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रूस ने कार और ऑटो उपकरणों के निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, सेमीकंडक्टर की बढ़ेगी किल्लत
दूसरे देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों के जवाब में रूस कार और ऑटो कंपोनेंट्स समेत 200 से अधिक उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। रूस के इस कदम से वाले कुछ दिनों में दुनिया भर में कुछ प्रमुख ऑटो कंपोनेंट्स की कमी हो सकती है। बताया जाता है कि इससे ऑटोमोबाइल उद्योग में सेमीकंडक्टर की किल्लत और भी बढ़ सकती है। रूस के इस कदम से केवल उसके घरेलू बाजार ही नहीं बल्कि पूरे ऑटोमोबाइल उद्योग के प्रभावित होने की संभावना है।

रूस द्वारा कार और ऑटो कंपोनेंट्स के एक्सपोर्ट पर लगाए गए प्रतिबंध के इस साल तक रहने की उम्मीद है। जानकारी के अनुसार रूस ने अपने द्वारा एक्सपोर्ट किये जाने वाले उत्पादों की सूची से वाहन, टेलीकॉम, स्वास्थ्य, कृषि, लकड़ी और इलेक्ट्रिक उपकरण समेत 100 से अधिक उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

गुरुवार को रूस की राजधानी मॉस्को से रूसी सरकार के उच्चाधारियों ने बयान जारी करते हुए उक्त उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। यह प्रतिबंध उन देशों को हो रहे निर्यात पर लगाया गया है जो रूस-यूक्रेन युद्ध में नाटो (NATO) का साथ दे रहे हैं।

रूस के आर्थिक मंत्रालय ने कहा कि यह प्रतिबंध उन देशों को जवाब है, जिन्होंने रूसी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए सुनियोजित करके से रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। बता दें कि रूस की सरकार ने देश छोड़कर जा रही कंपनियों की सम्पत्तियों का राष्ट्रीयकरण करने की धमकी दी है।

युद्ध के बीच अंतरराष्ट्रीय दबाव में रूस में कई वाहन निर्माताओं ने अपनी फैक्टरियों को बंद कर दिया है। होंडा, टोयोटा, फॉक्सवैगन, जनरल मोटर्स, जगुआर लैंड रोवर, मर्सिडीज-बेंज, फोर्ड और बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियों ने न केवल अपने फैक्टरियों को बंद कर दिया है, बल्कि वे रूस में कारों का निर्यात भी नहीं कर रही हैं।

जीप, फिएट, पूजो की कारें बनाने वाली स्टेलांटिस ऑटोमोबाइल ग्रुप ने भी गुरुवार को रूस में उत्पादन बंद कर दिया। कंपनी ने कहा कि वह रूस में कारों का निर्यात भी बंद कर रही है। स्टेलांटिस के अलावा जापान की मित्सुबिशी ने भी हाल ही में उत्पादन बंद किया है।

युद्ध शुरू होने के बाद उपकरणों की आपूर्ति से जूझ रही हुंडई मोटर कॉर्पोरेशन ने भी रूस में अपने सभी प्लांट्स बंद कर दिए हैं। कंपनी का कहा कि इस स्थिति में उत्पादन को नियमित रखना बेहद मुश्किल है। हालांकि, कंपनी ने कहा है कि वह स्थिति सामान्य होते ही उत्पादन शुरू करेगी।

वहीं रेनॉल्ट मोटर्स ने युद्ध के बीच रूस में अपना उत्पादन जारी रखा है। कंपनी ने कहा कि वह सेमीकंडक्टर और अन्य उपकरणों की कमी का सामना कर रही है। हालांकि, घरेलू बाजार से उपकरणों की आपूर्ति हो रही है जिससे उत्पादन जारी रखा गया है।