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अब टायरों को गुणवत्ता के लिए मिलेगी स्टार रेटिंग, 10 प्रतिशत तक बढ़ेगी माइलेज
अब टीवी, फ्रिज और ऐसी के तर्ज पर गाड़ियों के लिए भी स्टार रेटिंग वाले टायरों को लाने की तैयारी की जा रही है। नए रेटिंग सिस्टम को लाने का उद्देश्य न केवल उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले टायर प्रदान करना है, बल्कि वाहन की माइलेज में सुधार करना और भारत में घटिया गुणवत्ता वाले टायर के आयात पर रोक लगाना भी है।

बताया जाता है कि स्टार रेटिंग वाले टायर तीन श्रेणी के वाहनों - सी1, सी2 और सी3 के लिए उपलब्ध किये जाएंगे।। इसमें सी1 व्यक्तिगत वाहन हैं, सी2 हल्के मालवाहक वाहन हैं और सी3 भारी मालवाहक वाहन हैं। स्टार रेटिंग वाले टायर अगले 6 से 9 महीनों के अंदर बाजार में उपलब्ध हो जाएंगे। इसके लिए ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने टायर उद्योग से बातचीत पूरी कर ली है।

टायरों को बेहतर ग्रिप, ईंधन बचाने, कम शोर उत्पन्न करने और वाहन को फिसलन से बचाने की क्षमता के आधार पर रेटिंग दी जाएगी। एक टायर के लिए बेहतर स्टार रेटिंग का मतलब होगा यह टायर वाहन को ईंधन बचाने और ज्यादा माइलेज देने में सक्षम होगा। 5-स्टार रेटिंग वाले टायरों से एक कार में लगभग 10-15% ईंधन बचाया जा सकता है।

स्टार रेटिंग वाले टायर आमतौर पर मिलने वाले टायरों से महंगे होंगे। इसके लिए टायर कंपनियां नई तकनीक पर निवेश कर रही हैं। संभावना है कि अंतिम उपभोक्ता को 5-स्टार या 3-स्टार रेटेड टायर प्राप्त करने के लिए अधिक पैसा खर्च करना होगा।

स्टार रेटिंग वाले टायरों के आने से भारतीय बाजार में खराब गुणवत्ता वाले टायरों को बाहर करने में मदद मिलेगी। ये टायर भारतीय बाजार में गुणवत्ता के एक नए पैमाने को स्थापित करेंगे जिससे खराब टायरों के आयात पर पाबंदी लगाई जा सकेगी। सरकार की योजना भारत के टायर उद्योग को आत्मनिर्भर बनाना है। इससे घरेलू टायर निर्माताओं को बेहतर टायर बनाने की प्रेरणा मिलेगी।

वर्तमान में, भारत में बेचे जाने वाले टायरों को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत अनिवार्य बीआईएस (BIS) सर्टिफिकेशन प्रदान किया जाता है। हालांकि, यह ग्राहकों को टायर की गुणवत्ता की जानकारी नहीं देता है। बीआईएस मार्किंग से टायर निर्माताओं पर गुणवत्ता की जवाबदेही भी नहीं है, जिसका नए मानदंडों में लागू करने का लक्ष्य है।

इस तरह के मानदंड 2016 से यूरोप, जापान और अमेरिका जैसे बाजारों में पहले से ही लागू हैं और इसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए वाहन के प्रदर्शन और सुरक्षा पहलुओं में सुधार करना है। रेटिंग सिस्टम से आने के बाद, कार, बस और भारी वाहनों के घरेलू टायर निर्माताओं और आयातकों दोनों को प्रस्तावित अनिवार्य मानदंडों का पालन करना होगा।

बता दें कि सीएट टायर पहले से ही स्टार रेटिंग वाले टायर बेच रही है। कंपनी अपने टायरों को अलग-अलग परफॉर्मेंस रेटिंग के तहत बेच रही है। इस रेंज में दो टायर रेंज पेश किये गए हैं जिसमे ईंधन की बचत करने वाले फ्यूलस्मार्ट और सिक्यूराड्राइव टायर शामिल हैं।