दिल्ली में 2018 के बाद से अब तक 53 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ रद्द, कहीं अगला नंबर आपकी कार का तो नही?

भारत में पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है। वायु प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। विशेष रूप से, भारत के प्रमुख शहर वायु प्रदूषण से तेजी से प्रभावित हो रहे हैं। दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। इसलिए वहां पुराने वाहनों पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

दिल्ली में 2018 के बाद से अब तक 53 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ रद्द, कहीं अगला नंबर आपकी कार का तो नही?

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस भारी प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। जिसमें वाहनों को जब्त करना और अधिकतम जुर्माना लगाना शामिल है। इसके अलावा दिल्ली सरकार भीषण प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर रही है।

दिल्ली में 2018 के बाद से अब तक 53 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ रद्द, कहीं अगला नंबर आपकी कार का तो नही?

ऐसे में अब एक आधिकारिक जानकारी सामने आई है कि 17 अक्टूबर तक 50 लाख से अधिक पुराने वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है। इनमें से ज्यादातर वाहन 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल इंजन हैं।

दिल्ली में 2018 के बाद से अब तक 53 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ रद्द, कहीं अगला नंबर आपकी कार का तो नही?

दरअसल दिल्ली में एक तय समय सीमा से ज्यादा पुराने वाहन चलाने पर प्रतिबंध है। इसलिए दिल्ली परिवहन विभाग ऐसे और भारी प्रदूषण करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करता है।

दिल्ली में 2018 के बाद से अब तक 53 लाख वाहनों का पंजीकरण हुआ रद्द, कहीं अगला नंबर आपकी कार का तो नही?

परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2018 से लेकर इस साल 17 अक्तूबर के बीच राजधानी में लगभग 53.38 लाख वाहनों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि इनमें 46 लाख से ज्यादा वाहन पेट्रोल इंजन वाले थे जो 15 साल से ज्यादा पुराने हो गए थे। वहीं 4.15 लाख वाहन में डीजल वाले जो 10 साल से ज्यादा पुराने थे।

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डी-रजिस्टर्ड किए गए वाहनों को अब दिल्ली की सड़कों पर नही चला सकते हैं। बताया जा रहा है कि यह कदम दिल्ली की सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने और नए वाहन की खरीद को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

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वैसे इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण फैलाने वाले वाहन से शहर की लगातार खराब होती हवा की गुणवत्ता को और खराब होने से बचाना है। सुप्रीम कोर्ट ने 15 साल से पुराने सभी पेट्रोल वाहनों और 10 साल से पुराने डीजल वाहनों को दिल्ली में बैन करने को कह चुका है।

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इस तय की गई समय सीमा से ज्यादा पुराने वाहन को चलाने वाले को किसी अधिकृत केंद्र से फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल करना जरूरी है, लेकिन इस प्रक्रिया में ज्यादा खर्च हो सकता है। इसके अलावा वाहन स्क्रैपेज नीति का भी आप फायदा उठा सकते हैं, जहां आपको वाहन को स्क्रैप करवाने के बाद नए वाहन की खरीद पर इंसेंटिव मिल सकता है।

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इस समय दिल्ली में करीब 13,402,875 वाहन हैं जिनमें से लगभग 78,66,867 'सक्रिय' हैं। परिवहन विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, सक्रिय वाहन वे वाहन हैं जिनका वैध पंजीकरण है और जो अभी शहर की सड़कों पर चलने के लिए उपयुक्त हैं।

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Hindi
English summary
Over 50 lakh vehicles deregistered in delhi till october 2022 details
 
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