विरोध जीत के बाद नया खेला
- Technology 10 स्मार्टफोन ब्रांड जो भारत में नहीं चल पाए
- Movies कांग्रेस पार्टी के लिए वोट मांगने मैदान में उतरे 'पुष्पा'? आग की तरह वायरल हुआ अल्लू अर्जुन का ये वीडियो!
- Finance Bengaluru's New Navigation App: सड़कों के गड्ढों से लेकर रोडब्लॉक तक, इस नेविगेशन ऐप से कर सकते हैं चेक
- Lifestyle गर्मी में पेट को शांत रखता है यूपी-बिहार का सन्नाटा रायता, ये हैं फायदे और बनाने का तरीका
- Education UPSC CDS 2 Final Result 2023 OUT: यूपीएससी सीडीएस 2 रिजल्ट घोषित, कुल 197 अभ्यर्थियों का चयन, सीधा लिंक
- Travel पर्यटकों के लिए खुलने वाला है मुंबई का 128 साल पुराना BMC मुख्यालय, क्यों है Must Visit!
- Sports Japan Open 2023: सेमीफाइनल में पहुंचे लक्ष्य सेन, एचएस प्रणय की विक्टर एक्सेलसन से भिड़ंत आज
जानिए: पुरानी कार खरीदना क्यों है 'फायदेमंद'
आज हम आपको अपने इस लेख में उन 5 मुख्य बातों के बारे में बतायेंगे कि, आखिर आपको पुरानी यानी की सेकेंड हैंड कार ही क्यों खरीदनी चाहिए।
कार का मालिक बनना अपने आप में एक सुखद अहसास होता है। हर कोई चाहता है कि, वो एक अदद कार मालिक हो और अपने सपनों की कार में सड़क पर फर्राटा भरते हुए वो सवारी करे। हालांकि, आज के समय में कार का मालिक बनना उतना मुश्किल नहीं है जितना कि पहले कभी हुआ करता था। आज के समय में बैंकों द्वारा बहुत सारे ऐसी योजनाओं को शुरू किया जा रहा है जिनकी मदद से आपको आसानी से व्हीकल लोन मिल सकता हैं। लेकिन महंगाई के इस दौर में कार के कर्ज के अलावा बहुत कुछ ऐसी इंसानी जरूरतें हैं जिनकी वजह से आम आदमी की जेब तंग ही रहती है।
जब कोई नई कार नहीं खरीद पाता है तो फिर वो पुरानी यानी की सेकेंड हैंंड कार के बारे में सोचता है। भले ही कार पुरानी हो लेकिन उसका मालिक तो नया ही होता है। फिर हर महीने ईएमआई की झंझट से भी छुटकारा मिल जाता है और साथ ही जेब को थोड़ा कम ही ढ़ीला करना पड़ता है। वहीं हर साल नई कारों की बढ़ती कीमत के चलते काफी लोग सेकेंड हैंंड कारों की तरफ बढ़ रहे हैं देश भर में पुरानी कारों का बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है।
तो आज हम आपको अपने इस लेख में उन 5 मुख्य बातों के बारे में बतायेंगे कि, आखिर आपको पुरानी यानी की सेकेंड हैंड कार ही क्यों खरीदनी चाहिए।
कारण 1: पैसे बचत के साथ कार को अपग्रेड करना -
इसमें कोई दो राय नहीं है कि, जब आप पुरानी यानी की सेकेंड हैंड कार खरीदते हैं तो नई कार की कीमत के मुकाबले आपको कम पैसे खर्च करने पड़ते हैं। सेकेंड हैंड कार खरीदने का ये सबसे बड़ा और वाजीब कारण होता है। क्योंकि ज्यादातर लोग कम बजट के कारण ही सेकेंड हैंड कारों का चुनाव करते हैं। इसके अलावा आप सेकेंड हैंड कार को खरीदकर और कुछ पैसे खर्च कर उसे अपग्रेड कर सकते हैं जैसे कि, कुछ ऐसे फीचर्स को उसमें जोड़ सकते हैं जो कि उस मॉडल में उपलब्ध नहीं होता है।
सेकेंड हैंड कार खरीदना कोई गलत बात नहीं होती है बस आपको सही चुनाव करना आना चाहिए। मसलन आप सेकेंड हैंड कार उन्हीं संस्थानों या फिर व्यक्ति से खरीदें जो भरोसे के लायक हो। यानी कि, वो आपको कार के मॉडल और कंडीशन के बारे में उचित जानकारी दें, न कि आपके साथ धोखा करें। यकीन मानिए नई नवेली कार भी एक बार शोरूम से बाहर आते ही उसकी कीमत में 8 से 10 प्रतिशत की कमी आ जाती है।
एक उदाहरण के तौर पर आप फर्क देख सकते हैं। यदि आप मारुति सुजुकी स्विफ्ट एलएक्सआई की नई मॉडल दिल्ली के किसी शोरूम से खरीदते हैं तो वो कार आपको आॅनरोड तकरीबन 5, 28,057 रुपये की पड़ेगी। इसमें कार की एक्सशोरूम कीमत 4,71,613 + आरटीओ 18,948 रुपये + इंश्योरेंस 17,689 रुपये + अन्य खर्च 19,807 रुपये = कुल मिलाकर आपको 5,28,057 रुपये खर्च करने होंगे।
वहीं यदि आप यही कार एक साल पुरानी मॉडल जो कि तकरीबन 12,000 किलोमीटर चली हो उसे खरीदते हैं तो आपको डीलर को लगभग 4,15,000 रुपये देने होंगे। इसके अलावा यदि यही कार आप सीधे कार के मालिक से खरीदते हैं तो आपको महज 3,85,000 रुपये ही देने होंगे। क्योंकि डीलर अपना कमीशन कार की कीमत में जोड़ता है। अब आप आसानी से नई और सेकेंड हैंड कार की कीमत के बीच फर्क देख सकते हैं। इसके अलावा आप अपनी इच्छानुसान कुछ पैसे खर्च कर इस कार में उन फीचर्स को भी जोड़ सकते हैं जो कि इस फस्र्ट मॉडल में नहीं है।
कारण 2: बेझिझक ड्राइविंग -
ये एक बेहद ही जरूरी और महत्वपूर्ण कारण होता है। हम भारतीयों की ये एक खास आदत होती है। जब हम नई नवेली कार खरीदतें हैं तो हम चाहते हैं कि वो हमेशा वैसी ही दिखे जैसी कि वो पहले दिन थी। लेकिन इस भीड़ में कई बार कार पर डेंट और स्क्रैच लगना लाजमी है। खासकर नई कार पर छोटा सा भी स्क्रैच, चांद पर दाग की तरह दिखता है जो कि आपकी झल्लाहट का भी कारण बनता है।
लेकिन सेकेंड हैंड कार मालिक के लिए ये एक आम बात होती है। हालांकि हम आपको ये सुझाव नहीं देंगे कि, आप गाड़ी को ठोकते हुए चलायें लेकिन नई कार के मुकाबले पुरानी कार को थोड़ा रफ ड्राइव किया जा सकता है। इस बाबत यदि कोई डेंट आपकी कार को लगता भी है तो वो आपके लिए कोई खास परेशानी का कारण नहीं बनेगा।
कारण 3: बिना धोखे के वॉरंटी के साथ मिलती है कार -
सेकेंड हैंड कार खरीदते समय सबसे ज्यादा परेशानी वाली जो बात होती है वो है कि, कहीं आपके साथ धोखा न हो जाये। ऐसे ज्यादातर कार मालिकों से जब बात की गई तो उन्होनें बताया कि, वो इसी वजह से सेकेंड हैंड कार खरीदने से डरते हैं क्योंकि उन्हे ये डर लगता है कि, कहीं उनके साथ धोखा न हो जाये।
तो आपको बता दें कि, आज के समय में बहुत सी ऐसी फर्म हैं जो कि सर्टिफाई यानी की पूर्णतया सत्य दस्तावेजों और पुख्ता प्रमाणों के साथ कारों की बिक्री कर रही है। जिनसे आप अपनी मनपसंद कार खरीद सकते हैं। इसके अलावा आप कार के दस्तावेजों की पूर्णतया सत्यता की जांच भी करा सकते हैं। ये प्रमाणित डीलर होते हैं जो कि आपके साथ किसी भी प्रकार की कोई धोखाधड़ी नहीं करते हैं। तो आप बेफिक्र होकर इनसे कार खरीद सकते हैं।
इसके अलावा ट्रू वैल्यू जैसी संस्थायें आपको कार की हिस्ट्री के बारे में भी पूरी डिटेल प्रदान करती है। मसलन कार की सर्विसिंग या फिर उसकी एक्सीडेंटल डिटेल या फिर इसके पहले कार के स्पेयर पार्ट्स में कोई परिवर्तन किया गया है या नहीं। इन सभी बातों की पूरी लिखित जानकारी प्रदान की जाती है। जिससे आप कार के बारे में पूरी तस्दीक कर सकते हैं।
कारण 4: कम घटती है कीमत और होता है कम नुकसान -
जैसा कि, हमने उपर आपको बताया कि, शोरूम से बाहर आते ही कार की कीमत में तकरीबन 8 से 10 प्रतिशत तक की कमी आ जाती है। लेकिन सेकेंड हैंड कारों के साथ ऐसा बिलकुल भी नहीं होता है। चूकिं पुरानी कारों का अवमूल्यन यानी की कीमत में गिरावट कम होती है। जिसकी वजह से यदि भविष्य में आप अपनी पुरानी कार को बेचना चाहते हैं तो आपको ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। वहीं यदि आप नई कार के मालिक हैं और उसे 1 या 2 साल बाद बेचते हैं तो निश्चित तौर पर आपको ज्यादा नुकसान उठाना होगा। लेकिन पुरानी कार के साथ ऐसा नहीं होता है।
कारण 5: कम कीमत में इंश्योरेंस -
पुरानी कार खरीदने का एक मुनाफा ये भी होता है कि, आपको अपनी कार का बीमा कराने के लिए ज्यादा पैसे खर्च नहीं करने होते हैं। नई कार के मुकाबले कम कीमत में ही आपकी कार का बीमा हो जाता है। चूकिं बीमा की रकम कार की कीमत और उसके मॉडल पर निर्भर करती है।
आपको बता दें कि, यदि आप 4,71,600 रुपये एक्स-शोरूम कीमत की नई कार खरीदते हैं तो आपको पहली बार तकरीबन 17,689 रुपये इंश्योरेंस में खर्च करने होते हैं। वहीं जैसे ही कार की कीमत कम और मॉडल पुराना होता है आपको इंश्योरेंस के लिए कम रुपये खर्च करने होते हैं।