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टाटा मोटर्स ने खरीदा फोर्ड का साणंद प्लांट, 725.7 करोड़ रुपये में पूरी हुई डील
फोर्ड के साणंद प्लांट को खरीदने के लिए टाटा मोटर्स और फोर्ड के बीच काफी लंबे समय से चल रही बातचीत अब खत्म हो चुकी है। टाटा मोटर्स ने आखिरकार फोर्ड इंडिया के साणंद (गुजरात) प्लांट को खरीद लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी, टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड (टीपीईएमएल) ने इस प्लांट के लिए 725.7 करोड़ रुपये में डील पूरी की है।
एक समझौते के तहत में टाटा मोटर्स को प्लांट की पूरी जमीन, मकान और वाहन निर्माण संयंत्र के साथ-साथ उसमें स्थित मशीनरी और उपकरणों का मालिकाना हक दिया जाएगा। टीपीईएमएल साणंद प्लांट में सभी पात्र कर्मचारियों को भी नियुक्त करेगा जो टाटा के नेतृत्व में काम करेंगे। हालांकि, फोर्ड पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों पर टीपीईएमएल से पावरट्रेन निर्माण संयंत्र की भूमि और भवनों को पट्टे पर देकर अपनी पावरट्रेन निर्माण सुविधा का संचालन जारी रखेगी।
टीपीईएमएल के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्र ने कहा, "आज एफआईपीएल के साथ उनका समझौता सभी हितधारकों के लिए फायदेमंद है और टाटा मोटर्स की यात्री वाहन खंड में अपनी बाजार स्थिति को और मजबूत करने और इलेक्ट्रिक वाहन खंड में अपने नेतृत्व की स्थिति को जारी रखने की मजबूत आकांक्षा को दर्शाता है।" उन्होंने कहा कि यह भविष्य के लिए तैयार आत्मानबीर भारत के निर्माण की दिशा में एक प्रगतिशील कदम उठाकर भारतीय ऑटो उद्योग के विकास और विकास को गति देगा।
बयान में कहा गया है कि टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी फोर्ड प्लांट के योग्य कर्मचारियों को रोजगार देने के लिए सहमत हो गई है, अगर फोर्ड इन परिचालनों को बाद के चरण में बंद करने का फैसला करती है।
टाटा मोटर्स ने घोषणा की है कि नए प्लांट के अधिग्रहण से कंपनी हर साल अतिरिक्त 3,00,000 वाहन बना सकती है और आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाकर प्रति वर्ष 4,20,000 यूनिट्स किया जा सकता है।
फोर्ड मोटर कंपनी के ट्रांसफॉर्मेशन ऑफिसर स्टीव आर्मस्ट्रांग ने कहा, "यह समझौता भारत में फोर्ड के चल रहे व्यापार पुनर्गठन में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो रणनीतिक परिवर्तन के लिए हमारी योजना का हिस्सा है। समझौते में शामिल योग्य वाहन निर्माण कर्मचारियों के लिए रोजगार के हस्तांतरण के साथ, यह पुनर्गठन से प्रभावित लोगों की देखभाल करने में हमारे सर्वोत्तम प्रयास को भी उजागर करता है।"
आपको बता दें कि फोर्ड ने भारत में अपनी कारों का उत्पादन बंद कर दिया है। कंपनी ने भारत में पिछले एक दशक से लगातार हो रहे घाटे के कारण कारोबार बंद करने का फैसला किया था। फोर्ड की भारत में दो प्लांट है जो साणंद और चेन्नई में है। कंपनी साणंद में छोटी कारों जैसे फिगो, फ्रीस्टाइल, एस्पायर का उत्पादन करती थी जबकि चेन्नई प्लांट में ईकोस्पोर्ट व एंडेवर का उत्पादन किया जाता था।
कई मुश्किलों के बाद भी कंपनी एक्सपोर्ट के लिए कारों व इंजन का उत्पादन कर रही थी। अब इस सफर का अंत हो गया है। कारों की लगातार घट रही बिक्री से कंपनी को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था और आखिरकार कंपनी ने भारतीय बाजार को छोड़ने का फैसला किया। अब तक शेवरले, दैटसन, हार्ले डेविडसन, फिएट, जनरल मोटर्स जैसी कंपनियां भी भारत छोड़ कर जा चुकी हैं।