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Tata Motors खरीदेगी Ford की सानंद स्थित प्लांट, प्रक्रिया हुई शुरू
Ford ने कुछ महीने पहले ही भारतीय बाजार को अलविदा कहा है, कंपनी भारत में दो प्लांट पर काम कर रही थी. ऐसे में Ford की सानंद स्थित प्लांट को Tata Motors लेने जा रही है, अब दोनों कंपनी ने प्लांट के मालिकाना हक को ट्रांसफर करने के लिए सहमति पत्र दे दिया है और आने वाले हफ्ते में इस मंजूरी मिल सकती है. Ford के भारत छोड़ने के बाद ही Tata Motors ने इस प्लांट को खरीदने में रूचि दिखाई थी.
राज्य सरकार द्वारा गठित हाई पॉवर कमिटी जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी देने वाली है. हालांकि टाटा मोटर्स को नैनो प्लांट स्थापित किये जाने के दौरान जो लाभ दिए गये थे वह इस बार दिए जायेंगे या नहीं, यह देखना होगा. फोर्ड इंडिया ने अब तक इस प्लांट को स्थापित करने में 4,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है, यह प्लांट 2.4 लाख यूनिट प्रतिवर्ष व 2.7 लाख इंजन प्रतिवर्ष बनाने की क्षमता रखता है.
बता दें कि Tata Motors का प्लांट गुजरात में पहले से ही मौजूद है, जो Ford India प्लांट के काफी करीब है। इसके पहले Tata Motors, Ford के तमिलनाडु स्थित प्लांट को भी खरीदने की कोशिश कर रही थी। Tata Motors का तमिलनाडु में एक भी प्लांट मौजूद नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक Ford India के चेन्नई प्लांट को खरीदने के लिए Tata Motors पहले ही तमिलनाडु सरकार से मिल चुकी है।
Tata Motors के पोर्टफोलियो में SUV सेगमेंट में Tata Nexon, Harrier और Safari मौजूद है, वहीं हैचबैक और सेडान सेगमेंट में Tata Tiago, Tigor और Altroz शामिल है। कंपनी का लक्ष्य साल 2025 तक कुल 10 इलेक्ट्रिक वाहन को अपने लाइनअप में जोड़ना है। इस इलेक्ट्रिक वाहन में दो Electric Cars Tata Nexon EV और Tata Tigor EV को कंपनी पहले ही लॉन्च कर चुकी है।
माना जा रहा है कि ऐसा करने के लिए कार निर्माता को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ानी होगी और इसी लिए कंपनी Ford India के प्लांट्स को खरीदने की योजना बना रही है। फिलहाल कंपनी भारतीय बाजार में के लिए अपने SUV पोर्टफोलियो को बढ़ा रही है और एक नई माइक्रो-SUV Tata Punch को उतारा है और इसे भी शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।
इसी प्लांट में कंपनी ने अपने आखिरी कार का उत्पादन अक्टूबर में किया था। फोर्ड इंडिया उत्पादन बंद करने का फैसला लेते हुए बताया था कि 2021 की चौथी तिमाही तक साणंद प्लांट और 2022 की दूसरी तिमाही तक चेन्नई प्लांट में उत्पादन बंद किया जाएगा। कंपनी चेन्नई में ईकोस्पोर्ट मॉडल बनाती है, जबकि फिगो, एस्पायर और फ्रीस्टाइल मॉडल साणंद में बनाए जाते हैं।
फोर्ड इंडिया 500 कर्मचारियों के साथ साणंद इंजन एक्सपोर्ट प्लांट का संचालन जारी रखेगी। इसके अलावा भारत में कारोबार का समर्थन जारी रखने के लिए, कस्टमर केयर और पार्ट्स डिस्ट्रीब्यूशन के लिए 100 कर्मचारियों की सेवा जारी रहेगी। फोर्ड इंडिया के मुताबिक, इसके फैसले से करीब 4,000 कर्मचारियों के प्रभावित होने की आशंका है। कंपनी अपने कर्मचारियों को नुकसान से बचाने के लिए मुआवजा पैकेज देने पर विचार कर रही है।
फोर्ड ने बताया था कि भारत में कंपनी पिछले 10 वर्षों से घाटे में चल रही है जिससे कंपनी को 2 बिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। भारत में कंपनी की बिक्री लगातार घट रही है और पिछले कुछ सालों में कार बाजार में मंदी के कारण कारोबार के बढ़ने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। इन सभी कारणों के वजह से उत्पादन बंद करने का फैसला लिया गया है।