कहीं आप भी अपनी कार के साथ ऐसा तो नहीं करते, जरूर पढें ये खबर

यदि आपकी कार अचानक बंद पड़ जाती है और आपके पास जम्प स्टॉर्टर के अलावा और कोई भी दूसरा रास्त नहीं है तो आपको कुछ खास बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

हम सभी कार की बैटरी के ठंडे पड़ जाने वाले हालात से वाकिफ हैं। कई बार ऐसा होता है कि जब आप अपनी गैराज में रखी कार को स्टॉर्ट करते हैं तो वो स्टार्ट नहीं होती है। इग्नीशन आॅन करने के दौरान वो सेल्फ लेते लेते रूक जाती है और कार स्टर्ट नहीं हो पाती है। ऐसे में सबसे पहले हमारा ध्यान कार की बैटरी पर जाता है। कहीं ऐसा न हो कि कार की बैटरी डिस्चार्ज हो गई हो या फिर डेड हो गई है। ज्यातार लोग अपनी कार के टूल बॉक्स में जम्प स्टार्टर केबल रखते हैं। जिसकी मदद से कार की बैटरी को जम्प स्टार्टिंग प्रक्रिया से एक बार फिर से नई पावर दी जाती है जिससे कार स्टार्ट हो जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं आज के समय की अत्याधुनिक कारों के लिए ये पुरानी स्कूल टाइम की टेक्निक कितनी नुकसानदेह साबित होती है।

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इसमें कोई दो राय नहीं है कि जम्प स्टार्टिंग प्रक्रिया आज के समय में खासी लोकप्रिय है और इस टेक्निक का इस्तेमाल बहुत ही लंबे समय से किया जा रहा है। शायद यही कारण है कि हर कार में आपको जम्प स्टार्टर केबल मिल जायेगा। लेकिन इसका प्रयोग पुराने समय की कारों के लिए कोई नुकसानदायक नहीं था। लेकिन आज के दौर में जो कारें बाजार में उतारी गई हैं उनके लिए ये टेक्निक खासी नुकसानदेह है। आज कल की कारों में ट्रैक्शन कंट्रोल, रिवर्स सेंसिंग, एयरबैग जैसे अत्याधुनिक फीचर्स को शामिल किया गया है। ये सभी फीचर्स कार में प्रयुक्त कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम के माध्यम से संचालित होते हैं।

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ऐसे में यदि आप कार को दुबारा स्टार्ट करने के लिए जम्प स्टार्ट टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी छोटी सी गलती आपकी कार के इन सभी फीचर्स को बुरी तरह से डैमेज कर सकती है। इतना ही नहीं कुछ ऐसे भी वाहन निर्माता कंपनियां हैं जो कि अपनी कारों पर जम्प स्टार्ट प्रॉसेस का प्रयोग करने से सीधे तौर पर मना भी करती है। यदि आप इन कंपनियों के निर्देश के बावजूद भी कार पर जम्प स्टार्ट प्रॉसेस का प्रयोग करते हैं तो आपकी वॉरंटी भी रद्द हो सकती है।

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लेकिन यदि आपकी कार अचानक बंद पड़ जाती है और आपके पास जम्प स्टार्टर के अलावा और कोई भी दूसरा रास्त नहीं है तो आपको कुछ खास बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सबसे पहली बात ये कि बिना ग्लॅव और मास्क लगाये आप जम्प स्टार्ट का प्रयोग कत्तई न करें। क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान ब्लॉस्ट होने का भी खतरा होता है। इसके अलावा यदि आप आॅटोमेटिक का पर इस प्रक्रिया का प्रयोग कर रहे हैं तो कार को पहले मैनुअल मोड में रखें।

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दरअसल आज कल की कारों में टेक्नोलॉजी का ज्यादा प्रयोग हो रहा है अब कारें भी किसी स्मॉर्ट फोन की तरह हो चली हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में बतायेंगे कि जम्प स्टॉर्ट प्रक्रिया का प्रयोग करने के दौरान आपको किन बिंदुओं पर ध्यान देने की जरूरत है -

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जम्प स्टार्ट प्रक्रिया के दौरान ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बिंदू:

1. जम्प स्टार्ट प्रक्रिया के दौरान दोनों कार एक दूसरे ट्च नहीं होने चाहिए। इससे शॉक उत्पन्न हो सकता है जिससे कार के डैशबोर्ड और इलेक्टॉनिक्स में शॉर्ट सर्किट का भी खतरा बढ़ जाता है।

2. इस प्रक्रिया को शुरू करने के दौरान केबल्स का प्रयोग करने से पहले कार को स्वीच आॅफ रखें।

3. जिस कार की बैटरी से करेंट लिया जा रहा हो उसके वोल्ट की जांच कर लें। क्योंकि ज्यादा वोल्ट की उर्जा दूसरे का के मैकेनिज्म को नुकसान पहुंचा सकती है।

4. कार की चाभी को इग्नीशन स्वीच से निकाल लें क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान ये कार के इंजन कंट्रोल यूनिट (ECU) को डैमेज कर सकता है।

5. जम्पर केबल को एक दूसरे से रगड़ें नहीं, इससे वोल्टेज हाई होता है जो कि दूसरे कार के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकता है।

6. इस प्रक्रिया को करने से पहले दोनों कारों की बैटरी टर्मिनल्स को अच्छे से साफ कर लें।

7. जम्पर केबल को सही आॅर्डर में कनेक्ट करें और उन्हें हटायें भी उसी आॅर्डर में, इससे इलेक्ट्रीकल शॉर्ट सर्किट का खतरा कम हो जाता है।

8. इस प्रॉसेस को शुरू करने के दौरान सबसे पहले दोनों बैटरी के पॉजीटिव (+) टर्मिनल्स पर केबल लगायें उसके बाद नेगेटिव (-) प्वाइंट पर केबल लगायें।

9. जब आप आखिरी केबल को टर्मिनल से ट्च करायेंगे तो स्पॉर्क निकलेगा, पूरी कोशिश करें कि ये चिंगारी बैटरी से दूर रहे।

10. किसी भी शॉक को चेक करने के लिए केबल के लॉस्ट कनेक्शन को कार के इंजन के ऐसे पार्ट से अटैच करें जिस पर पेंट न लगा हो। बजाय इसके कि उसे बैटरी के टर्मिनल से अटैच कर चेक किया जाये।

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इस तरह से आप इन मुख्य बातों का ध्यान कर के आप आसानी से अपनी बंद पड़ी कार में जम्प स्टार्ट तकनीक का प्रयोग कर सकते है। दरअसल, ये एक ऐसी प्रक्रिया है जो कि आपके कार के बैटरी को दूसरे कार के बैटरी के माध्यम से तत्काल उर्जा प्रदान करती है। चूकिं आप हाई वोल्टेज की उर्जा का स्थानांतरण कर रहे हैं ऐसे में सजग रहना बेहद ही जरूरी है। इसके अलावा आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि इस प्रक्रिया के दौरान आपकी कार का कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस या फीचर आॅन न हो। पॉवर ट्रांसफर के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में शॉर्ट सर्किट होने का खतरा बढ़ जाता है।

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English summary
The concept of jump-starting a car is quite simple and you may have hands-on experience with the procedure. But did you know that this old-school ‘quick fix’ for a flat battery can cause serious damage to modern cars? Read in Hindi.
Story first published: Friday, December 14, 2018, 17:28 [IST]
 
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