टोयोटा ला रही फ्लेक्स-फ्यूल वाली पहली कार, कल होगी लॉन्च

भारत में फ्लेक्स-फ्यूल से चलने वाली पहली कार कल लॉन्च होने वाली है। इसे टोयोटा कार कंपनी ने तैयार किया है। हाल ही में ऑटोमोटिव कम्पोनेंट असोसिएशन भारत के 63वें संस्करण में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि टोयोटा 28 सितंबर को फ्लैक्स-फ्यूल-पावर यानि एक से ज्यादा ईंधन से चलने वाले कार को लॉन्च करने जा रही है।

टोयोटा ला रही फ्लेक्स-फ्यूल वाली पहली कार, कल होगी लॉन्च

अभी कंपनी ने इसके नाम का खुलासा नहीं किया है। माना जा रहा है, कि यह कैमरी या कोरोला हो सकती है। टयोटा कोरोला अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन की क्षमता के साथ मिलती है, जो ई85 इथेनॉल से चलने में सक्षम है।

टोयोटा ला रही फ्लेक्स-फ्यूल वाली पहली कार, कल होगी लॉन्च

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने कहा कि यह पहल अगले 25 सालों में वाहनों के हर सेगमेंट में शामिल होने के भारत के लक्ष्य को मजबूत करेगी।

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टोयोटा के साथ अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियां भी भारत के ऑटोमोबाइल बाजार में फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों को लाने के लिए काम कर रही हैं। हालांकि, इन वाहनों को शोरूम से खरीदने के लिए भारतीयों को अभी और इंतजार करना होगा। तब तक पर्यावरण के अनुकूल फ्लेक्स-फ्यूल तकनीक के बारे में जान लेते हैं।

फ्लैक्स-फ्यूल वाहन क्या हैं?

फ्लैक्स-फ्यूल वाहन क्या हैं?

एक से ज़्यादा ईधन से चलने वाली वाले वाहन को फ्लैक्स-फ्यूल वाहन कहते है। यह 100% पेट्रोल या 100% इथेनॉल से चलती हैं। सरकार ने 2023 तक ई20 ईंधन यानि 80 प्रतिशत पेट्रोल और 20 प्रतिशत ईथेनॉल से चलने वाले वाहन को बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसका मतलब यह है कि ऑटोमोबाइल कंपनियों को ऐसे इंजन तैयार करने होंगे जो इस ईंधन पर चल सके।

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भारत में अभी ई10 ईंधन से यानि 90% पेट्रोल और 10% इथेनॉल से चलने वाली गाड़ियां हैं। अभी तक, फ्लेक्स ईंधन वाहन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और कनाडा में उपलब्ध हैं। एक आधिकारिक अमेरिकी वेबसाइट के अनुसार 2018 तक लगभग 21 मिलियन फ्लेक्स फ्यूल वाहन संयुक्त राज्य की सड़कों पर चल रहे थे। अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार, एफएफवी अधिक कुशल होते हैं और उच्च इथेनॉल मिश्रणों के साथ ईंधन भरने पर बेहतर एक्सीलेरेशन प्रदर्शित करते हैं।

फ्लेक्स फ्यूल कारों को पेट्रोल कारों से अलग क्या बनाता है?

फ्लेक्स फ्यूल कारों को पेट्रोल कारों से अलग क्या बनाता है?

अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार, फ्लेक्स ईंधन वाले वाहनों के अधिकांश हिस्से पेट्रोल वाले वाहनों की तरह ही होते हैं। फ्लेक्सिबल फ्यूल वाहन में मुख्य रूप से एक आंतरिक दहन इंजन होता है, जो पेट्रोल या इसके मिश्रण पर 83% तक इथेनॉल के साथ काम कर सकता है।

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इन वाहनों को पेट्रोल से जो बात अलग बनाती है, उसमें कुछ एथेनॉल-संगत घटकों का एक सेट है। इनके ईंधन पंप और ईंधन इंजेक्शन प्रणाली में बदलाव होता है। इथेनॉल की उच्च ऑक्सीजन को समायोजित करने के लिए, फ्लेक्सिबल फ्यूल वाहन को इंजन नियंत्रण मॉड्यूल के साथ भी कैलिब्रेट किया जाता है।

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यह ईंधन मिश्रण, इग्निशन टाइमिंग और उत्सर्जन प्रणाली की निगरानी और नियंत्रण करता है। इसके साथ ही यह मॉड्यूल वाहन के संचालन पर भी नजर रखता है और इंजन के ज्यादा प्रयोग से सुरक्षा करता है। यह समस्याओं का पता लगाने और उनका निवारण करने में भी मदद करता है।

ड्राइवस्पार्क के विचार

ड्राइवस्पार्क के विचार

पेट्रोल कार मालिकों की तुलना में फ्लेक्स-फ्यूल कार में आप जब चाहें इथेनॉल पर स्विच कर सकते हैं। जिससे महंगे ईंधन से कुछ राहत मिल सकती है। अभी, इथेनॉल भारत में पेट्रोल की तुलना में सस्ता है, जिससे फ्लेक्स ईंधन कार मालिकों को अपने ईंधन बिलों को बचाने में मदद मिलेगी। यह भारत को ईंधन आयात पर निर्भरता को कम करने में भी मदद करेगा।

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Hindi
English summary
Toyota to launch first flex fuel car in india tomorrow features specs details
 
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