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फॉक्सवैगन यूरोप में बंद करेगी पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री, 2033 से बेचेगी सिर्फ इलेक्ट्रिक कारें
फॉक्सवैगन ने यूरोप में इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। वाहन निर्माता ने वर्ष 2033 से यूरोप में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन करने का ऐलान किया है। फॉक्सवैगन ब्रांड डिवीजन ने 2026 तक 10 नए इलेक्ट्रिक मॉडलों को भी लॉन्च करने का ऐलान किया है, जिसमें एक एंट्री-लेवल मॉडल भी शामिल है, जिसकी कीमत 25,000 यूरो ($ 25,161) से कम होगी।
इस एंट्री-लेवल इलेक्ट्रिक कार को दो वेरिएंट में पेश किया जाएगा जिसमें एक हैचबैक और एक क्रॉसओवर होगा। जानकारी एक अनुसार, ये इलेक्ट्रिक कारें आईडी1 और आईडी2 हो सकती हैं। कंपनी ने यह भी कहा कि अगले साल आईडी3 कॉम्पैक्ट हैचबैक को एक नए अवतार में लाया जाएगा, जो एक इलेक्ट्रिक कार होगी। कंपनी आईडी3 के एक क्रॉसओवर मॉडल पर भी काम कर रही है।
आपको बता दें कि यूरोपीय संघ (European Union) ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है। यूरोपीय संघ के 27 देशों में पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारों पर साल 2035 से पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इसके बाद यूरोप में पेट्रोल और डीजल कारों का उत्पादन और बिक्री पूरी तरह से बंद हो जाएगा।
यूरोपीय संघ के सदस्यों ने 2030 में वाहनों से कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 55 प्रतिशत की कमी का समर्थन किया है। यह कदम कार उद्योग पर पिछले दशक की तुलना में इस दशक के अंत में औसतन 37.5 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) डिस्चार्ज को कम करने के नए दायित्व के अनुसार है।
यूरोपीय संघ के मुताबिक, कार्बन डाइऑक्साइड के कुल उत्सर्जन में कारों से होने वाला उत्सर्जन 12 प्रतिशत है, जबकि कुल परिवहन संसाधनों से एक चौथाई उत्सर्जन दर्ज किया गया है। इसका उद्देश्य यूरोप में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की प्रक्रिया को गति देना है और कार निर्माताओं को विद्युतीकरण में भारी निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है। यूरोपीय संघ एक अन्य कानून के द्वारा कंपनियों को लाखों वाहन चार्जर स्थापित करने की अनुमति दे रही है।
आपको बात दें कि फोर्ड और वोल्वो सहित कार निर्माता ने 2035 तक पेट्रोल-डीजल इंजन कारों की बिक्री को रोकने के लिए यूरोपीय संघ की योजना का सार्वजनिक रूप से समर्थन किया था, जबकि वोक्सवैगन सहित अन्य का कार निर्माताओं ने इस फैसले पर विरोध दर्ज कराया था।
जर्मन ऑटो एसोसिएशन वीडीए के साथ कई उद्योग समूहों ने 2035 के लक्ष्य को अस्वीकार करने के लिए ईयू संघ सदस्यों की पैरवी की थी। जिसमें उन्होंने कहा है कि वैकल्पिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने के लिए यह समय सीमा कम है। हालांकि, कार्बन न्यूट्रल होने की कड़ी प्रतिबद्धता का हवाला देते हुए संघ ने कंपनियों की दलीलों को अस्वीकार कर दिया था।
ड्राइवस्पार्क के विचार
यूरोपीयन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अनुसार, पिछले साल यूरोपीय संघ में बेची गई नई यात्री कारों में इलेक्ट्रिक और प्लग-इन हाइब्रिड वाहनों की हिस्सेदारी 18% थी, हालांकि सेमीकंडक्टर की कमी के चलते इन कारों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। वाहनों से यूरोप में एक चौथाई कार्बन उत्सर्जन हो रहा है और हाल के वर्षों में इस क्षेत्र से ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि हुई है, जिससे जलवायु परिवर्तन के खतरनाक स्तरों को रोकने के प्रयासों को खतरा है।