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टोयोटा किर्लोस्कर ने कहा- PLI योजना से भारत बनेगा आत्मनिर्भर, जल्द दिखेगी तरक्की
वाहन निर्माता टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने बुधवार को कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का उद्देश्य हरित भविष्य को बढ़ावा देना है और इससे उद्योग को आत्मनिर्भर और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की भी उम्मीद है। कंपनी ने कहा कि ऑटोमोटिव उद्योग उन क्षेत्रों में से एक है जो इलेक्ट्रॉनिक्स और एडवांस केमेस्ट्री सेल (एसीसी) के लिए पीएलआई से सीधे लाभान्वित हो सकते हैं।
तोयोया किर्लोस्कर ने ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए पीएलआई योजना के दूरगामी लाभ बताते हुए कहा कि इन उपायों से वैश्विक स्तर पर उन्नत और हरित प्रौद्योगिकियों के लिए एक जीवंत और प्रतिस्पर्धी स्थानीय विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद मिलेगी, जिससे भारत एक मजबूत विनिर्माण केंद्र बन जाएगा।
कंपनी ने कहा कि पीएलआई योजना भारत में एक हरित भविष्य को प्रोत्साहन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। ये तेजी से कार्बन कटौती के सरकार के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। कंपनी का मानना है कि कई प्रमुख क्षेत्रों के लिए पीएलआई के माध्यम से, सरकार अग्रिम और भविष्य की प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश आकर्षित करके भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की शुरूआत की है। यह उन सभी क्षेत्रों में भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा जिसके लिए वर्तमान में वह आयात पर निर्भर है।
टोयोटा ने आगे कहा कि पीएलआई की पहल न केवल भारत को ऑटोमोबाइल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बल्कि विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का सामर्थ्य रखती है। अगले पांच वर्षों में इन क्षेत्रों में सरकारी आवंटन का विस्तार किया जाएगा, ये योजनाएं भारतीय नागरिकों पर अचानक बोझ डाले बिना वांछित बढ़ावा देंगी।
वाहन निर्माता ने कहा कि सरकार अधिक पारदर्शिता और सुधारों की दिशा में काम कर रही है। ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट सेक्टर के लिए पीएलआई योजना के तहत लाभ लेने के लिए 115 कंपनियों ने आवेदन दायर किए हैं। इस क्षेत्र के लिए 25,938 करोड़ के पीएलआई योजना को स्वीकृति दी गई है।
इस योजना के तहत ऑटो उद्योग में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक पॉवर स्टीयरिंग सिस्टम, सेंसर, सुपर कैपिसिटर, सनरूफ, अडाप्टिव फ्रंट लाइटिंग, ऑटोमैटिक ब्रेकिंग, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और काॅलिजन वार्निंग सिस्टम बनाने वाली कंपनियों को फायदा पहुंच सकता है।
वर्तमान में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पूरी तरह घरेलू बाजार पर निर्भर नहीं है। ऑटो उद्योग को विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक और सेमीकंडक्टर कंपोनेंट के लिए चीनी आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। भारत में बनने वाली गाड़ियों के कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चीन से मंगाए जाते हैं।
केंद्रीय एडवाइजरी नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत का कहना है कि अगले दो साल के दौरान बैटरियों के दाम नीचे आएंगे जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत कम होगी। इसके लिए जरूरी है कि हम आयत पर निर्भरता को कम करते हुए देश में इनोवेशन, एफिशिएंसी और निवेश को प्रोत्साहनदेने के उपाय करें।