न पेट्रोल और न ही डीजल, टोयोटा की ये कार चलेगी इस इंधन से; 28 सितंबर को होगी भारत में पेश

वायु प्रदूषण को कम करने के लिए एक तरह जहां इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल जैसे सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधनों की खपत भी कम करने की कोशिश की जा रही है। इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए अब देश में इथेनॉल से चलने वाले फ्लेक्स-इंजन वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है।

न पेट्रोल और न ही डीजल, टोयोटा की ये कार चलेगी इस इंधन से; 28 सितंबर को होगी भारत में पेश

हाल ही में टोयोटा ने देश में बहुत जल्द अपनी पहली फ्लेक्स-इंजन कार को लाने का ऐलान किया है। टोयोटा की यह फ्लेक्स इंजन कार फ्लेक्स-फ्यूल यानी इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पर चल सकेगी। यह कार केवल पेट्रोल या इथेनॉल से भी चलाई जा सकती है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह कार भारत में 28 सितंबर, 2022 को पेश की जाएगी। गडकरी ने ऑटोमोबाइल कंपोनेंट निर्माता संगठन के दूसरे वार्षिक अधिवेशन में बोलते हुए यह जानकारी साझा की।

न पेट्रोल और न ही डीजल, टोयोटा की ये कार चलेगी इस इंधन से; 28 सितंबर को होगी भारत में पेश

हालांकि, गडकरी ने यह नहीं बताया कि ये टोयोटा की कौन सी मॉडल होगी, लेकिन उन्होंने इस कार के फ्लेक्स-फ्यूल से चलने की पुष्टि की है। गडकरी ने कहा कि वे खुद दिल्ली में इस कार को लोगों के सामने पेश करेंगे। बता दें कि टोयोटा ने हाल ही में भारत में अपनी स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड एसयूवी टोयोटा हायराइडर (Toyota Hyryder) को लॉन्च किया है। यह हायराइडर के बाद कंपनी की दूसरी बड़ी लॉन्च होगी।

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क्या है फ्लेक्स-फ्यूल कार?

फ्लेक्स-फ्यूल इंजन वाहनों को फ्लेक्स फ्यूल से चलने के लिए तैयार किया जाता है। ऐसे वाहन पूरी तरह इथेनॉल या फ्लेक्स-फ्यूल (पेट्रोल और इथेनॉल का मिश्रण) से चल सकते हैं। इथेनॉल से चलने के कारण ऐसे वाहन हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम करते हैं और पर्यावरण को भी कम नुकसान पहुंचाते हैं। केंद्र सरकार फ्लेक्स-फ्यूल इंजन पॉलिसी तैयार कर रही है जिसे जल्द ही पेश किया जा सकता है। इस नीति के लागू होने के बाद देश में वाहनों कंपनियों के लिए फ्लेक्स-इंजन वाहन का निर्माण करना अनिवार्य होगा।

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एक अनुमान के अनुसार, फ्लेक्स फ्यूल से भारत में हर साल 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के इथेनॉल का कारोबार किया जा सकता है। इथेनॉल के उपयोग से भारत की निर्भरता पेट्रोल के आयात पर कम होगी और करोड़ों रुपये के राजस्व की भी बचत होगी। इसके अलावा इथेनॉल मिश्रित फ्लेक्स-फ्यूल के इस्तेमाल से वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा।

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इथेनॉल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए पिछले महीने हरियाणा के पानीपत में देश के सबसे बड़े इथेनॉल प्लांट (Ethanol Plant) का उद्घाटन किया गया। इस प्लांट को 900 करोड़ रुपये की लगत से तैयार किया गया है। देश में ही विकसित तकनीक के आधार पर लगभग दो लाख टन चावल के भूसे का उपयोग करके सालाना लगभग 3 करोड़ लीटर जैव ईंधन यानी इथेनॉल का उत्पादन किया जाएगा।

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कैसे तैयार होता है इथेनॉल?

इथेनॉल को तैयार करने के लिए कई तरह के जैविक उत्पादों का उपयोग किया जाता है। आमतौर पर इसे तैयार करने के लिए मक्के, गन्ने और चावल की फसल का उपयोग किया जाता है। कई देशों में जैव-ईंधन (इथेनॉल) को तैयार करने के लिए जट्रोफा (Jatropha) की खेती की जाती है, जो एक तरह का पौधा है।

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इन सभी जैविक उत्पादों को जैव-ईंधन बनाने वाली फैक्ट्री में कई चरणों में रासयनिक प्रोसेसिंग की प्रक्रिया से गुजारा जाता है। इन फैक्ट्रियों में अंतिम उत्पाद के तौर पर इथेनॉल निकलता है जिसकी कैलोरिफिक वैल्यू यानी ऊर्जा पैदा करने की क्षमता पेट्रोल से कम होती है लेकिन जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य जहरीली गैसों का उत्सर्जन भी कम होता है।

(नोट: तस्वीरें सांकेतिक हैं।)

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Hindi
English summary
Nitin gadkari to unveil toyotas first flex fuel car in india on 28th september
Story first published: Thursday, September 15, 2022, 15:45 [IST]
 
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